उत्तराखंड का भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

उत्तराखंड का भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

उत्तराखंड, जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, भारतीय राज्य है जो 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। यह राज्य अपनी विविध भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। वैदिक साहित्य, जातक ग्रंथ, जैन और बौद्ध साहित्य, और पौराणिक ग्रंथों में इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। शिलालेखों और ताम्रपत्रों में इसे 'पर्ववताकार-राज्य' के रूप में उल्लेखित किया गया है।

उत्तराखंड की भौगोलिक सीमाएँ

उत्तराखंड भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र हिमालय से लेकर टोंस और यमुना तक विस्तृत है। कुमाऊं और गढ़वाल के जिलों को जोड़ते हुए यह राज्य उत्तर प्रदेश के पर्वतीय भाग से लेकर भारत-तिब्बत सीमा तक फैला हुआ है। गढ़वाल मंडल हिमालय के केंद्रीय हिस्से में स्थित है, जबकि कुमाऊं की दक्षिणी सीमा भावर-तराई क्षेत्र तक फैली हुई है।

स्थिति और विस्तार

उत्तराखंड का अक्षांशीय विस्तार 28°43' से 31°27' उत्तर तक और देशांतर 77°34' से 81°02' पूर्वी तक है। इसका कुल क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ की जनसंख्या लगभग 1 करोड़ है। राज्य में 13 जिले हैं: अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, देहरादून, गढ़वाल, चमोली, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर, वागेश्वर, चम्पावत, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार।

भूगर्भिक संरचना

उत्तराखंड की भूगर्भिक संरचना पर गहरा प्रभाव देखा जाता है। 1887 में मिडिपल मिस, 1891 में ग्रीसवेक, और 1864 में मेडलीकाट द्वारा किए गए भूगर्भिक अध्ययन से यह क्षेत्र विभिन्न संरचनाओं में बंटा हुआ है। इन संरचनाओं में चूना पत्थर, आग्नेय शैलों, और ग्रेनाइट शैलों का मिश्रण देखा जाता है।

पर्वत श्रेणियाँ

उत्तराखंड की पर्वत श्रेणियाँ राज्य के भौगोलिक रूप को आकार देती हैं। इन पर्वतों में मुख्यतः शिवालिक, मध्य हिमालय, महाहिमालय और जंस्कर श्रेणियाँ शामिल हैं। इन श्रेणियों में कई उच्च शिखर और घने जंगल स्थित हैं। राज्य की ऊँचाई समुद्र सतह से 800 फीट से लेकर 25,661 फीट तक पहुँचती है। इन पर्वतों पर स्थित नदियाँ जैसे यमुना, अलकनंदा और काली नदियाँ राज्य की सुंदरता को बढ़ाती हैं।

शिवालिक श्रेणियाँ

शिवालिक पर्वत श्रेणियाँ उत्तराखंड के भावर और तराई क्षेत्र को शिवालिक की ऊँचाई से अलग करती हैं। इनकी औसत ऊँचाई 750 से 1200 मीटर के बीच है। यहाँ की वर्षा 40 इंच के आसपास होती है और यह क्षेत्र प्रमुख नदी प्रणालियों जैसे गंगा, यमुना, और काली नदियों के संगम स्थल हैं।

मध्य हिमालय श्रेणियाँ

मध्य हिमालय की पर्वत श्रेणियाँ 1500 से 2700 मीटर की ऊँचाई में फैली हुई हैं। इनकी सीमा शिवालिक और दून घाटी से जुदी हुई है। मध्य हिमालय की ऊँचाई साधारणतः 6,000 फीट तक होती है, जबकि कुछ चोटियाँ जैसे देववन, नागटिब्बा और चीनी शिखर 10,000 फीट तक ऊँची हैं।

महाहिमालय और जंस्कर श्रेणियाँ

महाहिमालय और जंस्कर श्रेणियाँ उत्तराखंड के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर हैं। इन पर्वतों की ऊँचाई 4800 से 9000 मीटर के बीच है, और इनमें से कुछ प्रमुख शिखर जैसे नन्दा देवी (7816 मीटर), कामेत (7756 मीटर), और चौखम्बा (7138 मीटर) हैं।

उत्तराखंड की पर्वत शिखर सूची

उत्तराखंड के कुछ प्रमुख पर्वत शिखर इस प्रकार हैं:

