१- दूध-भात खैबेर् भागी, नानतिन हुन्छी खूब हुस्यार
आब खांण भेगी मैगी-बर्गर, तबेत रूनी हरदम बीमार ।।
२- भटै रांजणि झ़ुंगरौ भात, ब्वझ उठै द्यछीं बातै-बात
अच्याला नान् फूल जस् परांण, हिटि नि सकंन् द्वी लपाक् ।।
३ - आठ-दस मैल् पैदल् जंछी, तब पड़छी इस्कूल
आब् त् ऑनलाइन हैगो, ठंड-ठंड कूल-कूल ।।
४ - शराब गुटुक बाट-बाटन् में, इफरात है रै कूंछा
संस्कार त् हरै गयीं भगवान् ज्यु , तुम क्यलै चुपै रोछा।।
५- एक बखत् ऊ लै छी, जब भल् मनखिकि हैंछी कदर
आब् जैक् छीं चार चाटुकार, वी पधान वी हुस्यार।।
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