जब भगवान विष्णु ने धारण किया वृद्ध रूप वृद्ध बद्री पूरे साल खुला रहता है मंदिर

 जब भगवान विष्णु ने धारण किया वृद्ध रूप "वृद्ध बद्री पूरे साल खुला रहता है मंदिर"

वृद्ध बद्री मंदिर पीपलकोटी और जोशीमठ से पूर्व में स्थित है। यह मंदिर मोटरमार्ग पर होने के कारण सबके लिए सुगम है। यह समुद्रतल से 1,380 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह पूरे साल खुला रहता है। शीतकाल में भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना होती रहती है । 

भगवान शिव के पंच केदार की तरह भगवान विष्णु के भी पांच धाम हैं, जिन्हें पंच बद्री के नाम से जाना जाता है। इनमें प्रसिद्द श्री बद्रीनाथ धाम भी शामिल है। श्री बद्रीनाथ धाम के अलावा पंच बद्री में ध्यान बद्री, वृद्ध बद्री, योग बद्री और भविष्य बद्री का नाम आता है। अज हम आपको वृद्ध बद्री (vridha badri temple) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो उत्तराखंड के अणिमठ नामक गांव में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित यह धार्मिक स्थल जोशीमठ से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर जोशीमठ से हेलंग के बीच बद्रीनाथ राजमार्ग पर स्थापित है। समुद्र तल से लगभग 1380 मीटर ऊंचाई पर स्थित वृद्ध बद्री का मंदिर अत्यंत सुंदर दिखाई देता है।

वृद्ध बद्री मंदिर

भगवान विष्णु ने धारण किया वृद्ध रूप

वृद्ध बद्री मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति एक बूढ़े व्यक्ति के रूप में स्थापित है, यही कारण है कि इस धार्मिक स्थल को वृद्ध बद्री मंदिर के नाम से जाना जाता है। बद्री, भगवान विष्णु का एक नाम है। मंदिर में भगवान विष्णु का वृद्ध रूप क्यों स्थापित है, इसके पीछे पौराणिक कथा है कि एक बार देवर्षि नारद जी भ्रमण करते हुए इस स्थान पर पहुंचे और विश्राम करने लगे। इसके बाद नारद जी ने यहीं पर भगवान विष्णु की आराधना की और भगवान विष्णु से दर्शन देने का निवेदन किया। इस पर भगवान विष्णु ने एक वृद्ध के रूप में नारद जी को दर्शन दिए। यही कारण है कि वृद्ध बद्री मंदिर में भगवान विष्णु की वृद्ध रूप में मूर्ति स्थापित है।

पूरे साल खुला रहता है मंदिर

भगवान विष्णु की वृद्ध रूप में मूर्ति

एक अन्य कथा के अनुसार वृद्ध बद्री मंदिर में स्थापित मूर्ति को दिव्य शिल्पकार विश्वकर्मा ने बनाया था। मान्यता है कि काली युग के आगमन पर, भगवान विष्णु ने खुद को इस जगह से हटाना दिया, बाद में आदि शंकराचार्य जी ने नारद-कुंड तालाब में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मूर्ति मिली और इसे केंद्रीय बद्रीनाथ मंदिर में स्थापित किया था। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूरे साल खुला रहता है। यहां प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसे पांचवां बद्री कहा गया है।

कैसे पहुंचें वृद्ध बद्री मंदिर

यह प्रसिद्द धार्मिक स्थल सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जोशीमठ से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु जोशीमठ से टैक्सी या अन्य वाहनों की मदद से आसानी से वृद्ध बद्री मंदिर तक पहुंच सकते हैं। जोशीमठ सड़क मार्ग के द्वारा देहरादून, ऋषिकेश तथा हरिद्वार से जुड़ा हुआ है। वृद्ध बद्री मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 270 किलोमीटर दूर देहरादून का जॉली ग्रांट है। दिल्ली एयरपोर्ट से यहां के लिए नियमित फ्लाइट मिलती हैं। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन 253 किलोमीटर दूर ऋषिकेश में है।

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