garhwali कवहते

जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान। 


अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी। 
जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।  

दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी।

सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू। 


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