उत्तराखंड में खनिज एवं ऊर्जा संसाधन: भंडार, नीतियां और विकास की संभावनाएं (Mineral and Energy Resources in Uttarakhand )

उत्तराखंड में खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

भारत सरकार द्वारा खनिज नीति के अंतर्गत 1948 में खनिज एवं खनिज व्यवस्था तथा विकास अधिनियम (Minerals Regulation Act of 1948) पारित किया गया। 1948 में ही भारतीय खनिज संस्थान (Indian Bureau of Mines) की स्थापना की गई तथा भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग (Geological Survey of India) का विस्तार किया गया। इस क्षेत्र के खनिज विकास व सर्वेक्षण कार्यों के लिए दो संस्थाएं कार्य कर रही हैं। सर्वेक्षण एवं आर्थिक अनुमान का कार्य राज्य भूतत्त्व एवं खनिज कार्य निदेशालय (State Directorate of Geology) तथा राज्य खनिज-विकास-निगम (State Mining and Development Corporation) के अंतर्गत किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय महत्व के खनिजों का सर्वेक्षण भारतीय भूसर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है।

उत्तराखंड में खनिज पाए जाने वाले शैल
उत्तराखंड में खनिजों की खोज और सर्वेक्षण के लिए भू तत्व एवं खनिज कर्म निदेशालय का गठन किया गया है। भारतीय खान ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में स्थित है।

खनिजों के भंडार

  • चूना पत्थर: देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चमोली जिलों से प्राप्त होता है।
  • संगमरमर: मुख्यत: देहरादून एवं टिहरी में पाया जाता है।
  • मैग्नेसाइट: बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली में प्रचुर भंडार हैं।
  • टाल्क: पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, अल्मोड़ा में पाया जाता है।
  • खड़िया चॉक: देहरादून, टिहरी, पौड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • रॉक फॉस्फेट: देहरादून और टिहरी के मसूरी, दुरमाला, किमोई क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • मैग्नेटाइट और हेमेटाइट: नैनीताल, चमोली, पौड़ी जिलों में लोहे के खनिज पाए जाते हैं।
  • ताँबा: कुमाऊं मंडल में नागनाथ, पोखरी, धमैथी, धनपुर क्षेत्रों में ताँबा पाया जाता है।
  • सीसा: पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी में पाया जाता है।

खनन नीति
उत्तराखंड में खनन नीति की घोषणा 4 अप्रैल 2001 को की गई थी। नीति के अनुसार, वन क्षेत्रों में स्थित खदानों में खनन कार्य वन विभाग द्वारा किया जाता है। खनिज निधि में खनिजों के राजस्व का 5% राजस्व प्राप्त होता है।

खनिजों का उपयोग

  • पोर्टलैण्ड सीमेंट, तेजाब एवं प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में डोलोमाइट का उपयोग होता है।
  • जिप्सम का उपयोग निर्माण में, टाल्क का सौंदर्य प्रसाधनों में और सीसा का विभिन्न औद्योगिक कार्यों में होता है।

उत्तराखंड की खनिज संपदा का सदुपयोग राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और खनिज खनन तथा ऊर्जा संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन विकास की दिशा में एक अहम कदम है।

उत्तराखंड में खनिज संसाधनों का वितरण
उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और यहां विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। इन खनिजों का व्यावसायिक उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। राज्य में खनिजों के विभिन्न प्रकार और उनकी प्राप्ति के स्थानों की जानकारी नीचे दी गई है:

खनिज प्राप्ति स्थान (जनपद)

  1. लाइम स्टोन (Chalk)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़
  2. डोलोमाइट (Dolomite)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़
  3. मैग्नेसाइट (Magnesite)

    • प्राप्ति स्थान: बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़
  4. सोपस्टोन (Soapstone)

    • प्राप्ति स्थान: अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़
  5. फास्फोराइट (Phosphorite)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून, टिहरी गढ़वाल
  6. बेस मेटल्स (Base Metals)

