करिश्माई पेय है चावल का मांड, इसका स्वाद बना देगा मुरीद (Rice water is a charismatic drink, it will make its taste fan)
करिश्माई पेय है चावल का मांड, इसका स्वाद बना देगा मुरीद
चावल का मांड, जिसे राइस वॉटर भी कहा जाता है, एक अद्भुत और पारंपरिक पेय है जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। एक बार कोई मांड का स्वाद चख ले, तो उसका मुरीद बन जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह पेय इतना लोकप्रिय है कि बच्चों में इसे पीने के लिए झगड़ा तक हो जाता है। आइए जानते हैं चावल का मांड बनाने की विधि और इसके स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
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मांड क्या है?
मांड, उबले हुए चावल का बचा हुआ पानी है, जो अपने आप में एक स्वादिष्ट व्यंजन है। पहले जब प्रेशर कूकर का चलन नहीं था, तब लोग चावल को डेगची या पतीले में पकाते थे और मांड जरूर पसाते थे। आज भी पहाड़ों के गांवों में मांड को बड़े चाव से पिया जाता है।
खास चावल का खास मांड
जैसे चावल, वैसा मांड! उखड़ी (असिंचित खुशबूदार चावल) या बासमती जैसे चावल का मांड तो लाजवाब होता है। लेकिन अगर ज्वाटू, कफल्या या कल़ौ जैसे पहाड़ी चावल का मांड हो, तो फिर क्या कहने। यह मांड इतना गाढ़ा होता है कि ठंडा होने पर थाली में जम जाता है और आप इसे छुरी से पनीर की तरह काट सकते हैं।
मांड में पौष्टिकता का खजाना
मांड में विटामिन, फाइबर और कॉर्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं। विशेष रूप से विटामिन 'बी', 'सी', और 'ई' इसके प्रमुख तत्व हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसके अलावा, इसमें स्टार्च और खनिज पदार्थ भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मांड को गुड़ या चीनी मिलाकर पीने का स्वाद ही कुछ और होता है। वहीं, अगर आप नमकीन मांड पसंद करते हैं, तो धनिया और लहसुन वाले नमक के साथ इसे सूप की तरह पिया जा सकता है।
मांड के स्वास्थ्य लाभ:
रामबाण औषधि: मांड को विशेष रूप से पेचिश, मरोड़ और आंव के लिए रामबाण औषधि माना जाता है। इसके लिए गर्म मांड में गुड़, मिश्री और शुद्ध घी मिलाकर पिएं। कुछ दिनों में ही आंव और पेचिश की समस्या दूर हो जाती है।
मां का दूध बढ़ाने में सहायक: प्रसव के बाद मां के दूध को बढ़ाने के लिए मांड का उपयोग पीढ़ियों से होता आ रहा है। उखड़ी या बासमती चावल का मांड, घी और गुड़ के साथ पिलाने से जच्चा के स्तनों में दूध बढ़ जाता है।
स्वास्थ्यवर्धक सूप: मांड को नमक और भुने जीरे के साथ मिलाकर एक स्वास्थ्यवर्धक सूप तैयार किया जा सकता है। इसमें सूखा पुदीना और काला नमक मिलाकर इसे सूप की तरह पीने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं।
मांड बनाने की विधि:
चावल उबालना: सबसे पहले एक बड़ी पतीली में चावल को पानी में डालकर उबालें। पानी चावल से दोगुना होना चाहिए। चावल अच्छे से उबालने के बाद पतीली को ढककर आंच धीमी कर दें।
मांड निकालना: करीब 10-12 मिनट बाद चावल के एक दाने को मसलकर चेक करें। यदि वह आसानी से दब जाए, तो उबले हुए पानी यानी मांड को किसी दूसरे बर्तन में निकाल लें।
स्वाद के अनुसार: मांड में आप गुड़, चीनी या नमक डालकर इसे स्वादिष्ट बना सकते हैं। अगर आप नमकीन मांड चाहते हैं, तो इसमें धनिया और लहसुन वाले नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
चावल का मांड न केवल एक स्वादिष्ट पेय है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ कई सामान्य बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। अगर आप भी एक बार मांड का स्वाद चखेंगे, तो इसका मुरीद बन जाएंगे।
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