गौं बटि बुबूकि चिट्ठी ऐरै।
नानतिनो, भ्या बैणियों भाल् है रया।
जां लै छा, जिलै करण लागि रौछा सबै सुखारि रया।
घरकि चिंता झन करिया।
कैदिनै मौक लागलत यक चक्कर जरूर लगाया।
घराक गोल्ज्यू, गाड़क मसाण, धार मेंकि देवि, भुतणिक थान सबै जाग।
तुमरनामक द्यू जगाहा।
सबै द्याप्तन्हैं हाथ जोड़ि हालि।
हे नरैंणां म्यार प्वाथन बचै राखिया।
बस साल् में यक चक्कर जरूर घरैं लग्यै दिया।
मैंकें तुमरि नरै लागि रै।
बाट मैंनि द्येखि न राख।
नतरि यक दिन मैंलै जरूर ऐ जनी।
देवा आब तुमरि आस छ।
मैंकें म्यार नानतिन दिखै दे।
धें कास् है रयी।
कि पत्त आब कदुक दिनक पराण छ बल।
तदुक निर्मोही केहीं भई म्यार नान्।
कदुक साल है गई।
कि पत्त घरक पत्त भुलि गई।
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