पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम

 पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम

समुद्रतल से 11750 फीट की ऊंचाई पर केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। बारह ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ धाम का सर्वोच्च स्थान है। केदारनाथ धाम में भगवान शिव के बैल रूप में पृष्ठ भाग के दर्शन होते हैं। त्रिकोणात्मक स्वरूप में यहां पर भगवान का विग्रह है। पत्थरों से बने कत्यूरी शैली के केदारनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसका निर्माण पांडवों ने कराया था, जबकि आद्य शंकराचार्य ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। मंदिर की विशेषता यह है कि 2013 की भीषण आपदा में भी उसे आंच तक नहीं पहुंची।
पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम Best Kedarnath Dham in Panchkedar मध्यमेश्वर धाम  भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ

पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम Best Kedarnath Dham in Panchkedar मध्यमेश्वर धाम  भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ

मध्यमेश्वर धाम में मध्य भाग के दर्शन
द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर का धाम 9700 फीट की ऊंचाई पर चौखंभा शिखर की तलहटी में स्थित है। यहां बैल रूप में भगवान शिव के मध्य भाग के दर्शन होते हैं। दक्षिण भारत के शैव पुजारी केदारनाथ की तरह यहां भी पूजा करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार नैसर्गिक सुंदरता के कारण ही शिव-पार्वती ने मधुचंद्र रात्रि यहीं मनाई थी। मान्यता है कि यहां  के जल की कुछ बूंदें ही मोक्ष के लिए पर्याप्त हैं। शीतकाल में छह माह यहां कपाट बंद रहते हैं।
पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम Best Kedarnath Dham in Panchkedar मध्यमेश्वर धाम  भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ



भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ


तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ का धाम भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। समुद्रतल से 12235 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस धाम में महिष रूपी शिव का धड़ प्रतिष्ठित है। चंद्रशिला चोटी के नीचे काले पत्थरों से उत्तराखंड शैली में निर्मित यह मंदिर बेहद रमणीक स्थल पर निर्मित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण कराया। वर्तमान मंदिर को एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है। मक्कूमठ के मैठाणी ब्राह्मण यहां के पुजारी होते हैं। शीतकाल में यहां भी छह माह के लिए कपाट बंद रहते हैं। तब मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की पूजा होती है।
पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम Best Kedarnath Dham in Panchkedar मध्यमेश्वर धाम  भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ

भगवान रुद्रेश्वर के एकानन दर्शन



चतुर्थ केदार के रूप में भगवान रुद्रनाथ जगप्रसिद्ध हैं। यह मंदिर समुद्रतल से 10670 फीट की ऊंचाई पर एक गुफा में स्थित है। बुग्यालों के बीच गुफा में भगवान शिव के मुखारबिंद यानी मुख दर्शन में होते हैं। भारत में यह अकेला स्थान है, जहां भगवान शिव के मुख की पूजा होती है। एकानन के रूप में रुद्रनाथ, चतुरानन के रूप में पशुपतिनाथ नेपाल और पंचानन विग्रह के रूप में इंडोनेशिया में भगवान शिव के मुख दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ के लिए एक रास्ता उर्गम घाटी के दमुक गांव से गुजरता है, लेकिन बेहद दुर्गम होने के कारण श्रद्धालुओं को यहां पहुंचने में दो दिन लग जाते हैं। सो, ज्यादातर श्रद्धालु गोपेश्वर के निकट सगर गांव से यहां के लिए यात्रा शुरू करते हैं। शीतकाल में कपाट बंद होने पर गोपेश्वर में भगवान रुद्रनाथ की पूजा होती है।

पंचकेदार में श्रेष्ठ केदारनाथ धाम Best Kedarnath Dham in Panchkedar मध्यमेश्वर धाम  भारत का सबसे ऊंचा शिवधाम तुंगनाथ
कल्पेश्वर धाम : जटा रूप में विराजमान हैं शिव 


पंचम केदार के रूप में कल्पेश्वर धाम विख्यात है। समुद्रतल से 2134 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए दस किमी का सफर पैदल तय करना पड़ता है। कल्पेश्वर धाम को कल्पनाथ नाम से भी जाना जाता है। यहां सालभर भगवान शिव के जटा रूप में दर्शन होते हैं। कहते हैं कि इस स्थल पर दुर्वासा ऋषि ने कल्प वृक्ष के नीचे घोर तप किया था। तभी से यह स्थान कल्पेश्वर या 'कल्पनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अन्य कथा के अनुसार देवताओं ने असुरों के अत्याचारों से त्रस्त होकर कल्पस्थल में नारायण स्तुति की और भगवान शिव के दर्शन कर अभय का वरदान प्राप्त किया था। मंदिर के गर्भगृह का रास्ता एक गुफा से होकर जाता है

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