उत्तराखंड का भौगोलिक परिदृश्य (Geographical Landscape of Uttarakhand)

उत्तराखंड का भौगोलिक परिदृश्य

उत्तराखंड भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक खूबसूरत और भौगोलिक रूप से विविधतापूर्ण राज्य है। यहाँ बर्फीली चोटियाँ, घने जंगल, ऊँचे पर्वत और हरे-भरे मैदान हैं। इस राज्य की भौगोलिक स्थिति इसे भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है।


उत्तराखंड की अवस्थिति एवं विस्तार

  • स्थिति: भारत के उत्तर-पश्चिम में
  • अक्षांशीय विस्तार: 28°43' से 31°27' उत्तरी अक्षांश
  • देशांतरीय विस्तार: 77°34' से 81°02' पूर्वी देशांतर
  • कुल विस्तार:
    • अक्षांशीय विस्तार: 2°44'
    • देशांतर विस्तार: 3°28'
  • आकार: लगभग आयताकार

उत्तराखंड का भौगोलिक क्षेत्रफल

  • कुल क्षेत्रफल: 53,483 वर्ग किमी
  • भारत में क्षेत्रफल के अनुसार स्थान: 19वां राज्य
  • भारत के कुल क्षेत्रफल का प्रतिशत: 1.69%

क्षेत्रफल का वितरण:

  • पहाड़ी क्षेत्र: 46,035 वर्ग किमी (86.07%)
  • मैदानी क्षेत्र: 7,448 वर्ग किमी (13.93%)

लंबाई और चौड़ाई:

  • पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई: 358 किमी
  • उत्तर से दक्षिण तक की चौड़ाई: 320 किमी

प्राकृतिक विशेषताएँ:

  • पर्वतीय क्षेत्र: हिमालयी चोटियों से घिरा, जहाँ नंदा देवी, त्रिशूल, और बंदरपंच की ऊँचाईयाँ प्रमुख हैं।
  • नदियाँ: गंगा, यमुना, अलकनंदा, भागीरथी और काली नदी।
  • झीलें: नैनी झील, भीमताल, सातताल आदि।
  • वन क्षेत्र: देवदार, बांज, चीड़, बुरांश जैसे जंगल।

प्रशासनिक विभाजन:

  • कुल जिले: 13
  • प्रमुख जिले: देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, चमोली, उत्तरकाशी आदि।

उत्तराखंड की सीमाएँ और भू-गर्भिक संरचना

उत्तराखंड भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक सुंदर राज्य है, जिसकी सीमाएँ प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से विविध हैं। इसके चारों ओर अंतर्राष्ट्रीय और राज्यों की सीमाएँ फैली हुई हैं, जो इसे एक विशेष भौगोलिक पहचान प्रदान करती हैं।


उत्तराखंड की प्राकृतिक सीमाएँ

  • उत्तर में: वृहत हिमालय
  • पश्चिम में: टौंस नदी
  • दक्षिण-पश्चिम में: शिवालिक श्रेणियाँ
  • दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व में: तराई क्षेत्र
  • पूर्व में: काली नदी (नेपाल की सीमा)

सीमावर्ती देश और राज्य

अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ:

  • पूर्व में: नेपाल (काली नदी के पार)
  • उत्तर में: तिब्बत और चीन

सीमावर्ती राज्य:

  • उत्तर-पश्चिम में: हिमाचल प्रदेश
  • दक्षिण में: उत्तर प्रदेश

महत्वपूर्ण जिलों की सीमाएँ:

  • सबसे लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाला जिला: पिथौरागढ़ (नेपाल और तिब्बत से सटा)
  • नेपाल से सटे जिले: पिथौरागढ़, चंपावत, ऊधमसिंह नगर
  • चीन से सटे जिले: पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी
  • उत्तर प्रदेश से सटे जिले: ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, देहरादून
  • हिमाचल प्रदेश से सटे जिले: उत्तरकाशी, देहरादून
  • हरियाणा को स्पर्श करने वाला एकमात्र जिला: देहरादून

भौगोलिक स्थिति अनुसार प्रमुख जिले:

  • सबसे उत्तरी जिला: उत्तरकाशी
  • सबसे दक्षिणी जिला: ऊधमसिंह नगर
  • सबसे पूर्वी जिला: पिथौरागढ़
  • सबसे पश्चिमी जिला: देहरादून

अलग-थलग जिले:

