झांकर सैम देवता मंदिर: एक अद्भुत धार्मिक स्थल (Jhankar Sam Devta Temple: A Wonderful Religious Site)

झांकर सैम देवता मंदिर: एक अद्भुत धार्मिक स्थल

झांकर सैम देवता मंदिर, जो महादेव शिव के अवतार सैम देवता को समर्पित है, उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर से चार किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह मंदिर दारुका वन के देवदार के वनों के बीच एक पहाड़ी पर स्थित है और इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत ही गहरा है।

झांकर सैम देवता की उत्पत्ति

सैम देवता की उत्पत्ति एक दिलचस्प कहानी से जुड़ी हुई है। इतिहासकार डॉ. मदन चंद्र भट्ट के अनुसार, सैम देवता की मां कालीनारा राजा निकन्दर की पुत्री थीं। एक बार कालीनारा ने कुम्भ मेला में गंगा स्नान की इच्छा जताई, लेकिन उसे उसके परिवार से अनुमति नहीं मिली। आखिरकार, एक दिन उसने अपनी ननद से अनुमति ली और वह तीर्थ यात्रा पर निकल पड़ी। यात्रा के दौरान वह गर्भवती हो गई और भटकते हुए शिव अवतार बाबा गोरखनाथ के आश्रम तक पहुंची। बाबा ने उसे शरण दी और समय आने पर कालिनारा के गर्भ से हरु देवता का जन्म हुआ, जो बाद में सैम देवता के रूप में प्रसिद्ध हुए।

झांकर सैम मंदिर का महत्त्व

झांकर सैम मंदिर को लेकर एक विशेष धार्मिक मान्यता है। इसे भगवान शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। यहां की मान्यता के अनुसार, सैम देवता को सभी देवी-देवताओं का गुरू माना जाता है और उन्हें भगवान शिव का साक्षात रूप माना जाता है। इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों को सुख, शांति, और आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

मंदिर की खासियत

झांकर सैम मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग स्थित है और यहां पर हर दिन सुबह और शाम की आरती होती है। मंदिर में विशेष रूप से सावन महीने में भगवान शिव की धुनी जलती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, मंदिर में देवदार के पेड़ से दूध निकलने की पुरानी मान्यता थी, जो अब बंद हो चुकी है, लेकिन इस पेड़ के पीछे भगवान गणेश की आकृति आज भी मौजूद है।

झांकर सैम मंदिर में शादी

यह मंदिर विशेष रूप से विवाह से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां शादी करने वाले दंपत्तियों के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। जिनकी कुंडली में ग्रह दोष होते हैं, वे भी इस मंदिर में पूजा करने से अपनी समस्याओं का समाधान पाते हैं। यही कारण है कि यहां विवाह के लिए बुकिंग पहले से करनी पड़ती है और विशेष अवसरों पर रात में भी विवाह संपन्न होते हैं।

झांकर सैम मंदिर के दर्शन

झांकर सैम मंदिर जाने के लिए आपको उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिला पहुंचना होगा। यहां से आपको जागेश्वर की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाना होता है। यह मंदिर भगवान शिव के अंशावतार सैम देवता को समर्पित होने के कारण धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहां आने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

निष्कर्ष

झांकर सैम मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि यह एक ऐसा धार्मिक स्थान भी है जहां आस्था और विश्वास के माध्यम से भक्त अपनी परेशानियों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। यहां का वातावरण और धार्मिक महत्व सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है, और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आकर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Frequently Asked Questions (FQCs) - झांकर सैम देवता मंदिर

  1. झांकर सैम देवता मंदिर कहाँ स्थित है?
    झांकर सैम देवता मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर से चार किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह दारुका वन में देवदार के वनों के बीच एक पहाड़ी पर स्थित है।

  2. झांकर सैम देवता के बारे में क्या विशेष है?
    झांकर सैम देवता को भगवान शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है और उन्हें सभी देवी-देवताओं का गुरू माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

  3. झांकर सैम मंदिर की स्थापना का इतिहास क्या है?
    झांकर सैम मंदिर की स्थापना सैम देवता के अवतरण से जुड़ी है। यह मंदिर कालीनारा की कहानी से जुड़ा है, जिन्होंने बाबा गोरखनाथ से शरण लेकर सैम देवता का जन्म दिया।

  4. क्या यहां पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं?
    हाँ, झांकर सैम देवता की पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर, आर्थिक समस्याओं और संतान सुख की प्राप्ति के लिए इस मंदिर में पूजा की जाती है।

  5. क्या इस मंदिर में विशेष रूप से कोई त्यौहार मनाए जाते हैं?
    हाँ, यहां विशेष रूप से सावन माह में भगवान शिव की धुनी जलती है और भक्तों का तांता लगता है। इसके अलावा, चैत्र बैसाख में देवयात्राएं ढोल-नगाड़ों के साथ निकलती हैं।

  6. क्या झांकर सैम मंदिर में दर्शन करने से समस्याएं दूर होती हैं?
    हाँ, यह मंदिर भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए प्रसिद्ध है। कई लोग यहां पूजा करने के बाद अपनी समस्याओं से मुक्ति पाते हैं।

  7. झांकर सैम देवता को किस रूप में पूजा जाता है?
    झांकर सैम देवता को स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। उन्हें भगवान शिव का अंशावतार माना जाता है।

  8. झांकर सैम मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?
    झांकर सैम मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको अल्मोड़ा से जागेश्वर की ओर जाना होता है। मंदिर पहाड़ी इलाके में स्थित है, जो एक शांत और धार्मिक स्थल है।

  9. क्या यहां विशेष रूप से कोई पूजा विधि है?
    हाँ, इस मंदिर में हर दिन सुबह और शाम की आरती होती है और दोपहर 12 बजे भगवान को दाल और चावल का भोग अर्पित किया जाता है।

  10. क्या झांकर सैम देवता की पूजा से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है?
    हाँ, यहां विशेष रूप से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाता है। यह मंदिर उन लोगों के लिए प्रसिद्ध है जिनकी शादी में कोई बाधा आती है।

  11. क्या झांकर सैम मंदिर में देवी-देवताओं के अन्य रूप भी हैं?
    हाँ, झांकर सैम मंदिर में देवी का भी एक मंदिर है, जो कई साल पुराना है। इसके अलावा, देवदार के पेड़ के पीछे भगवान गणेश की आकृति भी पाई जाती है।

  12. क्या झांकर सैम देवता का कोई अन्य नाम है?
    हाँ, झांकर सैम देवता को भगवान शिव का साक्षात अंशावतार माना जाता है और कुछ भक्त उन्हें स्वयंभू शिव के नाम से भी पुकारते हैं।

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