उत्तराखंड की अनुसूचित जातियां और जनजातियां
उत्तराखंड, अपने सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न जातियां और जनजातियां निवास करती हैं, जिनका समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां विशेष रूप से राज्य की सामाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
अनुसूचित जातियां (Scheduled Castes)
संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत, अनुसूचित जातियों की सूची तैयार की गई है। इस अनुच्छेद के तहत, वह जातियां जो समाज में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से पिछड़ी हुई थीं, उन्हें अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कुल 65 जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्जा दिया है।
उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों के आंकड़े:
- जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार): 18,92,516
- कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत: 18.8%
- पुरुषों की जनसंख्या: 9,86,586
- महिलाओं की जनसंख्या: 9,23,930
राज्य में अनुसूचित जाति की साक्षरता:
- औसत साक्षरता दर: 74.4%
- पुरुषों की साक्षरता: 84.3%
- महिलाओं की साक्षरता: 64.1%
अनुसूचित जातियों का वितरण:
- सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला: हरिद्वार
- न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला: चंपावत
अनुसूचित जनजातियां (Scheduled Tribes)
संविधान के अनुच्छेद 342(1) के तहत, आदिवासी या जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाता है। उत्तराखंड में विभिन्न जनजातियां निवास करती हैं, जिनमें प्रमुख हैं – बोक्सा, थारू, भोटिया, राजी, और जौनसारी।
उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों के आंकड़े:
- जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार): 2,91,903
- कुल जनसंख्या में जनजातियों का प्रतिशत: 2.9%
- पुरुषों की जनसंख्या: 1,48,669
- महिलाओं की जनसंख्या: 1,43,234
राज्य में अनुसूचित जनजातियों का वितरण:
- सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला: ऊधमसिंह नगर
- न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला: रुद्रप्रयाग
उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियाँ:
उत्तराखंड में विभिन्न जनजातियां निवास करती हैं, जिनमें से प्रमुख जनजातियां थारू, जौनसारी, बोक्सा, भोटिया, और राजी हैं।
1. थारू जनजाति
- निवास स्थान: ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चम्पावत
- भाषा: थारू भाषा (मिश्रित भाषाएं: पहाड़ी, अवधी, नेपाली, भांबरी)
- वेशभूषा: पुरुष धोती, कुर्ता, टोपी; महिलाएं बूटेदार कुर्ता, रंगीन घाघरा
- त्योहार: कन्हैया अष्टमी, माघ की खिचड़ी, दीपावली, बजहर
- मुख्य आहार: चावल, मछली
- आर्थिक जीवन: कृषि, पशुपालन, आखेट
2. जौनसारी जनजाति
- निवास स्थान: देहरादून का जौनसार बावर क्षेत्र
- भाषा: जौनसारी
- वेशभूषा: पुरुषों द्वारा कोट व पयजामा, ऊनी टोपी; महिलाएं सूती घाघरा, कुर्ता, कमीज
- त्योहार: बिस्सू, जागड़ा, पंचाई, दिपाई, नुणाई
- मुख्य आहार: मांस, दूध, चावल
- आर्थिक जीवन: कृषि, पशुपालन
उत्तराखंड की जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक जीवनशैली उनके सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाती है। इन जनजातियों के रीति-रिवाज, त्योहार, पारंपरिक पहनावा, और भाषा राज्य की विविधता को और समृद्ध करते हैं।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. उत्तराखंड में अनुसूचित जातियाँ कौन सी हैं?
उत्तराखंड में 65 जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्जा प्राप्त है। इनमें प्रमुख जातियाँ जैसे कि वाल्मीकि, धोबी, और हरिजन शामिल हैं।
2. अनुसूचित जातियों का दर्जा संविधान के किस अनुच्छेद के तहत दिया जाता है?
अनुसूचित जातियों का दर्जा संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत दिया जाता है।
3. उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या कितनी है?
जनगणना 2011 के अनुसार, उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या 18,92,516 है।
4. उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों की साक्षरता दर कितनी है?
उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों की औसत साक्षरता दर 74.4% है, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 84.3% और महिलाओं की साक्षरता दर 64.1% है।
5. उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों की सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला कौन सा है?
उत्तराखंड में सर्वाधिक अनुसूचित जातियों की जनसंख्या वाला जिला हरिद्वार है।
6. उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या कितनी है?
जनगणना 2011 के अनुसार, उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या 2,91,903 है।
7. उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों का प्रमुख समुदाय कौन सा है?
उत्तराखंड में थारू, बोक्सा, जौनसारी, भोटिया और राजी प्रमुख अनुसूचित जनजातियाँ हैं।
8. थारू जनजाति का मुख्य निवास क्षेत्र कहां है?
थारू जनजाति उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और चम्पावत जिलों में निवास करती है।
9. उत्तराखंड की किस जनजाति को मंगोल प्रजाति से मिलते-जुलते शारीरिक लक्षण होते हैं?
थारू जनजाति के लोग मंगोल प्रजाति के लक्षणों से मिलते हैं, जैसे छोटे कद और चौड़ी मुखाकृति।
10. उत्तराखंड में जौनसारी जनजाति का प्रमुख निवास क्षेत्र कहां है?
जौनसारी जनजाति उत्तराखंड के देहरादून जिले के जौनसार बावर क्षेत्र में निवास करती है।
11. जौनसारी जनजाति का प्रमुख त्यौहार कौन सा है?
जौनसारी जनजाति के प्रमुख त्यौहारों में बिस्सू, जागड़ा, पंचाई, दिपाई और नुणाई शामिल हैं।
12. उत्तराखंड में किस जनजाति को "किरात वंश का वंशज" माना जाता है?
थारू जनजाति को सामान्य रूप से किरात वंश का वंशज माना जाता है।
13. उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों की न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला कौन सा है?
उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों की न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला रुद्रप्रयाग है।
14. थारू जनजाति के लोग कौन सा प्रमुख पर्व मनाते हैं?
थारू जनजाति दीपावली को शोक पर्व के रूप में मनाती है और इस दौरान खिचड़ी नृत्य भी किया जाता है।
15. उत्तराखंड में बोक्सा, थारू, जौनसारी, भोटिया और राजी जनजातियों को कब अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था?
उन्हें वर्ष 1967 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।
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