यमुना माता की आरती: भाई दूज पर विशेष (Yamuna Mata Aarti: Special on Bhai Dooj)

यमुना माता की आरती: भाई दूज पर विशेष

यमुना माता की आरती हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। खासकर भाई दूज के पर्व पर यमुना जी की आरती उतारने से भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता बढ़ती है और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह आरती भक्तों के लिए यमराज के भय से मुक्ति का प्रतीक मानी जाती है। यमुना माता की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।


यमुना जी की आरती

ॐ जय यमुना माता,
हरि ॐ जय यमुना माता।
नो नहावे, फल पावे,
सुख सुख की दाता॥

ॐ पावन श्रीयमुना जल,
शीतल अगम बहै धारा।
जो जन शरण में आए,
कर दिया निस्तारा॥

ॐ जो जन प्रातः ही उठकर,
नित्य स्नान करे।
यम के त्रास न पावे,
जो नित्य ध्यान करे॥

ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी,
अटल रही सदा।
तुम्हारा बड़ा महातम,
चारों वेद कहे सदा॥

ॐ आन तुम्हारे माता,
प्रभु अवतार लियो।
नित्य निर्मल जल पीकर,
कंस को मार दियो॥

ॐ नमो मात भय हरणी,
शुभ मंगल करणी।
मन बेचैन कहे है,
तुम बिन वैतरणी॥


यमुना माता की महिमा

यमुना जी को पवित्रता, शीतलता और भय का नाश करने वाली देवी माना गया है। उनके जल का सेवन और उनकी आराधना करने से मनुष्य जीवन के कष्टों से मुक्त होकर शांति प्राप्त करता है। यमुना माता की आरती विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अनमोल है, जो सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

भाई दूज के दिन, यमुना माता की पूजा के साथ यह आरती करने से भाई और बहन के रिश्ते में मजबूती आती है।

ध्यान दें:
यमुना माता की आरती का पाठ करते समय ध्यान और समर्पण का भाव आवश्यक है। यह आरती न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करती है।


जयहो यमुना माता! हरि ॐ जय यमुना माता!

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