  1. नन्दा देवी (7,816 मीटर) - चमोली
  2. कामेत (7,756 मीटर) - चमोली
  3. नन्दा देवी पूर्वी (7,434 मीटर) - चमोली
  4. माणा (7,273 मीटर) - चमोली
  5. चौखम्बा (7,138 मीटर) - चमोली
  6. त्रिशूल (7,120 मीटर) - चमोली
  7. द्रोणागिरि (7,066 मीटर) - चमोली
  8. पंचचूनी (6,904 मीटर) - पिथौरागढ़
  9. नन्दाकोट (6,861 मीटर) - बागेश्वर
  10. बंदरपूँछ (6,315 मीटर) - उत्तरकाशी

प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर

उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता, प्राचीन मंदिरों, और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के घने जंगल, उच्च पर्वत शिखर, और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इस राज्य को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, और गंगोत्री हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।

उत्तराखंड का यह भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्धि इसे न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्थल बनाता है।

उत्तराखण्ड से संबंधित Frequently Asked Questions (FAQs)

  1. उत्तराखण्ड का गठन कब हुआ था?

    • उत्तराखण्ड का गठन 9 नवम्बर 2000 को हुआ था। इससे पहले इस राज्य को उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था।
  2. उत्तराखण्ड का नाम कैसे पड़ा?

    • उत्तराखण्ड का नाम 'उत्तरापथ' और 'केदारखण्ड' शब्दों के मिश्रण से लिया गया है। 'उत्तर' का अर्थ उत्तर दिशा और 'खण्ड' का अर्थ क्षेत्र या भाग है। यह नाम पौराणिक साहित्य से लिया गया है।
  3. उत्तराखण्ड की भौगोलिक सीमाएँ क्या हैं?

    • उत्तराखण्ड की भौगोलिक सीमाएँ उत्तर में भारत-तिब्बत सीमा, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से मिलती हैं। इसका क्षेत्र नैनीताल, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी जैसे प्रमुख जिलों से बनता है।
  4. उत्तराखण्ड का क्षेत्रफल कितना है?

    • उत्तराखण्ड का सम्पूर्ण क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है।
  5. उत्तराखण्ड में कौन सी प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ हैं?

    • उत्तराखण्ड में प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ हैं: शिवालिक, मध्य हिमालय, महाहिमालय, और जंस्कर श्रेणियाँ। इन पर्वत श्रेणियों ने उत्तराखण्ड को चार भागों में विभाजित किया है।
  6. उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्वत शिखर कौन से हैं?

    • उत्तराखण्ड में प्रमुख पर्वत शिखर हैं:
      1. नन्दा देवी (7,816 मीटर) - चमोली
      2. कामेत (7,756 मीटर) - चमोली
      3. नन्दा देवी पूर्वी (7,434 मीटर) - चमोली
      4. माणा (7,273 मीटर) - चमोली
      5. चौखम्बा (7,138 मीटर) - चमोली
      6. त्रिशूल (7,120 मीटर) - चमोली
      7. द्रोणागिरि (7,066 मीटर) - चमोली
      8. पंचचूनी (6,904 मीटर) - पिथौरागढ़
  7. उत्तराखण्ड की भूगर्भिक संरचना कैसी है?

    • उत्तराखण्ड की भूगर्भिक संरचना में पांच प्रमुख पेटियाँ शामिल हैं:
      1. स्वस्थानिक मेखला (चूना पत्थर और अवसाद)
      2. क्राल नापे समस्थानिक मेखला
      3. गढ़वाल नापे
      4. मुख्य हिमालय मेखला
      5. मध्य समस्थानिक पेटी (ग्रेनाइट और नीस)
  8. उत्तराखण्ड में किस प्रकार के वन पाए जाते हैं?

    • उत्तराखण्ड के ऊँचे डांडों पर बुरांस, भौड़, खरसू, रागा, और सुरई जैसे पेड़ मिलते हैं। यहाँ के वन दुनिया के प्रमुख चराई क्षेत्रों में गिने जाते हैं।
  9. उत्तराखण्ड में प्रमुख नदियाँ कौन सी हैं?

    • उत्तराखण्ड में प्रमुख नदियाँ हैं गंगा, यमुना, काली, अलकनन्दा, और तामस। ये नदियाँ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से बहती हैं और स्थानीय जीवन की महत्वपूर्ण धारा हैं।
  10. उत्तराखण्ड की जलवायु कैसी होती है?

    • उत्तराखण्ड की जलवायु ऊँचाई के हिसाब से बदलती है। शिवालिक और मध्य हिमालय क्षेत्र में गर्मी होती है, जबकि उच्च हिमालय और महाहिमालय में सर्दियाँ बहुत अधिक होती हैं, जहां हर साल हिमपात होता है।

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