    • प्राप्ति स्थान: अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़
  7. सिलिका सैन्ड (Silica Sand)

    • प्राप्ति स्थान: उत्तरकाशी, देहरादून
  8. बेराइट्स (Barytes)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून
  9. ग्रेफाइट (Graphite)

    • प्राप्ति स्थान: अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल
  10. स्लेट्स (Slates)

    • प्राप्ति स्थान: उत्तरकाशी, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल
  11. मारबल्स (Marbles)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून
  12. रॉक फास्फेट (Rock Phosphate)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून, टिहरी गढ़वाल, नैनीताल
  13. गंधक व माक्षिक (Sulphur & Mica)

    • प्राप्ति स्थान: चमोली, देहरादून
  14. एस्बेस्टास (Asbestos)

    • प्राप्ति स्थान: पौड़ी, अल्मोड़ा
  15. जिप्सम (Gypsum)

    • प्राप्ति स्थान: देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल
  16. लोहा (Iron)

    • प्राप्ति स्थान: नैनीताल, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल
  17. ताँबा (Copper)

    • प्राप्ति स्थान: चमोली, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल
  18. सीसा (Lead)

    • प्राप्ति स्थान: पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल
  19. टिन (Tin)

    • प्राप्ति स्थान: चमोली
  20. सोना (Gold)

    • प्राप्ति स्थान: शारदा, रामगंगा, अलकनन्दा, पिण्डर नदियों के रेत में
  21. चांदी (Silver)

    • प्राप्ति स्थान: अल्मोड़ा

ऊर्जा एवं जल विद्युत संसाधन

  1. कोयला, खनिज तेल, आण्विक खनिज, प्राकृतिक गैस एवं जल किस प्रकार की ऊर्जा के प्रमुख संसाधन हैं?
    नवीकरणीय

  2. जल विद्युत उत्पादन की अपार सम्भावना को देखते हुए किस राज्य को 'भारत का पावर हाउस' कहा जाता है?
    उत्तराखण्ड

  3. उत्तराखण्ड में मनेली भाली परियोजना किस वर्ष बनाई गई?
    वर्ष 1960 में

  4. मनेली-भाली परियोजना का प्रथम चरण कब प्रारम्भ किया गया था?
    1964

  5. मनेली-भाली परियोजना उत्तरकाशी जिले में किस नदी पर स्थित है?
    भागीरथी नदी

  6. मनेली-भाली परियोजना की विद्युत क्षमता कितनी है?
    90 मेगावाट

  7. किस वर्ष मनेली-भाली परियोजना के अन्तर्गत घारसु पावर स्टेशन को प्रारम्भ किया गया था?
    वर्ष 2008

  8. धारसु पावर स्टेशन की विद्युत क्षमता कितनी है?
    304 मेगावाट

  9. कौन-सी परियोजना भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर अवस्थित है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  10. टिहरी बाँध परियोजना का प्रारम्भ किस वर्ष किया गया था?
    वर्ष 1978

  11. उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी जल-विद्युत परियोजना कौन-सी है?
    टिहरी बांध परियोजना

  12. उत्तराखण्ड की किस परियोजना में सुरंग प्रणाली (स्न ऑफ द रिवर तकनीक) का प्रयोग किया जा रहा है?
    टिहरी बांध परियोजना

  13. किस वर्ष केन्द्र सरकार ने टिहरी बाँध के निर्माण के लिए टिहरी जल बाँध निगम का गठन किया था?
    वर्ष 1989

  14. टिहरी बाँध परियोजना में कितने चरण हैं?
    दो

  15. किस चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी बाँध एवं जल विद्युत परियोजना को पूरा किया गया है?
    प्रथम चरण

  16. किस चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी पम्प स्टोरेज प्लाण्ट तथा कोटेश्वर बाँध एवं जल विद्युत परियोजना का कार्य पूरा किया गया है?
    द्वितीय चरण