  • ऐसे जिले जिनकी सीमा किसी अन्य देश या राज्य से नहीं लगती: रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, बागेश्वर

क्षेत्रफल के अनुसार:

  • सबसे बड़ा जिला: चमोली (8,030 वर्ग किमी)
  • सबसे छोटा जिला: चंपावत (1,766 वर्ग किमी)

उत्तराखंड की भू-गर्भिक संरचना

उत्तराखंड की भू-गर्भिक संरचना इसकी भौगोलिक विशेषताओं को निर्धारित करती है। इसकी संरचना हिमालय की उत्पत्ति से संबंधित है, जो विभिन्न भू-वैज्ञानिक युगों में विकसित हुआ है।

मुख्य भू-गर्भिक विशेषताएँ:

  • मुख्य चट्टानें: कठोर शिस्ट, ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज, अभ्रक, हार्नब्लैण्ड
  • प्रमुख क्षेत्रों में चट्टानें:
    • गंगोत्री और यमुनोत्री के मध्यवर्ती क्षेत्र: रवेदार चट्टानें
    • दूधातोली पर्वत क्षेत्र: रवेदार हार्नब्लैण्ड, क्वार्ट्ज, ग्रेनाइट

हिमालय के उद्भव के युग:

  1. इयोसीन युग
  2. मायोसीन युग
  3. प्लायोसीन युग

उत्तराखंड का भौगोलिक विभाजन

उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना को विभिन्न धरातलीय, भूगर्भिक, एवं उच्चावच स्वरूपों के आधार पर 8 प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। यह विभाजन राज्य की भौगोलिक विविधता, कृषि, वनस्पति, जलवायु, एवं प्राकृतिक संसाधनों को परिलक्षित करता है।


1. गंगा का मैदानी क्षेत्र:

यह क्षेत्र गंगा नदी द्वारा लाए गए महीन कणों वाले अवसादों से बना है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • मृदा प्रकार: काँप मृदा और कीचड़
  • बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की मृदा: रवेदार
  • गैर-बाढ़ वाले क्षेत्रों की मृदा: बाँगर मृदा
  • कृषि उत्पाद: गन्ना, गेहूँ, धान
  • महत्वपूर्ण क्षेत्र: हरिद्वार का दक्षिणी भाग
  • सड़क व रेल मार्ग: मुख्यतः जुड़े हुए

2. तराई क्षेत्र:

यह क्षेत्र गंगा के मैदानी क्षेत्र के उत्तर में और शिवालिक पहाड़ियों के दक्षिण में स्थित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • मिट्टी: महीन कणों से युक्त अवसाद
  • चौड़ाई: 20-30 किमी
  • महत्वपूर्ण शहर: औरंगाबाद, ज्वालापुर, सितारगंज, बाजपुर, काशीपुर, खटीमा, रुद्रपुर
  • फसलें: धान, गन्ना
  • विशेषता: दलदली और उपजाऊ भूमि
  • महत्वपूर्ण जिला: ऊधमसिंह नगर

3. भाबर क्षेत्र:

यह कंकरीली और पथरीली मृदा वाला क्षेत्र है जो तराई के उत्तर में तथा शिवालिक पहाड़ियों के दक्षिण में स्थित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • चौड़ाई: 10-12 किमी
  • महत्वपूर्ण विस्तार: पूर्व में चम्पावत से पश्चिम में देहरादून तक
  • मिट्टी: पथरीली व बंजर भूमि
  • उपयुक्तता: कृषि के लिए अनुपयुक्त
  • वनस्पति: प्राकृतिक जंगल और झाड़ियाँ
  • वृक्ष: शीशम, सेमल, आँवला, बाँस

4. शिवालिक क्षेत्र (बाह्य हिमालय):

यह क्षेत्र हिमालय की बाहरी दक्षिणी श्रेणी है, जिसे "गिरिपाद" भी कहा जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • औसत ऊँचाई: 700-1200 मीटर
  • चौड़ाई: 10-20 किमी
  • वृक्ष: बेंत, चीड़, साल, बुरांश
  • जलवायु: गर्म एवं आर्द्र
  • वर्षा: 200-250 सेमी वार्षिक वर्षा
  • महत्वपूर्ण स्थल: एवॉट माउंट (चम्पावत), मसूरी, देहरादून

5. दून (द्वार) क्षेत्र:

यह क्षेत्र शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच 24-32 किमी चौड़ी घाटियों में फैला हुआ है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • प्रमुख दून: देहरादून (सबसे बड़ा), हर की दून (उत्तरकाशी), नन्धौरदून (नैनीताल)
  • कृषि: गहन कृषि (धान की खेती प्रमुख)
  • वर्षा: 200-250 सेमी

6. मध्य हिमालय क्षेत्र:

यह क्षेत्र शिवालिक पहाड़ियों के उत्तर में और वृहत हिमालय के दक्षिण में स्थित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • चौड़ाई: 70-100 किमी
  • ऊँचाई: 1,200-4,500 मीटर
  • महत्वपूर्ण शहर: अल्मोड़ा, चमोली, मसूरी, रानीखेत
  • ताल: भीमताल, साता ताल, खुरपाताल
  • वनस्पति: देवदार, साल, चीड़
  • कृषि: मक्का, सेब, नाशपाती, अखरोट
  • प्रमुख नदियाँ: सरयू, पश्चिमी रामगंगा, नयार

7. वृहत हिमालय क्षेत्र:

यह उत्तराखंड का सबसे ऊँचा क्षेत्र है जो उत्तर में स्थित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • प्रमुख चोटियाँ: नंदा देवी, कामेट, त्रिशूल
  • बुग्याल: उच्च पर्वतीय घास के मैदान
  • वृक्ष: बुरांश, भोजपत्र, देवदार
  • प्राकृतिक सुंदरता: हिमाच्छादित पर्वत और ग्लेशियर

8. सीमांत पर्वतीय क्षेत्र:

यह क्षेत्र तिब्बत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • प्राकृतिक संसाधन: औषधीय जड़ी-बूटियाँ, हिमनद
  • पर्यटन: केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री
  • धार्मिक स्थल: मानसरोवर यात्रा मार्ग

उत्तराखण्ड का पामीर - दूधातोली श्रेणी

उत्तराखण्ड का पामीर कहे जाने वाली दूधातोली श्रेणी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पति और नदियों के लिए प्रसिद्ध है। यह श्रेणी उत्तराखण्ड की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


दूधातोली श्रेणी का भूगोल

स्थान: लघु हिमालय और वृहत हिमालय के बीच
चौड़ाई: 15 से 30 किमी
समुद्र तल से ऊँचाई: 2500-3500 मीटर
स्थिति: उत्तराखण्ड के जिलों उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ में विस्तार


दूधातोली के प्रमुख भौगोलिक तत्व

वनस्पति और वृक्षों की विविधता

➤ बुग्याल, चरागाह, बाँज, खर्ट्स, कैल और देवदार के सघन वन यहाँ की प्रमुख वनस्पतियाँ हैं।
➤ क्षेत्र का तापमान वर्षभर निम्न रहता है, जिससे यह हिमाच्छादित रहता है।

प्रमुख नदियाँ

दूधातोली से पाँच प्रमुख नदियाँ निकलती हैं:

  1. रामगंगा
  2. आटागाड़
  3. पश्चिमी नयार
  4. पूर्वी नयार
  5. वूनो नदी

वृहत हिमालय क्षेत्र का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व

प्राचीन नाम

➤ प्राचीन ग्रंथों में इसे हिमाद्रि कहा गया है।
➤ यहाँ की प्रमुख चोटियाँ हैं:

  • नन्दा देवी (7817 मीटर) - सर्वोच्च चोटी
  • कामेट (7756 मीटर) - दूसरी सबसे ऊँची चोटी
  • त्रिशूल, गंगोत्री, बद्रीनाथ, माणा पर्वत आदि।

वृहत हिमालय क्षेत्र के निवासी

मुख्य व्यवसाय: पशुपालन और कृषि (ग्रीष्मकालीन फसलें - जौ, महुवा, गेहूँ)
प्राकृतिक धरोहर: फूलों की घाटी (चमोली), भागीरथी, पंचाचूली, बंदरपूँछ आदि।


ट्रांस हिमालयी क्षेत्र का परिचय

स्थान: हिमालय के उत्तर और तिब्बत (चीन) में फैला क्षेत्र
चौड़ाई: 20-30 किमी
मुख्य पर्वत श्रृंखला: जास्कर श्रेणी


दूधातोली श्रेणी उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। इसकी हिमाच्छादित चोटियाँ, हरे-भरे वन, बुग्याल और सदाबहार नदियाँ इसे भारत का पामीर बनाती हैं। इसका अध्ययन पर्यटन, भूगोल और इतिहास प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उत्तराखण्ड के प्रमुख दर्रे

