श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti)
श्री बद्रीनाथ जी की आरती एक अत्यधिक पवित्र और भव्य भक्ति गीत है, जो भगवान श्री बद्रीनाथ के दिव्य रूप और उनकी महिमा का वर्णन करता है। यह आरती भक्तों के हृदय में शांति और श्रद्धा का संचार करती है, साथ ही भगवान के प्रति असीम प्रेम और समर्पण को प्रकट करती है।
नीचे दी जा रही है श्री बद्रीनाथ जी की आरती, जिसे सुनकर आप भी भगवान के आशीर्वाद का अनुभव कर सकते हैं।
श्री बद्रीनाथ जी की आरती:
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्।
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यह वाक्य भगवान श्री बद्रीनाथ के मंदिर की शीतल और पवित्र हवा, उनके मंदिर की सोभा और गंगा के निर्मल जल का बखान करता है। यह आरती भक्तों को भगवान श्री बद्रीनाथ के दिव्य और पवित्र वातावरण का अनुभव कराती है।
शेष सुमिरन करत निशदिन,
धरत ध्यान महेश्वरम्।
वेद ब्रह्मा करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यहाँ भगवान के ध्यान में रमने और उनके प्रति भक्ति करने की बात की गई है। साथ ही, यह वाक्य हमें यह बताता है कि वेद और ब्रह्मा भी भगवान श्री बद्रीनाथ की स्तुति करते हैं।
शक्ति गौरी गणेश शारद,
नारद मुनि उच्चारणम्।
जोग ध्यान अपार लीला,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यहाँ भगवान श्री बद्रीनाथ की भक्ति में शक्ति, गौरी, गणेश, शारद, नारद मुनि और अन्य महापुरुषों द्वारा उच्चारण की जाती है।
इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर,
धूप दीप प्रकाशितम्।
सिद्ध मुनिजन करत जय जय,
बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यह वाक्य हमें यह बताता है कि इंद्र, चंद्र, और कुबेर भी भगवान की पूजा करते हैं, और सिद्ध मुनि भगवान की जय-जयकार करते हैं।
यक्ष किन्नर करत कौतुक,
ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम्।
श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यहाँ भगवान श्री बद्रीनाथ के पूजन में यक्ष और किन्नर भी भाग लेते हैं, और उनकी दिव्य लीला के साथ ज्ञान और गंधर्व का प्रकाश फैलता है।
कैलाश में एक देव निरंजन,
शैल शिखर महेश्वरम्।
राजयुधिष्ठिर करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
यहाँ कैलाश पर्वत पर भगवान महेश्वर का ध्यान और उनकी स्तुति का उल्लेख किया गया है, और युधिष्ठिर भी उनकी पूजा करते हैं।
श्री बद्रजी के पंच रत्न,
पढ़ते पाप विनाशनम्।
कोटि तीर्थ भवेत पुण्य,
प्राप्यते फलदायकम्॥
यह वाक्य भगवान श्री बद्रीनाथ के पंच रत्न चढ़ाने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
श्री बद्रीनाथ की आरती का महत्व:
श्री बद्रीनाथ की आरती में भगवान की महिमा का अद्भुत वर्णन किया गया है। यह आरती न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि यह एक दिव्य अनुभव है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और समृद्धि प्रदान करती है। आरती के माध्यम से हम भगवान श्री बद्रीनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करते हैं।
श्री बद्रीनाथ जी के दर्शन करने और उनकी आरती में भाग लेने से जीवन में पवित्रता, भक्ति और संतुलन आता है। यह आरती हमें भगवान के साथ जुड़ने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।
श्री बद्रीनाथ जी की आरती के महत्वपूर्ण अंश
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पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम्:
इस वाक्य में भगवान श्री बद्रीनाथ के मंदिर की पवित्र और शीतल हवा, मंदिर की भव्यता और गंगा के निर्मल जल का उल्लेख है। यह शुद्ध वातावरण भक्तों को दिव्यता का अनुभव कराता है। -
शेष सुमिरन करत निशदिन, धरत ध्यान महेश्वरम्:
इस श्लोक में भगवान श्री बद्रीनाथ के ध्यान में रहने और उनकी भक्ति करने की बात की गई है। साथ ही, यह हमें यह भी बताता है कि वेद और ब्रह्मा भी भगवान श्री बद्रीनाथ की स्तुति करते हैं। -
शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणम्:
यहाँ भगवान श्री बद्रीनाथ की पूजा में शक्ति, गौरी, गणेश, शारद, नारद मुनि जैसे महापुरुषों द्वारा उच्चारण की बात की गई है। इस वाक्य से भगवान के प्रति उनके अपार भक्ति का पता चलता है। -
इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर, धूप दीप प्रकाशितम्:
यहाँ इंद्र, चंद्र और कुबेर जैसे देवताओं की पूजा का उल्लेख किया गया है। यह वाक्य यह दर्शाता है कि सिर्फ मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी देवता भी भगवान श्री बद्रीनाथ की पूजा करते हैं। -
यक्ष किन्नर करत कौतुक, ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम्:
यहाँ यक्ष, किन्नर और गंधर्वों का भी भगवान श्री बद्रीनाथ की पूजा में योगदान बताया गया है। इसके माध्यम से यह समझा जा सकता है कि भगवान की दिव्यता हर वर्ग के प्राणियों तक पहुँचती है। -
कैलाश में एक देव निरंजन, शैल शिखर महेश्वरम्:
इस श्लोक में कैलाश पर्वत पर भगवान महेश्वर की पूजा और स्तुति का उल्लेख है। यह हमें भगवान की शक्ति और उनकी पूजा के महत्व को दर्शाता है। -
श्री बद्रजी के पंच रत्न, पढ़ते पाप विनाशनम्:
इस वाक्य में यह बताया गया है कि भगवान श्री बद्रीनाथ के पंच रत्न चढ़ाने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
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