तिमला और उत्तराखंड
तिमला: स्वाद ही नहीं सेहत का खजाना भी है
तिमला ऊँचे और ठन्डे प्रदेशों मैं पाए जाते हैं भारत मैं तिमला का क्षेत्र उत्तर भारत माना जाता है यह उत्तराखंड, हिमांचल, अरुंनाचल प्रदेश, नेपाल और अन्य पहाड़ी क्षेत्र मैं बहुत जादा पाया जाता है।
तिमले का उत्तराखंड से बहुत ही प्राचीन काल से गहरा संबन्ध है यहाँ के लोकगीतों मैं तिमले का जिक्र किया जाता है बड़ा आकार की वजह से इसका पत्ता प्राचीन समय मैं खाना खाने के लिए थाली का काम करती थी आज भी कई जगह शादी पार्टी के आयोजनों मैं लोग इसके पत्तों का इस्तेमाल करते हैं बड़ी कड़ी पर बही सब्जियां और भात इसके पत्तों से ठाके जाते हैं साथ ही पशुओं का चारे के लिए यहाँ एक बड़ा विकल्प रहता है इसकी पतियाँ पशुओं के लिए फायदेमंद बताई जाती हैं .
इसके फल को लोग खूब खाते हैं इसलिए लोग इस पेड़ की उपयोगिता को देख घर के नजदीक ही लगते हैं इस पेड़ पर भरी भरकम शाखाएं निकलती हैं जिनपे धान के बाद सुखी न्यार (पराल) इसकी मजबूत शाखाओं पर लगे जाती है जो काफी समय तक सुरक्षित रहती है।
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