  17. टिहरी बाँध परियोजना का वास्तविक नाम क्या है?
    स्वामी रामतीर्थ सागर

  18. टिहरी बाँध परियोजना का स्थानीय नाम क्या है?
    सुमन सागर

  19. टिहरी बाँध परियोजना के अन्तर्गत कितने मीटर ऊँचे मिट्टी व पत्थर से निर्मित बाँध का निर्माण किया गया है?
    260.5 मीटर

  20. एशिया का सबसे ऊँचा बाँध तथा विश्व का आठवाँ सबसे ऊँचा बाँध कौन-सा है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  21. उत्तराखण्ड की किस परियोजना को 'राष्ट्र का गाँव' की संज्ञा प्राप्त है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  22. टिहरी बाँध परियोजना के डिजाइनकर्ता कौन थे?
    प्रो. जेम्स बून

  23. उत्तराखण्ड की किस परियोजना से उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को भी विद्युत की आपूर्ति होती है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  24. टिहरी बाँध परियोजना से कुल कितने मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता है?
    2400 मेगावाट

  25. टिहरी बाँध परियोजना से दिल्ली को कितना जल प्राप्त होता है?
    300 क्यूसेक

  26. टिहरी बाँध परियोजना से उत्तर प्रदेश को कितना जल प्राप्त होता है?
    200 क्यूसेक

  27. टिहरी बाँध परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड को रायल्टी के रूप में कुल उत्पादन की कितने प्रतिशत बिजली मुक्त में मिलती है?
    12%

  28. टिहरी बाँध परियोजना के अन्तर्गत कितने लोगों को निर्वासित किया गया था?
    लगभग एक लाख

  29. टिहरी बाँध परियोजना के अन्तर्गत निर्वासित लोगों को कहाँ बसाया गया था?
    नई टिहरी, देहरादून एवं ऋषिकेश

  30. भूकम्प क्षेत्र के किस जोन में टिहरी परियोजना का क्षेत्र आता है?
    जोन V

  31. टिहरी परियोजना के क्षेत्र में कितनी तीव्रता के भूकम्प आने के संकेत हैं?
    रिक्टर स्केल पर 7.5

  32. टिहरी परियोजना का सबसे पहले किसके द्वारा विरोध किया गया था?
    गढ़वाल रियासत की राजमाता कमलेन्दुमती शाह

  33. किस वर्ष विद्यासागर नौटियाल की अध्यक्षता में टिहरी में बाँध विरोधी समिति का गठन किया गया था?
    वर्ष 1978 में

  34. टिहरी बाँध विरोधी समिति से कौन जुड़ा था?
    सुन्दरलाल बहुगुणा तथा वीरेन्द्र सकलानी

  35. किस वर्ष वीरेन्द्र सकलानी ने बाँध निर्माण के विरोध में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी?
    वर्ष 1979 में

  36. किसके नेतृत्व में वर्ष 1991 में बाँध विरोधी समिति ने धरना देकर परियोजना के कार्य को 76 दिनों तक रोक दिया था?
    सुन्दरलाल बहुगुणा

  37. टिहरी बाँध परियोजना ने किस वर्ष अपना कार्य करना प्रारम्भ किया था?
    वर्ष 2006 में

  38. धारचूला पनबिजली परियोजना किस जिले में अवस्थित है?
    पिथौरागढ़

  39. धारचूला पनबिजली परियोजना किस वर्ष शुरू की गई थी?
    वर्ष 2005

  40. धारचूला पनबिजली परियोजना की जल विद्युत क्षमता कितनी है?
    280 मेगावाट

  41. धारचूला पनबिजली परियोजना के द्वारा उत्पादित विद्युत का कितने प्रतिशत भाग राज्य को निःशुल्क प्रदान किया जाता है?
    12%

  42. कुमाऊँ क्षेत्र में भूमिगत पावर हाउस और सुरंगों वाली पहली परियोजना कौन-सी है?
    धारचूला पनबिजली परियोजना

