उत्तरकाशी में स्थित प्रमुख मंदिर: उत्तराखंड के आध्यात्मिक धरोहर (Major Temples in Uttarkashi: Spiritual Heritage of Uttarakhand)

उत्तरकाशी में स्थित प्रमुख मंदिर: उत्तराखंड के आध्यात्मिक धरोहर

उत्तरकाशी, जिसे 'देवभूमि' का हृदय कहा जाता है, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन और पवित्र मंदिर स्थित हैं, जो आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत संगम का अनुभव कराते हैं। यहां कुछ प्रमुख मंदिरों का विवरण दिया गया है:


1. विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple)

उत्तरकाशी के केंद्र में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस क्षेत्र का सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण मंदिर है।

  • विशेषताएं:
    • इस मंदिर का निर्माण राजा गणेश्वर द्वारा किया गया था।
    • यहां स्थित त्रिशूल 26 फीट ऊंचा है, जिसकी परिधि 18.5 इंच है।
  • आकर्षण: यह स्थान भक्तों के लिए शिवभक्ति का अद्भुत केंद्र है।

2. गंगोत्री मंदिर (Gangotri Temple)

चार धामों में से एक, गंगोत्री मंदिर, गंगा नदी के उद्गम स्थल को दर्शाता है।

  • स्थान: यह समुद्र तल से 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
  • इतिहास: गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने इस मंदिर का निर्माण किया था।
  • विशेषता: यह स्थान ऋषिकेश से 248 किलोमीटर की दूरी पर है और मोटर मार्ग से जुड़ा हुआ है।

3. कंडारा देवता मंदिर (Kandara Devta Temple)

यह मंदिर उत्तरकाशी के केंद्र से आधा किलोमीटर दूर स्थित है।

  • विशेषताएं:
    • यह मंदिर क्षेत्र के प्राचीन देवता कंडार को समर्पित है।
    • उत्तरकाशी के अन्य गांवों जैसे संग्राली, पाटा, और बग्यालगांव में भी कंडार देवता के मंदिर हैं।

4. शक्ति देवी मंदिर (Shakti Devi Temple)

विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है।

  • विशेषताएं:
    • यहां 6 मीटर ऊंचा और 90 सेंटीमीटर परिधि वाला त्रिशूल स्थापित है।
    • मान्यता है कि इस त्रिशूल से देवी ने दानवों का संहार किया था।

5. यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham)

उत्तरकाशी जिले के कालिंद पर्वत पर स्थित यमुनोत्री मंदिर देवी यमुना को समर्पित है।

  • इतिहास:
    • इसका निर्माण महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था।
    • जयपुर की महारानी गुलेरिया ने 19वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण करवाया।
  • विशेषताएं:
    • गर्भगृह में काले संगमरमर की यमुना देवी की मूर्ति स्थापित है।
    • जानकी चट्टी और हॉट स्प्रिंग यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।

6. पोखु देवता मंदिर (Pokhu Devta Temple)

यह मंदिर टोंस नदी के पास, नेतवाड में स्थित है।

  • विशेषता:
    • यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।
    • यहां कर्ण मंदिर और दुर्योधन मंदिर भी पास ही स्थित हैं।

7. दुर्योधन मंदिर (Duryodhana Temple)

यह मंदिर सौर गांव में स्थित है और कौरवों के सबसे बड़े भाई दुर्योधन को समर्पित है।

  • स्थान:
    • यह मंदिर नेतवार से 12 किलोमीटर की दूरी पर 'हर की दून' मार्ग पर स्थित है।
    • सारनौल गांव में कर्ण का मंदिर भी पास में है।

8. परशुराम मंदिर (Parashurama Temple)

यह मंदिर उत्तरकाशी मुख्यालय में स्थित है।

  • विशेषताएं:
    • मान्यता है कि भगवान परशुराम ने यहां तपस्या की थी।
    • मंदिर की प्राचीनता इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान बनाती है।

9. कुटेटी देवी मंदिर (Kuteti Devi Temple)

यह मंदिर गंगोत्री मार्ग पर स्थित है और देवी कुटेटी को समर्पित है।

  • स्थान: देहरादून से 199 किलोमीटर की दूरी पर।
  • विशेषता: यह मंदिर अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों और धार्मिक शांति का अनुभव प्रदान करता है।

अन्य प्रसिद्ध मंदिर

  • कालिंगानाथ मंदिर (Kalinganath Temple)
  • हिडिंबा मंदिर (Hidimba Temple)
  • अन्नपूर्णा शक्ति पीठ (Annapurna Shakti Peeth)
  • लक्षेश्वर मंदिर (Lakeshwar Temple)
  • दत्तात्रेय मंदिर (Dattatreya Temple)
  • कमलेश्वर मंदिर (Kamleshwar Temple)

निष्कर्ष

उत्तरकाशी में स्थित ये मंदिर न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र हैं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी हैं। ये मंदिर धार्मिक, ऐतिहासिक, और प्राकृतिक दृष्टि से अनमोल हैं। यदि आप उत्तरकाशी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन पवित्र स्थलों का दर्शन अवश्य करें।

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