भूतनाथ मंदिर, ऋषिकेश: एक दिव्य यात्रा
ऋषिकेश का भूतनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो स्वर्गाश्रम क्षेत्र के घने जंगलों के बीच स्थित है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बना हुआ है।

भूतनाथ मंदिर का इतिहास
यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां भगवान शिव अपनी बारात के साथ माता सती से विवाह करने के लिए हरिद्वार जा रहे थे। रास्ते में वे मणिकूट पर्वत पर रुके थे, और यहीं पर देवताओं और भूत-प्रेतों के साथ एक ठहराव हुआ। इस घटना के बाद से इस स्थान को विशेष महत्व प्राप्त हुआ।
1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट ने यहां भूतनाथ मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर के 7 मंजिल हैं, और यह तीनों तरफ से राजा जी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) से घिरा हुआ है। इस मंदिर से श्रद्धालुओं को न केवल भगवान शिव के दर्शन होते हैं, बल्कि यहां से ऋषिकेश शहर और आसपास की हरियाली का अद्भुत दृश्य भी दिखाई देता है।
मंदिर की संरचना
मंदिर की हर मंजिल पर भगवान शिव से जुड़े विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इनमें नंदी, हनुमान और अन्य शिव रूपों को दर्शाया गया है। सातवीं मंजिल पर भगवान शिव की भूतों की बारात को चित्रित किया गया है, जो श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
भूतनाथ मंदिर से जुड़ी कथाएं
भूतनाथ मंदिर से जुड़ी कुछ और रोचक कथाएं भी हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब राम और रावण के बीच युद्ध हो रहा था और लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा था, तो हनुमान जी इसी मणिकूट पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर गए थे। यह पर्वत इस महाकाव्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण धरोहर है।
मंदिर की खुदाई और स्वयंभू शिवलिंग
मंदिर की स्थापना के समय एक दिलचस्प घटना घटी। यह बताया जाता है कि यहां पहले एक घना जंगल था, जहां लोग अपनी गायों को चराने के लिए लाते थे। एक दिन एक गाय हर रोज उसी स्थान पर खड़ी हो जाती, जहां बाद में भूतनाथ मंदिर बना। गाय के थनों से दूध निकलने लगा, जिसे देखकर राजा ने इस स्थान की खुदाई कराने का निर्णय लिया। खुदाई के दौरान यहां एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसे देख लोग हैरान रह गए। इसके बाद, मंदिर का निर्माण किया गया और यह जगह श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल बन गई।

मंदिर में अन्य महत्वपूर्ण मंदिर
भूतनाथ मंदिर परिसर में एकादश महादेव, त्रिलोकीनाथ, अर्द्धनारीश्वर, पंचवक्त्र महादेव और नीलकंठ महादेव के मंदिर भी स्थित हैं। इन मंदिरों में विशेष रूप से सावन माह में ओम नम: शिवाय का जाप गूंजता रहता है, जो भक्तों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देता है।
अंत में
भूतनाथ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। यहां की शांति, प्राकृतिक सुंदरता और भगवान शिव की उपस्थिति श्रद्धालुओं को मानसिक और आत्मिक शांति का अहसास कराती है। यह मंदिर उन सभी के लिए एक प्रेरणा स्थल है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।
भूतनाथ मंदिर, ऋषिकेश: FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
भूतनाथ मंदिर कहाँ स्थित है?
- भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्थित है, जो घने जंगलों के बीच मणिकूट पर्वत पर स्थित है।
भूतनाथ मंदिर किसे समर्पित है?
- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
भूतनाथ मंदिर का इतिहास क्या है?
- यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां भगवान शिव अपनी बारात के साथ माता सती से विवाह करने के लिए हरिद्वार जा रहे थे और मणिकूट पर्वत पर रुके थे। 1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया था।
भूतनाथ मंदिर की संरचना कैसी है?
- भूतनाथ मंदिर 7 मंजिला है और यह तीनों तरफ से राजा जी नेशनल पार्क से घिरा हुआ है। मंदिर में हर मंजिल पर भगवान शिव से जुड़ी मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
मंदिर में क्या खास है?
- मंदिर की सातवीं मंजिल पर भगवान शिव की भूतों की बारात को चित्रित किया गया है। यहां से ऋषिकेश शहर और आसपास की हरियाली का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
भूतनाथ मंदिर से जुड़ी कोई प्रसिद्ध कथा है?
- एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब राम और रावण के युद्ध में लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा, तो हनुमान जी इसी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर गए थे।
क्या भूतनाथ मंदिर में कोई स्वयंभू शिवलिंग है?
- हाँ, यहां एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था, जिसे देख लोग चमत्कृत हो गए थे। यह शिवलिंग मंदिर के भीतर स्थित है।
भूतनाथ मंदिर में कौन-कौन से अन्य मंदिर हैं?
- भूतनाथ मंदिर परिसर में एकादश महादेव, त्रिलोकीनाथ, अर्द्धनारीश्वर, पंचवक्त्र महादेव और नीलकंठ महादेव के मंदिर भी स्थित हैं।
क्या यहां सावन में विशेष आयोजन होते हैं?
- हाँ, सावन के महीने में यहां ओम नम: शिवाय का मंत्र गूंजता रहता है और भक्तों की संख्या में भी काफी वृद्धि होती है।
भूतनाथ मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
- भूतनाथ मंदिर जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस समय मौसम ठंडा और सुखद रहता है।
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