  43. धारचूला पनबिजली परियोजना के द्वारा किन राज्यों को विद्युत उपलब्ध कराई जाती है?
    उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, बिहार

  44. धारचूला पनबिजली परियोजना के अन्तर्गत कितने मीटर ऊँचा तथा लम्बा बाँध बनाया गया है?
    56 मी ऊँचा तथा 314 मी लम्बा

  45. उत्तराखण्ड की किस पनबिजली परियोजना का निर्माण कंक्रीट फेज, रॉकफिल डैम तकनीक से किया गया है?
    धारचूला पनबिजली परियोजना

  46. धारचूला पनबिजली परियोजना का निर्माण किसके द्वारा किया है?
    राष्ट्रीय जल-विद्युत निगम

  47. कोटेश्वर बांध किस नदी पर अवस्थित है?
    भागीरथी नदी

  48. कोटेश्वर बाँध उत्तराखण्ड के किस जिले में अवस्थित है?
    टिहरी

  49. कोटेश्वर बाँध परियोजना को किस वर्ष अनुमति प्राप्त हुई थी?
    वर्ष 2000 में

  50. कोटेश्वर बाँध परियोजना का प्रथम चरण किस वर्ष प्रारम्भ किया गया था?
    वर्ष 2011 में

  51. कोटेश्वर बाँध परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
    400 मेगावाट

  52. किस जल-विद्युत परियोजना का निर्माण अविभाजित उत्तर प्रदेश पावर कॉरिशन द्वारा एक प्राइवेट कम्पनी के माध्यम से किया गया था?
    विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना

  53. उत्तराखण्ड के चमोली जिले में अलकनन्दा नदी पर कौन-सी परियोजना अवस्थित है?
    विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना

  54. विष्णुप्रयाग जल-विद्युत परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
    400 मेगावाट

  55. विष्णुप्रयाग जल-विद्युत परियोजना द्वारा उत्पादित बिजली का कितने प्रतिशत भाग उत्तर प्रदेश को दिया जाता है?
    88%

  56. राष्ट्रीय जल विद्युत निगम द्वारा पिथौरागढ़ में छिरकला गाँव में किस जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया है?
    यौलीगंगा परियोजना

  57. धौलीगंगा परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
    280 मेगावाट

  58. उत्तराखण्ड की किस जल विद्युत परियोजना में 200 मीटर की लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है?
    यौलीगंगा जल विद्युत परियोजना

  59. कुमाऊँ क्षेत्र में जल विद्युत परियोजना की छायाचित्र में सुरंग का निर्माण किस परियोजना से किया गया है?
    यौलीगंगा परियोजना

  60. यौलीगंगा परियोजना का कार्य कब पूरा हुआ था?
    वर्ष 2005

  61. उत्तराखण्ड में किस जल विद्युत परियोजना का निर्माण लोहारी गांव के पास किया गया है?
    लोहारी नाग पैठी जल विद्युत परियोजना

  62. लोहारी नाग पैठी जल विद्युत परियोजना की विद्युत क्षमता कितनी है?
    600 मेगावाट

  63. लोहारी नाग पैठी जल विद्युत परियोजना का निर्माण किस नदी पर किया जा रहा है?
    भागीरथी नदी

  64. कौन-सी जल विद्युत परियोजना उत्तराखण्ड के टिहरी जिले में अवस्थित है और भागीरथी नदी पर आधारित है?
    भैरवगढ़ जल विद्युत परियोजना

  65. कौन-सी परियोजना उत्तराखण्ड में गंग नहर पर आधारित है और पंप स्टोरेज का उपयोग करती है?
    हल्द्वानी पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजना

  66. उत्तराखण्ड के किस जिले में रामगंगा जल विद्युत परियोजना स्थित है?
    उधम सिंह नगर

  67. रामगंगा जल विद्युत परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?
    204 मेगावाट

