उत्तराखंड हिमालय के जंगली खाद्य पौधों की सूची
उत्तराखंड का हिमालय जैव विविधता का खजाना है, जहां अनेक जंगली खाद्य पौधे पाए जाते हैं। ये पौधे न केवल पोषण प्रदान करते हैं, बल्कि औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जंगली खाद्य पौधों की सूची और उनके लाभ दिए गए हैं:
1. रुबस एलिप्टिका (हिसालू / हिंसर)
- परिचय: इसे गोल्डन हिमालयन रास्पबेरी भी कहते हैं। यह एक झाड़ी है जिसमें पीले रंग के छोटे-छोटे फल लगते हैं।
- उपयोग:
- फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और बुखार, पेट दर्द, खांसी और गले की खराश के उपचार में उपयोगी हैं।
- तिब्बती चिकित्सा में इसका उपयोग गुर्दे की कमजोरी और अन्य बीमारियों के लिए किया जाता है।
हिसाऊ/हिसालू/हिसारु/हिसर |
2. फ़िकस ऑरिकुलाटा (तिमला)
- परिचय: यह मोरेसी परिवार का पौधा है। इसके बड़े पत्ते और तने पर लगने वाले गोल फल इसे विशिष्ट बनाते हैं।
- उपयोग:
- फल ताजे खाए जाते हैं या सब्जी के रूप में पकाए जाते हैं।
- पौधे में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।
3. बर्बेरिस एशियाटिका (किल्मोरा)
- परिचय: यह एक झाड़ी है जिसमें आयताकार पत्तियाँ और पीले फूल होते हैं।
- उपयोग:
- जामुन हल्के रेचक होते हैं और बच्चों को दिए जाते हैं।
- जड़ों का उपयोग मधुमेह और गठिया के इलाज में किया जाता है।
4. डिप्लाज़ियम एस्कुलेंटम (लिंगुरा)
- परिचय: यह ड्रायोप्टेरिडेसी परिवार का पौधा है। इसकी युवा पत्तियाँ खाने योग्य होती हैं।
- उपयोग:
- पत्तियों को उबालकर और मसालों के साथ पकाकर सब्जी बनाई जाती है।
- प्रकंदों का उपयोग अनाज भंडारण में कीटों से बचाव के लिए किया जाता है।
5. रोडोडेंड्रॉन आर्बोरेटम (बुरांश)
- परिचय: यह एक सदाबहार पेड़ है, जो लाल रंग के आकर्षक फूलों के लिए प्रसिद्ध है।
- उपयोग:
- फूलों का उपयोग पेट संबंधी समस्याओं, डायरिया और पेचिश के उपचार में किया जाता है।
- फूलों का रस स्वादिष्ट पेय बनाने में उपयोग होता है।
6. पाइरस पाशिया (मेहल)
- परिचय: यह जंगली हिमालयी नाशपाती का पेड़ है। इसके छोटे, मीठे फल खाए जाते हैं।
- उपयोग:
- फल विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं।
- फूलों का उपयोग औषधीय रूप से किया जाता है।
7. मिरिका एन्सकुलाटा (कैफाल)
- परिचय: यह एक छोटा पेड़ है, जिसके फल और पत्तियाँ औषधीय होती हैं।
- उपयोग:
- जड़ों और पत्तियों का उपयोग पारंपरिक औषधियों में किया जाता है।
- इसका रस पाचन सुधारने में सहायक होता है।
8. प्रूनस आर्मेनियाका (जंगली खुबानी)
- परिचय: जंगली खुबानी स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
- उपयोग:
- फल विटामिन ए और सी का स्रोत हैं।
- इसके बीजों का उपयोग तेल और औषधियों में किया जाता है।
9. एम्बिफ़िलिया ऑफ़िसिनैलिस (जंगली आंवला)
- परिचय: यह हिमालयन स्ट्रेन का जंगली आंवला है।
- उपयोग:
- फल एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं।
- इसका उपयोग बालों और त्वचा के लिए लाभकारी औषधियों में किया जाता है।
10. एलेग्नस अम्बेलटा (घेन)
- परिचय: यह एक छोटा पेड़ है जिसके फल खाने योग्य होते हैं।
- उपयोग:
- फल विटामिन सी का अच्छा स्रोत हैं।
- इसका उपयोग पारंपरिक औषधियों में किया जाता है।
11. समुद्री हिरन का सींग (हिप्पोफे रमनोइड्स)
- परिचय: यह पौधा अपनी औषधीय और पोषण संबंधी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है।
- उपयोग:
- फलों का उपयोग त्वचा और बालों की समस्याओं के लिए किया जाता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड के जंगली खाद्य पौधे अपने पोषण और औषधीय गुणों के लिए अद्वितीय हैं। इन पौधों का संरक्षण और उनके उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है, जिससे स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी प्रोत्साहन मिल सके।
FAQs: उत्तराखंड हिमालय के जंगली खाद्य पौधों की सूची
1. उत्तराखंड के जंगली खाद्य पौधे कौन-कौन से हैं?
