हेनरी रामजे के सुधार: कुमाऊँ का नवाचार युग (Henry Ramsay's Reforms: The Innovation Era of Kumaon)

हेनरी रामजे के सुधार: कुमाऊँ का नवाचार युग

हेनरी रामजे ने लगभग 44 वर्षों तक विभिन्न पदों पर ब्रिटिश कुमाऊँ में कार्य किया, जिनमें से 28 वर्ष वे कुमाऊँ के छठे कमिश्नर रहे। उन्होंने इस क्षेत्र में प्रशासनिक, सामाजिक एवं आर्थिक सुधारों की नींव रखी, जिससे उन्हें 'कुमाऊँ का राजा' तक कहा गया। उनका कार्यकाल कुमाऊँ के विकास एवं स्थिरता का एक महत्वपूर्ण कालखंड रहा।

रामजे के प्रशासनिक सुधार

  1. कुशल प्रशासनिक प्रणाली: रामजे ने नवाबी शैली में शासन किया और वर्ष भर विन्सर, अल्मोड़ा तथा तराई-भावर में प्रवास करते थे। उन्होंने कुमाऊँ में एक प्रभावी प्रशासनिक प्रणाली स्थापित की।

  2. मार्शल लॉ एवं सैन्य सुधार: 1857 के विद्रोह के दौरान रामजे ने कुमाऊँ में मार्शल लॉ लागू किया और सैन्य छुट्टी निरस्त कर सुरक्षा को मजबूत किया। विद्रोहियों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया या फाँसी दी गई।

  3. नेपाल से सैन्य सहायता: उन्होंने नेपाल से 'रनवीर सेना' की सहायता ली और स्थानीय सहयोग सुनिश्चित किया।

  4. वन प्रबंधन: 1861 में उन्होंने हिमालय के तराई क्षेत्र के जंगलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाई और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया। वन संरक्षण की दृष्टि से चिन्हीकरण की प्रक्रिया लागू की गई।

  5. राजस्व सुधार: रामजे ने बैकेट को बंदोबस्त कार्य सौंपा, जिससे 1864 तक गढ़वाल-कुमाऊँ का विस्तृत बंदोबस्त पूरा हुआ। इसमें गढ़वाल के 4,392 और कुमाऊँ के 6,333 गाँवों की पैमाइश हुई।

  6. 'कुमाऊँ रूल्स' की स्थापना: 1874 के अधिनियम के तहत कुमाऊँ के लिए विशेष प्रशासनिक नियम बनाए गए, जिससे स्थानीय कानूनों को व्यवस्थित किया गया।

रामजे के सामाजिक एवं आर्थिक सुधार

  1. तराई-भावर क्षेत्र का विकास: उनके प्रयासों से इस क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप कम हुआ और खेती का विस्तार हुआ। सड़कों, नहरों और नगरों का विकास हुआ।

  2. न्यायिक सुधार: 1870 में पी. व्हेले को कानूनों की समीक्षा के लिए नियुक्त किया गया, जिससे 1874 का जिला अधिनियम पारित हुआ। इसके तहत कुमाऊँ को विशेष नियमों के अंतर्गत लाया गया।

  3. कृषि एवं जल व्यवस्था: रामजे ने सिंचाई गूलों और घराटों के लिए नियम बनाए, जिससे कृषि को स्थायित्व मिला।

  4. कुली प्रथा में सुधार: गदर के दौरान कुली नहीं मिलने पर बंदियों को श्रम कार्य में लगाया गया और उन्हें उचित व्यवहार के बदले रिहाई देने की नीति अपनाई गई।

  5. कुमाऊँ टेनेन्सी बिल, 1931: इसमें किसानों के अधिकारों की सुरक्षा और भूमि के उपयोग संबंधी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए।

रामजे की विरासत

हेनरी रामजे का कार्यकाल कुमाऊँ में स्थिरता और प्रशासनिक नवाचार का प्रतीक बना। उन्होंने कुमाऊँ के राजस्व, वन, न्याय और कृषि प्रबंधन में प्रभावशाली सुधार किए, जिससे यह क्षेत्र विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचा। उनकी योजनाओं और सुधारों की बदौलत कुमाऊँ का प्रशासनिक ढाँचा आधुनिक स्वरूप ग्रहण कर सका।

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