उत्तराखण्ड हिमालय के उत्तर में ट्रान्स हिमालयी जैक्सर श्रेणियाँ, भारत तथा तिब्बत की जल-विभाजक रेखा बनाती हैं। इन श्रेणियों के मध्य आर-पार जाने के अनेकों गिरिद्वार (दर्रा) स्थित हैं, जिनका महत्वपूर्ण रणनीतिक और सांस्कृतिक महत्व है।

प्रमुख दर्रे:

  1. जास्कर श्रेणी के प्रमुख दर्रे:

    • जेलूखगा
    • माणा
    • नीति
    • दमजन
    • शलशल
  2. उत्तरकाशी और तिब्बत को जोड़ने वाला प्रमुख दर्रा:

    • थांगला दर्रा (6079 मीटर)
  3. मेलंग-सागचोकला और मुलिंग ला दर्रा अवस्थित हैं उत्तरकाशी-तिब्बत में।

  4. पिथौरागढ़ और तिब्बत को जोड़ने वाले प्रमुख दर्रे:

    • लाम्पिया धुरा
    • देविधुरा
    • मानस्या धुरा
    • लिपुलेख
  5. मानसरोवर यात्रा हेतु धर्माथी कौन से दर्रे से गुजरते हैं?

    • लिपुलेख दर्रा
  6. चमोली और तिब्बत को जोड़ने वाले प्रमुख दर्रे:

    • किंगरी विंगरी
    • बालचा धुरा
    • नीति
    • शलशल
    • लभलंग
  7. बागेश्वर और पिथौरागढ़ को जोड़ने वाला दर्रा:

    • ट्रेल दर्रा
  8. उत्तरकाशी और हिमालय प्रदेश को जोड़ने वाला दर्रा:

    • शृंगकण्ठ दर्रा

प्रमुख गिरिद्वारों का विवरण:

दर्रा                समुद्रतल से ऊंचाईस्थान
लिपुलेख-गुंजी                            5334 मीटर                        पिथौरागढ़-तिब्बत
दारमा-नवीधुरा5800 मीटरपिथौरागढ़-तिब्बत
मानस्या-धुरा5500 मीटरपिथौरागढ़-तिब्बत
लम्पिया-धुरा5600 मीटरपिथौरागढ़-तिब्बत
लेविधुरा5580 मीटरपिथौरागढ़-तिब्बत
बालचा धुरा5400 मीटरचमोली-तिब्बत
ऊँटा जयन्ती-किंग्री विग्री5000 मीटरपिथौरागढ़-तिब्बत
माणा-डुग्रीला5608 मीटरचमोली-तिब्बत
नेलंग-सागचोकला5700 मीटरउत्तरकाशी-तिब्बत
थाग-ला6079 मीटरउत्तरकाशी-तिब्बत
ट्रेलपास5356 मीटरबागेश्वर-पिथौरागढ़
नीति5000 मीटरचमोली-तिब्बत
मुलिंग-ला5669 मीटरउत्तरकाशी-तिब्बत
श्रीकंठ1500 मीटरउत्तरकाशी-हिमाचल प्रदेश
लमलग4268 मीटरचमोली-तिब्बत
चोरी-होती5044 मीटरचमोली-तिब्बत
शलशल-ला4977 मीटरचमोली-तिब्बत

इन प्रमुख दर्रों के माध्यम से उत्तराखण्ड और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक यात्री मार्ग चलते हैं, जो आज भी महत्वपूर्ण यात्रा मार्ग के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

महत्वपूर्ण दर्रों का सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव

उत्तराखण्ड के इन दर्रों का धार्मिक और व्यापारिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। खासकर मानसरोवर यात्रा के लिए, यह दर्रे तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य मार्ग प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यह दर्रे तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक माध्यम बने हैं।

25 FQCs: उत्तराखंड का भौगोलिक परिदृश्य

1. उत्तराखंड का भौगोलिक विस्तार

Q: उत्तराखंड का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार क्या है?
A: अक्षांशीय विस्तार: 28°43' से 31°27' उत्तर, देशांतरीय विस्तार: 77°34' से 81°02' पूर्व।

2. राज्य का क्षेत्रफल और रैंकिंग

Q: उत्तराखंड का कुल क्षेत्रफल कितना है और भारत में इसका कौन-सा स्थान है?
A: कुल क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किमी, भारत में 19वां स्थान।