उत्तराखंड के जंगली खाद्य पौधों में प्रमुख हैं:
- रुबस एलिप्टिकस (हिसालु/हिंसर)
- फ़िकस ऑरिकुलाटा (तिमला)
- बर्बेरिस एशियाटिका (किल्मोरा)
- डिप्लाज़ियम एस्कुलेंटम (लिंगुरा)
- रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम (बुरांश)
- पाइरस पाशिया (मेहल)
- मिरिका एन्सकुलाटा (कैफाल)
- प्रूनस आर्मेनियाका (जंगली खुबानी)
- एलेग्नस अम्बेलटा (घेन)
- हिप्पोफे रमनोइड्स (समुद्री हिरन का सींग)।
2. हिसालु क्या है, और इसके उपयोग क्या हैं?
हिसालु, जिसे गोल्डन हिमालयन रास्पबेरी भी कहा जाता है, एक जंगली फल है। इसका उपयोग बुखार, खांसी, गले की खराश, और पेट दर्द के इलाज में किया जाता है। इसके रस को तिब्बती चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जाता है।
3. तिमला (फ़िकस ऑरिकुलाटा) का क्या महत्व है?
तिमला के फल कच्चे खाए जाते हैं और सब्जी के रूप में पकाए जाते हैं। इसके पत्ते और फल एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी, और जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर हैं।
4. किल्मोरा के औषधीय गुण क्या हैं?
किल्मोरा के जड़ और तने मधुमेह और गठिया के इलाज में उपयोगी हैं। इसकी जड़ों में कैंसर विरोधी गुण पाए गए हैं। इसके जामुन हल्के रेचक होते हैं।
5. लिंगुरा (डिप्लाज़ियम एस्कुलेंटम) कैसे उपयोगी है?
लिंगुरा के युवा पत्तों का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। इसे तला या उबाला जा सकता है। इसकी जड़ों को अन्न भंडारण के लिए कीट-प्रतिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
6. बुरांश (रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
बुरांश के फूल खट्टे-मीठे होते हैं और पेट की बीमारियों को ठीक करने के लिए कच्चे खाए जाते हैं। इसका जूस डायरिया और पेचिश के इलाज में उपयोगी है।
7. मेहल (पाइरस पाशिया) किस प्रकार का पौधा है?
मेहल एक पर्णपाती वृक्ष है, जिसे जंगली हिमालयी नाशपाती भी कहा जाता है। इसके फल स्वादिष्ट होते हैं और इसका उपयोग जैम बनाने और औषधीय उपचार में किया जाता है।
8. कैफाल (मिरिका एन्सकुलाटा) के क्या लाभ हैं?
कैफाल का उपयोग पारंपरिक दवाओं में सूजन कम करने और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में किया जाता है। यह त्वचा की समस्याओं के इलाज में भी सहायक है।
9. जंगली खुबानी (प्रूनस आर्मेनियाका) के उपयोग क्या हैं?
जंगली खुबानी का उपयोग पोषण और त्वचा संबंधी उपचार में किया जाता है। इसके बीजों का तेल त्वचा को मुलायम बनाता है।
10. घेन (एलेग्नस अम्बेलटा) किस लिए जाना जाता है?
घेन एक औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग हृदय रोग, त्वचा संक्रमण और घाव भरने में किया जाता है।
11. हिप्पोफे रमनोइड्स (समुद्री हिरन का सींग) क्यों महत्वपूर्ण है?
यह पौधा त्वचा और बालों की देखभाल, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में प्रसिद्ध है।
12. इन जंगली खाद्य पौधों का संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
ये पौधे न केवल पोषण और औषधीय गुण प्रदान करते हैं, बल्कि पारंपरिक ज्ञान, जैव विविधता, और स्थानीय पारिस्थितिकी को बनाए रखने में भी सहायक हैं।
13. इन पौधों को कहां खोजा जा सकता है?
ये पौधे मुख्यतः उत्तराखंड और हिमालय के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
14. क्या इन जंगली खाद्य पौधों को व्यावसायिक खेती के लिए उपयोग किया जा सकता है?
हाँ, इन पौधों की व्यावसायिक खेती संभव है और यह स्थानीय समुदायों के लिए आय का स्रोत बन सकती है।
15. क्या ये पौधे स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं?
इन पौधों के अधिकांश हिस्से स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन इनका उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है।
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