एक कहानी में चंद्र सिंह गढ़वाली की है जो मुझे मेरे ताऊ जी ने सुनाई हैं जब मेरे ताऊ जी 10 से 12 साल के थे उन दिनों वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का नारा था भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था जब वहां अपने गांव आते तो वीर चंद्र सिंह गढ़वाली लोगों को भारत छोड़ो आंदोलन के प्रति जागरूक करते थे
उस समय पहले पहले वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को लोग पागल कहते थे क्योंकि पहाड़ों में अंग्रेजों का उतना आना जाना नहीं था धीरे-धीरे करके वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की बात काफी लोगों ने मानी और उनके साथ चल पड़े
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जब भी आते ओ लोगों को भारत छोड़ो आंदोलन के लिए प्रेरित करते थे
उस समय गांव को जाने के लिए खच्चर रोड का प्रयोग किया जाता था तो वहां लोगों को गांव से जो खच्चर रोड के सामने से आवाज देते थे के चलो अपना देश को स्वतंत्र कराएं
"इसीलिए गढ़वाली को यहां नारा लगाते हैं
ना तलवार चाहिए ना ढाल चाहिए
गढ़वालियों के खून में उबाल चाहिए"
जय बद्री विशाल की
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