राज्य की प्रमुख नहरें
(Major canals of the state)
ऊपरी गंगा नहर राज्य की सबसे पुरानी नहर है, इसका निर्माण 1842 से 1654 के बीच किया गया। लार्ड डलहौजी के समय बनी यह नहर, हरिद्वार में गंगा निकाली गयी है जो कि कानपुर तक जाती है।
पूर्वी गंगा नहर हरिद्वार से निकाली गयी यह नहर 45.55 किमी. लम्बी है। इसकी पांच शाखाएं है। इसका उपयोग उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बिजनौर व उत्तराखण्ड में हरिद्वार में सिंचाई के लिए किया जाता है।
शारदा नहर बनबसा (चम्पावत) स निकाली गयी इस नहर की निर्माण 1928 ई. में काली नदी पर किया गया। इससे मुख्यतः ऊधमसिंह नगर की सिंचाई की जाती है।
नानक सागर बांध नैनीताल से निकलने वाली नंधौर नदी पर। यह बांध नैनीताल व ऊधम सिंह नगर की सीमा पर है। इस से नैनीताल व ऊधम सिंह नगर की सिंचाई की जाती है।
राज्य में लगभग 11.5 लाख हेक्टेअर भूमि सिंचाई योग्य है, परन्तु लगभग 5.8 लाख हेक्टेअर भूमि पर ही सिचाई के साधन उपलब्ध है।
प्रमुख गिरीद्वार (दरे)
राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र में भारत और तिब्बत की सीमाओं के आर पार जाने तथा राज्य में एक जनपद से दूसरे जनपद में जाने के लिए अनेक रास्ते या मार्ग हैं। जिन्हें गिरी द्वार या दर्रे कहा जाता है। प्राचीन काल में तिब्बत के साथ इन्हीं दरों के माध्यम से व्यापार होता था।
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