झांकर सैम मंदिर – भगवान शिव के अद्भुत मंदिर की कहानी (Jhankar Sam Temple – The Story of the Amazing Temple of Lord Shiva)
झांकर सैम मंदिर – भगवान शिव के अद्भुत मंदिर की कहानी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के झांकर सैम मंदिर (Jhankar Saim Temple) का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह मंदिर भगवान शिव के सबसे विख्यात मंदिरों में से एक माना जाता है और यह जागेश्वर धाम से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर कुमाऊं क्षेत्र में एक विशेष मान्यता है, जो इसे एक अद्वितीय धार्मिक स्थल बनाती है।
मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा
झांकर सैम मंदिर की मान्यता कुमाऊं के इतिहास में गहरे से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस स्थान पर तपस्या की थी। इस दौरान सप्तर्षियों की पत्नियां शिव के आकर्षण से मोहित हो गईं, जिससे सप्तर्षि क्रोधित हो गए। इसके बाद भगवान शिव को तरुण जागेश्वर के रूप में स्थापित किया गया। वहीं, झांकर सैम मंदिर में भगवान शिव ने सैम देवता के रूप में विराजमान होकर पूजा-अर्चना की।
यह भी मान्यता है कि इस मंदिर को शिवजी की जटाओं के कारण यह नाम मिला। कुमाऊं में भगवान शिव और महाकाली के रूप में उनके वास की मान्यता भी है, और इसे मानसखंड जैसे धार्मिक ग्रंथों में भी वर्णित किया गया है।
मंदिर का महत्व और स्थानीय मान्यताएँ
झांकर सैम मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ महाकाली का वास माना जाता है। यहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां दर्शन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मंदिर में स्वयंभू लिंग में झांकर सैम देवता विराजमान हैं, जिनसे जुड़ी एक खास बात यह है कि इन्हें देवताओं के मामू के रूप में पूजा जाता है। यह देवता सभी देवी-देवताओं के गुरु माने जाते हैं, और जो भी व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर उनके पास जाता है, उनकी सहायता की जाती है।
शादी के लिए क्यों जाते हैं लोग यहाँ?
झांकर सैम मंदिर में शादी करने का भी विशेष महत्व है। यहां विवाह करने वाले दंपत्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। खासतौर पर, जिनकी कुंडली में ग्रह दोष होते हैं या जिनकी शादी के लिए परिवारों के बीच असहमति होती है, वे लोग यहां आकर शादी करते हैं और उनके सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर में शादी करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
यहां शादी के लिए लोग कई दिनों पहले बुकिंग करते हैं, और ज्यादातर शादियाँ दिन के समय होती हैं। लेकिन कुछ खास अवसरों पर रात में भी विवाह सम्पन्न होते हैं।
मंदिर की अद्भुत घटनाएँ
झांकर सैम मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का यह भी मानना है कि इस स्थान पर देवदार के पेड़ों से कुछ दशकों पहले तक दूध निकलता था। हालांकि, अब समय के साथ यह प्रक्रिया बंद हो चुकी है, फिर भी इस बात की विश्वसनीयता बनी हुई है। पेड़ के पीछे भगवान गणेश की आकृति अब भी बनी हुई है, जिसे सैंकड़ों वर्ष पुराना माना जाता है। यह एक ऐसा चमत्कारी दृश्य है, जो श्रद्धालुओं को चौंका देता है और यहां आने की इच्छा को और बढ़ा देता है।
मंदिर में अन्य धार्मिक स्थल
झांकर सैम मंदिर में भगवान शिव के अलावा महाकाली का मंदिर भी स्थित है, जो कई वर्षों पुराना है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की शिल्प कला और वास्तुकला भी अद्वितीय है।
निष्कर्ष
झांकर सैम मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां श्रद्धालु अपनी पूरी श्रद्धा के साथ जाते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके इतिहास, पौराणिक कथाओं, और चमत्कारी घटनाओं के कारण भी श्रद्धालुओं के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है। अगर आप उत्तराखंड में हैं तो इस मंदिर की यात्रा जरूर करें और भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखी बनाएं।
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