त्वे देखणू च, त्वे भलु कैकी हेरूणू च, पर कैमा कुछ नि बोनू च, स्यू लाटू एैना।।
त्येरि कतमति ज्वन्या राज जणू च, त्वे पढू च,पर कैमा स्यू भेद नि खोलणू च, स्यू लाटू एैना।।
लुकी छुपी स्याणी कनू च, मन मा गाणी कनू च,अपड़ी तै जिकुड़ी बात नि बोनू च, स्यू लाटू एैना।।
नटू का सि नखरा साणू, सिंदूरी का लटूला बिराणू,बंद होंठड्यूँ का किस्सा नि सुणाणू,स्यू लाटू एैना।।
हरके फरक्वे कि त्वे निहारी, वर्षू त्वे सजे संवारी, मन मारी निभाणू आज दुन्यदारी स्यू लाटू एैना।।
पीठी मा काळा तिले बिंदी, नजर कू च त्येरु टीकू,देखी बी अनदेखी कै, बडू सचू सीधू स्यू लाटू एैना।।
हौर क्या बातो हौर क्या सुणो लाज न व्हेल्य लाल,हौर कुछ भेद भेदौलू एैसू का ये साल स्यू लाटू एैना।।
रुप कि तै धूप देखि साँची माये कि लाळ चुवान्दू,साख्यूँ बटि माये कि आस मा टपरांदू स्यू लाटू एैना।।
त्वे देखणू च, त्वे भलु कैकी हेरूणू च,
पर कैमा कुछ नि बोनू च, स्यू लाटू एैना।।
त्येरि कतमति ज्वन्या राज जणू च, त्वे पढू च,
पर कैमा स्यू भेद नि खोलणू च, स्यू लाटू एैना।।
लुकी छुपी स्याणी कनू च, मन मा गाणी कनू च,
अपड़ी तै जिकुड़ी बात नि बोनू च, स्यू लाटू एैना।।
नटू का सि नखरा साणू, सिंदूरी का लटूला बिराणू,
बंद होंठड्यूँ का किस्सा नि सुणाणू,स्यू लाटू एैना।।
हरके फरक्वे कि त्वे निहारी, वर्षू त्वे सजे संवारी,
मन मारी निभाणू आज दुन्यदारी स्यू लाटू एैना।।
पीठी मा काळा तिले बिंदी, नजर कू च त्येरु टीकू,
देखी बी अनदेखी कै, बडू सचू सीधू स्यू लाटू एैना।।
हौर क्या बातो हौर क्या सुणो लाज न व्हेल्य लाल,
हौर कुछ भेद भेदौलू एैसू का ये साल स्यू लाटू एैना।।
रुप कि तै धूप देखि साँची माये कि लाळ चुवान्दू,
साख्यूँ बटि माये कि आस मा टपरांदू स्यू लाटू एैना।।
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