गर्जिया देवी मन्दिर, रामनगर (#Garjiya_Devi temple #Ramnagar #Uttarakhand) जिसे गिरिजा देवी मंदिर भी कहते हैं, उत्तराखण्ड में एक प्रसिद्ध मन्दिर है।
Garjiya Devi Mandir (Ramnagar) | गर्जिया देवी मंदिर
गर्जिया देवी मंदिर उत्तराखंड के रामनगर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो कोसी नदी के तट पर एक चट्टान पर बना है। यह मंदिर माँ पार्वती के एक रूप, गिरिजा देवी को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह रामनगर से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर है और नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है।
Garjiya Devi Mandir का इतिहास
गर्जिया देवी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और दिलचस्प है। पहले यह क्षेत्र घने जंगलों और जंगली जानवरों से भरा हुआ था, और यहाँ शेर और भालू घूमते थे। इतिहासकारों का मानना है कि मंदिर 1900 के आसपास एक साधारण रूप में था, और 1950 में श्री महादेव गिरी महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ।
महादेव गिरी बाबा एक नाग बाबा और तांत्रिक थे, जिन्होंने राजस्थान से भैरव, गणेश और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ यहाँ स्थापित की थीं। कहा जाता है कि जब ये मूर्तियाँ स्थापित की जा रही थीं, तभी एक शेर ने जोर से गर्जना की। इस गर्जना को एक संकेत मानते हुए, बाबा ने देवी का नाम "गर्जिया देवी" रखा।
मंदिर की पुनः स्थापना और चमत्कार
मंदिर की पवित्र मूर्तियाँ 1960 में कोसी नदी के बाढ़ में बह गई थीं, लेकिन 1967 में पूर्णचंद्र नामक एक व्यक्ति को माता ने स्वप्न में दर्शन दिए और मूर्तियों का स्थान बताया। पूर्णचंद्र ने उन मूर्तियों को पुनः प्राप्त कर स्थापित किया। 1970 तक मंदिर का पुनर्निर्माण हो चुका था और 1977 में गर्जिया पुल का निर्माण हुआ, जिससे मंदिर तक पहुंचना आसान हो गया।
गर्जिया देवी मंदिर का धार्मिक महत्व
गर्जिया देवी मंदिर के दर्शन के लिए नवरात्रि, शिवरात्रि, बसंत पंचमी और गंगा दशहरा जैसे खास अवसरों पर भारी संख्या में भक्त आते हैं। मंदिर के नीचे भैरव देवता का भी मंदिर स्थित है, और भक्तों का मानना है कि भैरव देवता के दर्शन के बाद ही देवी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
मंदिर कैसे पहुंचे?
गर्जिया देवी मंदिर रामनगर से लगभग 15 किमी दूर सुंदरखाल गांव में स्थित है। यहां पहुँचने के लिए आपको 90 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, और यह एक छोटा सा टीला है, इसलिए एक समय में केवल एक भक्त ही सीढ़ियाँ चढ़ सकता है। मंदिर कॉर्बेट नेशनल पार्क से केवल 10 किमी दूर है, और यहां पहुँचने के लिए आप बस, ट्रेन या अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गर्जिया देवी मंदिर के प्रमुख उत्सव
- नवरात्रि: विशेष रूप से इस समय मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है।
- कार्तिक पूर्णिमा: इस दिन गंगा स्नान के बाद भक्त मंदिर में दर्शन करते हैं।
- शिवरात्रि: इस दिन मंदिर में मेला आयोजित किया जाता है।
Garjiya Mandir का नाम "गर्जिया" कैसे पड़ा?
मंदिर का नाम "गर्जिया" देवी के नाम पर पड़ा, क्योंकि एक बार जब नाथ बाबा ने मूर्तियों की स्थापना की, तभी एक शेर ने जोर से गर्जना की, जिसे बाबा ने एक दिव्य संकेत माना। उसी समय उन्होंने देवी का नाम "गर्जिया देवी" रखा।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग के माध्यम से हमने उत्तराखंड के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के बारे में जाना। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके इतिहास और मान्यताओं में भी गहरी रुचि है।
FAQs
गर्जिया देवी मंदिर किस नदी तट पर स्थित है? गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के तट पर स्थित है।
नैनीताल से रामनगर की दूरी कितनी है? नैनीताल से रामनगर की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है।
गर्जिया देवी मंदिर की ऊंचाई कितनी है? मंदिर का टीला लगभग 100 फुट ऊँचा है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क से गर्जिया देवी मंदिर की दूरी कितनी है? मंदिर कॉर्बेट नेशनल पार्क से केवल 10 किलोमीटर दूर है।
गर्जिया मंदिर का नाम "गर्जिया" कैसे पड़ा? मंदिर का नाम "गर्जिया" देवी के नाम पर पड़ा, क्योंकि एक बार एक शेर ने गर्जना की और इसे बाबा ने दिव्य संकेत माना।
जय माता दी!
टिप्पणियाँ