  68. उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित जल विद्युत परियोजनाओं की प्रमुख समस्या क्या है?
    भूस्खलन और भूकम्पीय गतिविधियाँ

  69. नदी पर आधारित जल विद्युत परियोजनाओं के कारण जल स्तर में क्या प्रभाव पड़ता है?
    जल स्तर में कमी या बढ़ोतरी

  70. उत्तराखण्ड में किस जल विद्युत परियोजना से उत्पादित बिजली का हिस्सा मुख्य रूप से दिल्ली को आपूर्ति किया जाता है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  71. उत्तराखण्ड में जल विद्युत परियोजनाओं के द्वारा कितनी प्रतिशत बिजली निःशुल्क राज्य को प्रदान की जाती है?
    12%

  72. किस जल विद्युत परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के आसपास के राज्यों को बिजली आपूर्ति करना है?
    टिहरी जल विद्युत परियोजना

  73. विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना में कितने मेगावाट की उत्पादन क्षमता है?
    400 मेगावाट

  74. उत्तराखण्ड में किस जल विद्युत परियोजना में भूमिगत पावर हाउस स्थापित किया गया है?
    धारचूला पनबिजली परियोजना

  75. किस जल विद्युत परियोजना के तहत 200 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है?
    यौलीगंगा जल विद्युत परियोजना

  76. उत्तराखण्ड के किस जल विद्युत परियोजना में सुरंग की तकनीक का उपयोग किया गया है?
    कोटेश्वर जल विद्युत परियोजना

  77. उत्तराखण्ड के किस जल विद्युत परियोजना के कारण टिहरी जिले में पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  78. उत्तराखण्ड के किस जल विद्युत परियोजना से 80% बिजली उत्तर प्रदेश को आपूर्ति की जाती है?
    विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना

  79. किस नदी के जलस्तर को बढ़ाने के लिए टिहरी बाँध परियोजना का निर्माण किया गया है?
    भागीरथी नदी

  80. उत्तराखण्ड के किस जल विद्युत परियोजना से प्रतिवर्ष 2400 मेगावाट की बिजली उत्पादन होती है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  81. किस जल विद्युत परियोजना का कार्य उत्तराखण्ड के सबसे बड़े जलाशय की स्थापना से जुड़ा हुआ है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  82. उत्तराखण्ड में जल विद्युत परियोजना निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
    भूकम्पीय जोखिम और पर्यावरणीय संरक्षण

  83. उत्तराखण्ड में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से कितने लोगों का विस्थापन हुआ था?
    लगभग 1 लाख लोग

  84. किस जल विद्युत परियोजना के निर्माण के बाद टिहरी क्षेत्र में नए उद्योगों का विकास हुआ?
    टिहरी बाँध परियोजना

  85. उत्तराखण्ड की किस जल विद्युत परियोजना को 'भारत का पावर हाउस' कहा जाता है?
    टिहरी जल विद्युत परियोजना

  86. उत्तराखण्ड में किस जल विद्युत परियोजना से उत्पन्न होने वाली बिजली का अधिकांश हिस्सा दिल्ली और उत्तर प्रदेश को आपूर्ति किया जाता है?
    टिहरी जल विद्युत परियोजना

  87. उत्तराखण्ड के किस क्षेत्र में जल विद्युत परियोजना के कारण किसानों को जल आपूर्ति में कमी हो रही है?
    टिहरी क्षेत्र

  88. उत्तराखण्ड की कौन-सी जल विद्युत परियोजना एशिया की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है?
    टिहरी बाँध परियोजना

  89. धारचूला जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत कितनी सुरंगे बनाई गई हैं?
    4 सुरंगे

  90. उत्तराखण्ड में जल विद्युत परियोजनाओं का विकास मुख्य रूप से किस उद्देश्य से किया जाता है?
    बिजली उत्पादन और राज्य की आर्थिक समृद्धि