3. उत्तराखंड का पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र

Q: उत्तराखंड का कितना प्रतिशत हिस्सा पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र है?
A: पर्वतीय क्षेत्र 86.07% और मैदानी क्षेत्र 13.93%।

4. भौगोलिक स्थिति

Q: उत्तराखंड भारत के किस भाग में स्थित है?
A: भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में।

5. प्राकृतिक सीमाएँ

Q: उत्तराखंड की प्राकृतिक सीमाएँ क्या हैं?
A: उत्तर में हिमालय, पश्चिम में टौंस नदी, दक्षिण में तराई क्षेत्र और पूर्व में काली नदी।

6. प्रमुख नदियाँ

Q: उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
A: गंगा, यमुना, अलकनंदा, भागीरथी, और काली नदी।

7. महत्वपूर्ण झीलें

Q: उत्तराखंड की प्रमुख झीलों के नाम बताइए।
A: नैनी झील, भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल।

8. प्रमुख पर्वत चोटियाँ

Q: उत्तराखंड की मुख्य पर्वत चोटियाँ कौन-सी हैं?
A: नंदा देवी, त्रिशूल, बंदरपंच, कामेट।

9. राज्य के प्रशासनिक जिले

Q: उत्तराखंड में कुल कितने जिले हैं?
A: कुल 13 जिले।

10. उत्तराखंड के सीमावर्ती राज्य

Q: उत्तराखंड की सीमा किन राज्यों और देशों से मिलती है?
A: उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, और दक्षिण में उत्तर प्रदेश।

11. प्रमुख दून क्षेत्र

Q: उत्तराखंड के दून क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
A: देहरादून, हर की दून, नन्धौरदून।

12. वनस्पति और वनों की किस्में

Q: उत्तराखंड के प्रमुख वनों की किस्में कौन-सी हैं?
A: देवदार, बुरांश, चीड़, बांज, भोजपत्र।

13. भू-गर्भिक संरचना

Q: उत्तराखंड की भू-गर्भिक संरचना किन चट्टानों से बनी है?
A: शिस्ट, ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज, अभ्रक।

14. हिमालय के प्रमुख भाग

Q: उत्तराखंड में हिमालय की कौन-कौन सी श्रेणियाँ स्थित हैं?
A: शिवालिक, मध्य हिमालय और वृहत हिमालय।

15. सबसे बड़ा जिला

Q: उत्तराखंड का सबसे बड़ा जिला कौन-सा है?
A: चमोली (8,030 वर्ग किमी)।

16. सबसे छोटा जिला

Q: उत्तराखंड का सबसे छोटा जिला कौन-सा है?
A: चंपावत (1,766 वर्ग किमी)।

17. भाबर क्षेत्र की विशेषता

Q: भाबर क्षेत्र की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
A: कंकरीली और पथरीली मिट्टी, जल का तेजी से अवशोषण।

18. तराई क्षेत्र की फसलें

Q: उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में कौन-सी प्रमुख फसलें होती हैं?
A: गन्ना, गेहूँ, और धान।

19. उच्च पर्वतीय क्षेत्र

Q: उत्तराखंड का उच्च पर्वतीय क्षेत्र किस प्रकार का है?
A: बर्फीली चोटियाँ, ग्लेशियर और बुग्याल।

20. उत्तराखंड की जलवायु

Q: उत्तराखंड की जलवायु किस प्रकार की है?
A: पर्वतीय क्षेत्र में ठंडी और मैदानी क्षेत्र में समशीतोष्ण।

21. मुख्य पर्यटन स्थल

Q: उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं?
A: मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश, औली, केदारनाथ।

22. प्रसिद्ध तीर्थ स्थल

Q: उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कौन-से हैं?
A: बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री।

23. प्रमुख बुग्याल क्षेत्र

Q: उत्तराखंड के मुख्य बुग्याल क्षेत्र कौन-से हैं?
A: अली बुग्याल, बेदिनी बुग्याल।

24. सीमांत जिले

Q: उत्तराखंड के सीमांत जिले कौन-से हैं?
A: पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली।

25. उत्तराखंड का ‘पामीर’ क्षेत्र

Q: उत्तराखंड का 'पामीर' क्षेत्र किसे कहा जाता है?
A: दूधातोली श्रेणी को।

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