किशन महिपाल: उत्तराखंड के लोक संगीत और सिनेमा का सितारा

किशन महिपाल: उत्तराखंड के लोक संगीत और सिनेमा का सितारा

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक और फिल्म निर्माता किशन महिपाल ने अपनी मधुर आवाज से न केवल उत्तराखंडी लोक संगीत को जीवित रखा है, बल्कि सिनेमा की दुनिया में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। उनका संगीत उत्तराखंड की संस्कृति और लोक गीतों की समृद्ध धारा का प्रतीक है।

किशन महिपाल का जीवन परिचय

  • जन्म: 1 जनवरी, 1979
  • जन्म स्थान: इन्द्रधारा गांव, बद्रीनाथ
  • पिता: स्व. श्री नारायण सिंह (किसान)
  • माता: श्रीमती जेट्ठी देवी
  • पत्नी: श्रीमती रजनी महिपाल
  • व्यवसाय: गायक, गीतकार, निर्देशक, अभिनेता

किशन महिपाल का जन्म एक गरीब भोटिया परिवार में हुआ था, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें लोकप्रियता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। बचपन में वे अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे, और उनकी गायकी को बहुत सराहा जाता था।

शिक्षा और शुरुआती दिन

किशन ने अपनी शिक्षा जी.पी.जी. कॉलेज, गोपेश्वर (चमोली) से की थी, जहां उन्होंने एम.कॉम और एम.ए. इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त की। किशन का हमेशा से संगीत में रुचि थी, और वे कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे।

संगीत यात्रा और करियर

किशन महिपाल ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी, जहां उन्होंने अभिनय और प्लेबैक सिंगिंग में हाथ आजमाया। 2003 में कॉलेज के प्रोफेसर ने उनकी गायकी से प्रभावित होकर उन्हें 30 हजार रुपये दिए, जिनसे उन्होंने अपना पहला एलबम "ओ रे सांगली" निकाला। इस एलबम ने उत्तराखंड के संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बना ली और किशन महिपाल को एक स्टार बना दिया।

उनका गाना "किंघरी का झाला घाघुति" इतना प्रसिद्ध हुआ कि आज भी लोग इसे गाते हैं। यह गीत उत्तराखंड के लोगों के बीच एक सदाबहार हिट बन चुका है।

लोकगीतों में किशन महिपाल की आवाज

किशन महिपाल ने उत्तराखंड के पारंपरिक गीतों को अपनी आवाज दी है, जिससे उन्होंने न केवल राज्य में बल्कि देशभर में अपनी पहचान बनाई है। उनका एलबम "ऐ जानू रे" और गाना "घुघूती" बेहद लोकप्रिय हुए हैं। किशन के गाने उत्तराखंडी संस्कृति, पर्वों, और लोकजीवन को जीवित करते हैं।

सम्मान और योगदान

किशन महिपाल का गीत "किंघरी का झाला घाघुति" उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सुने जाने वाले गानों में शामिल हो गया है। इसके लिए उन्होंने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं। इसके अलावा, किशन महिपाल ने आस्था चैनल के 13 एपिसोड में भी काम किया है और इन दिनों वे एक स्क्रिप्ट राइटर के रूप में भी सक्रिय हैं।

उनकी आवाज और संगीत ने न केवल उत्तराखंडी लोकगीतों को लोकप्रिय किया है, बल्कि उन्होंने उत्तराखंड की सिनेमा इंडस्ट्री को भी एक नई दिशा दी है।

किशन महिपाल के कुछ प्रसिद्ध गीत

  1. घुघूती (एल्बम: ऐ जानू रे)
  2. रुणमुण झुणमुण बरखा सी (एल्बम: सेमान्या बौजि)
  3. फ्योंलडिया त्वे देखिक

निष्कर्ष

किशन महिपाल उत्तराखंड के संगीत जगत का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। उनका संगीत, उनकी गायकी और उनके योगदान ने उत्तराखंडी लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। वे न केवल उत्तराखंड के एक प्रमुख गायक हैं, बल्कि उनकी फिल्म निर्देशन और लेखन में भी गहरी रुचि है। उनके गाने उत्तराखंड की संस्कृति की धड़कन हैं और वे हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे।

FAQs (Frequently Asked Questions) - किशन महिपाल

  1. किशन महिपाल कौन हैं? किशन महिपाल उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक, गीतकार, और निर्देशक हैं। वह उत्तराखंड की पारंपरिक लोकगीतों को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत करते हैं और उत्तराखंड सिनेमा के प्रमुख गायकों में अपनी पहचान बना चुके हैं।

  2. किशन महिपाल का जन्म कब और कहां हुआ था? किशन महिपाल का जन्म 1 जनवरी 1979 को उत्तराखंड के बद्रीनाथ क्षेत्र के इन्द्रधारा गांव में हुआ था।

  3. किशन महिपाल का पहला एल्बम क्या था? किशन महिपाल का पहला डेब्यू एलबम "ओ रे सांगली" था, जो उत्तराखंड में बहुत ही लोकप्रिय हुआ और उनकी गायकी को एक अलग पहचान दिलाई।

टिप्पणियाँ