उत्तराखण्ड के प्रमुख ऊर्जा संस्थान


1. टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (THDC)

स्थापना: 12 जुलाई, 1988
महत्व: यह उत्तराखण्ड की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं में से एक है, जिसमें टिहरी बाँध का निर्माण कार्य भी शामिल है।


2. टिहरी जल-विद्युत परियोजना

निर्माण कार्य हस्तांतरण: वर्ष 1989
विवरण: इस परियोजना का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से लेकर THDC को सौंपा गया।


3. उत्तराखण्ड विद्युत निगम लिमिटेड (UPCL)

गठन: 12 फरवरी, 2001
भूमिका: राज्य में बिजली वितरण और उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना।


4. उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL)

स्थापना: 12 फरवरी, 2001
कार्य: यह निगम बिजली वितरण के लिए उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम और पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन से बिजली प्राप्त करता है।


5. उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL)

गठन: 1 अप्रैल, 2001
कार्यरत परियोजनाएँ: 30 जल विद्युत केंद्र
उद्देश्य: जल विद्युत परियोजनाओं का विकास और संचालन।


6. पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड (PTCUL)

गठन: 1 जून, 2004
बिजली आपूर्ति क्षमता: 132 किलोवाट से अधिक
कार्य: उच्च क्षमता की बिजली का ट्रांसमिशन नेटवर्क स्थापित करना।


7. उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA)

स्थापना: 1 जुलाई, 2001
उद्देश्य: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, बायोगैस, पिरूल ऊर्जा, और लघु जल विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देना।


8. लघु जल-विद्युत ऊर्जा उत्पादन योजना

लक्ष्य: ग्राम पंचायतों के माध्यम से 2 मेगावाट क्षमता तक मिनी/माइक्रोहाइडिल परियोजनाएँ स्थापित करना।


9. सूर्योदय स्वरोजगार योजना

लक्ष्य: 4-5 किलोवाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके आय और स्वरोजगार को बढ़ावा देना।


10. ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम

उद्देश्य: ऊर्जा की बचत के लिए जागरूकता और संरक्षण उपायों को लागू करना।


11. पिरूल (चीड़ की पत्ती) ऊर्जा उत्पादन

मंजूरी: 26 अप्रैल, 2018
लक्ष्य: पर्वतीय क्षेत्रों में पिरूल से विद्युत उत्पादन।


12. बायोगैस ऊर्जा उत्पादन नीति

उपलब्धि: 150 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता प्राप्त करने की योजना।

उत्तराखंड में स्थित प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएँ


परियोजना का नामनदीस्थापना वर्षजनपद
रामगंगा (कालागढ़)            रामगंगा            1976-78                पौड़ी
पथरी    गंगा1947हरिद्वार
मोहम्मदपुरगंगा1947हरिद्वार
चीलागंगा1980-81पौड़ी
खोदरीयमुना1983-84देहरादून
मनेरी भाली तिलोथभागीरथी1984-85उत्तरकाशी
मनेरी भाली धरासूभागीरथी2008उत्तरकाशी
टनकपुरशारदा1993चंपावत
धौलीगंगाधौलीगंगा2005पिथौरागढ़
टिहरीभागीरथी2006टिहरी
विष्णुप्रयागअलकनंदा2006चमोली
ढालीपुरयमुना1965-70देहरादून
कुल्हालयमुना1974-76देहरादून
ढकरानीयमुना1965-70देहरादून
खटीमाशारदा1955उधम सिंह नगर
लोहियाहेडशारदा-उधम सिंह नगर
छिबरोटोंस1974-76देहरादून

उत्तराखंड के जल विद्युत विकास में इन परियोजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।
यदि किसी और परियोजना की जानकारी चाहिए, तो बताइए! 😊

निष्कर्ष

उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका उपयोग कई उद्योगों में भी होता है। राज्य के विभिन्न जनपदों में इन खनिजों के भण्डार हैं, जो विकास की दिशा में सहायक हैं।

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