उत्तराखंड के प्रमुख खेल, पुरस्कार और सैन्य गौरव (Major Sports, Awards and Military Glory of Uttarakhand)

उत्तराखंड में खेल, प्रमुख पुरस्कार एवं सैन्य परंपरा

उत्तराखंड में खेलकूद की परंपरा

उत्तराखंड में खेलों की समृद्ध परंपरा है, जो राज्य की भौगोलिक विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से प्रेरित है। राज्य में साहसिक खेलों के आयोजन और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की उपलब्धियों ने इसे खेल के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान प्रदान किया है।

पहला खेल महोत्सव और विकास

  • पहला आयोजन: वर्ष 2001 में देहरादून, रुड़की और हरिद्वार में हुआ।

  • खेल नीति: वर्ष 2006 में खेल नीति घोषित हुई, जिसके तहत खिलाड़ियों को नौकरी में 4% आरक्षण मिला।

प्रमुख खेल और स्थान

  • रिवर राफ्टिंग: कोडियाला रिवर राफ्टिंग, गंगा, भागीरथी, अलकनंदा।

  • स्कीइंग: औली (चमोली) में, जहाँ रज्जू मार्ग का उद्घाटन जुलाई 1983 में इंदिरा गांधी ने किया।

  • पर्वतारोहण: नंदादेवी अभियान के लिए टी.जी. लॉन्गस्टांक प्रसिद्ध हैं।

  • रॉक क्लाइम्बिंग: उत्तरकाशी, चमोली और टिहरी के क्षेत्र प्रमुख हैं।

प्रमुख खिलाड़ी और उपलब्धियाँ

  • क्रिकेट: महेंद्र सिंह धोनी (अल्मोड़ा), एकता बिष्ट (महिला क्रिकेट टीम), उन्मुक्त चंद्र (अंडर-19 कप्तान)।

  • पर्वतारोही: बछेंद्री पाल (एवरेस्ट विजेता), लवराज सिंह धर्मसक्तू।

  • बैडमिंटन: लक्ष्य सेन (जूनियर रैंकिंग प्रथम)।

खेल संबंधी संस्थाएँ और स्टेडियम

  • स्पोर्ट्स कॉलेज: महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, देहरादून।

  • अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम: राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम।

  • सर्वोच्च स्थल: रांसी स्टेडियम, एशिया का सबसे ऊँचा स्टेडियम।

खेल पुरस्कार और सम्मान

  • देवभूमि खेल रत्न: मनीष सिंह रावत (एथलेटिक्स)।

  • देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार: अनूप विष्ट।

  • लाइफटाइम अचीवमेंट: अरुण कुमार सूद।


उत्तराखंड के प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति:

  • भारत रत्न: गोविंद बल्लभ पंत (1957)।

  • पर्यावरण क्षेत्र: सुंदरलाल बहुगुणा।

  • साहित्य: रस्किन बॉण्ड (2014)।

  • पद्म विभूषण: डॉ. घनानंद पांडेय।

खेल क्षेत्र के पुरस्कार:

  • मदर टेरेसा करुणा पुरस्कार: निर्धनों की सेवा के लिए।

  • गवर्नर्स टीचर अवार्ड: शिक्षकों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए।

  • तीलू रौतेली पुरस्कार: साहसिक कार्यों के लिए महिलाओं को।


उत्तराखंड की सैन्य परंपरा

उत्तराखंड की सैन्य परंपरा वीरता, बलिदान और अनुशासन की मिसाल है। यहाँ के सैनिक अपनी अद्वितीय वीरता और देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रमुख सैन्य संस्थान:

  • इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA): देहरादून स्थित यह संस्थान भारतीय सेना के अधिकारियों की ट्रेनिंग का प्रमुख केंद्र है।

  • नेहरू पर्वतारोहण संस्थान: पर्वतारोहण के लिए विश्व प्रसिद्ध।

महान सैनिक और सम्मान:

  • राइफलमैन जसवंत सिंह रावत: 1962 के भारत-चीन युद्ध में 300 से अधिक दुश्मनों को मार गिराने वाले अमर बलिदानी।

  • महावीर चक्र और वीर चक्र सम्मान: राज्य के कई सैनिकों को मिला।

सैन्य अभियानों में योगदान:

  • कारगिल युद्ध: उत्तराखंड के वीर सैनिकों ने कारगिल युद्ध में अभूतपूर्व योगदान दिया।

अंतरराष्ट्रीय पहचान:

  • भारतीय शांति अभियानों में उत्तराखंड के सैनिकों ने अद्वितीय सेवा दी है, जिससे यह राज्य देश और विदेश में सम्मान प्राप्त करता है।


निष्कर्ष: उत्तराखंड की खेल, पुरस्कार और सैन्य परंपरा इसके गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों को दर्शाती है। साहसिक खेलों से लेकर सैनिकों की वीरता तक, यह राज्य एक प्रेरणा स्रोत है।

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