राज्य के प्रमुख जलप्रपात
(Head of state waterfall)
सहस्त्रधारा (देहरादून) देहरादून से 11 किमी. की दूरी पर स्थित है, यहां एक झरना गंधकयुक्त है जिसमें नहाने से चर्म रोग ठीक होने की अवधारणा है।
कैम्टी फॉल (टिहरी) मसूरी से 15 किमी0 दूरी यमुनोत्री मार्ग पर स्थित है। यह सर्वाधिक सुन्दर व विशाल जल प्रपात है। इसका मुख्य भाग पौड़ी गढवाल जिले में है।
विर्थी जल प्रपात (पिथौरागढ़) पिथौरागढ़ से मुनस्यारी मार्ग पर स्थित मनमोहक बिर्थी जल प्रपात बिर्थी गांव के पास स्थित है।
वसुन्धरा जल प्रपात (चमोली) सुदूर माणा गांव से 5 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस प्रपात की ऊंचाई लगभग 146 मी. है।
बुग्याल राज्य के ऊंचे भाग जिनकी औसत ऊंचाई 3500 मीटर से 5800 मीटर है, तथा जिनमें घास के मैदानों का विस्तार पाया जाता है। बुग्याल कहलाते है। यह जैव विविधता के क्षेत्र है। इन धास के मैदानों को पशुपालकों का स्वर्ग भी कहते है।
राज्य के प्रमुख बुग्याल निम्न है
बेदनी बुग्याल रूपकुंड मार्ग पर चमोली
फूलों की घाटी जोशीमठ-बद्रीनाथ मार्ग चमोली
औली जोशीमठ के पास चमोली
रूद्रनाथ गोपेश्वर से ऊपर की तरफ चमोली
नंदनकानन फूलों की घाटी के ऊपर की चमोली
सतोपंथ माणा गांव के ऊपर चमोली
राज खर्क पवांलीकॉँठा के ऊपर चमोली
केदार खर्क गंगोत्री के निकट उत्तरकाशी
दयारा उत्तकाशी उत्तरकाशी
पवॉलीकॉठा उत्तकाशी उत्तरकाशी
दूधातोली चमोली व पौड़ी के मध्य चमोली-पौड़ी
अविन खर्क थराली के ऊपर चमोली
1. वेदनी बुग्याल - राज्य को सबसे बड़ा बुग्याल है। जो रूपकुण्ड, चमोली के पास स्थित है।और समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह सुरम्य घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
2. फूलों की घाटी चमोली जिले में स्थित जोशीमठ -बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। इसकी खोज एक ब्रिटिश पर्वतारोही फ्ैंक स्माइथ ने 1931 ई0 में की थी। फ्रैंक स्माइथ ने अपनी पुस्तक वैली आफ फ्लावर्स में इस घाटी का विस्तश्त वर्णन किया यहां 250 प्रकार के फूलों की किस्में पायी जाती है।
3. दयारा बुग्याल उत्तरकाशी जिले में स्थित है शीतकालीन हिमक्रीड़ा के लिए प्रसिद्ध यह बुग्याल समुद्र तल से 3000 मीटर पर स्थित है।
4. रूपकुंड कर्णप्रयाग से 45 किमी की दूरी पर यह बुग्याल कर्णप्रयाग -ग्वालदम -अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है।
5. औली -सैफ विंटर गेम्स 2011 से चर्चा में आया यह बुग्याल चमोली जिले में जोशीमठ से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यह साहसिक पर्यटन (स्कीइंग) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। प्राकृतिक सौदर्य से भरपूर यह बुग्याल नंदादेवी, कामेट, दूनागिरि, नीलकंठ व हाथी गौरी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा है।
इन बुग्यालों के अतिरिक्त पिथौरागढ़ जनपद में पिण्डारी, नामिक, जोहार, छिपलाकोट आदि उल्लेखनीय बुग्याल हैं। इन बुग्यालों में डोरवा वस्त्र पहने चरवाहों को पालसी कहा जाता है।
उत्तराखंड ( Uttarakhand )
उत्तराखंड सामान्य ज्ञान (Uttarakhand General Knowledge)
(भारतीय इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान एवं जनसंख्या-2021 का बिन्दुवार सम्मिलन सहित)
(Including point-wise integration of Indian History, Geography, Polity, General Knowledge, General Science and Population-2021)
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