Uttarakhand Hero ManishPandey Biography
मनीष पांडे का जन्म 10 सितंबर 1989 को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में कृष्णानंद पांडेय के घर हुआ। मनीष के पिता कृष्णानंद पांडेय भारतीय सेना में हैं। कृष्णानंद मूल रूप से उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के भीडी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार लंबे समय से नैनीताल जिले के हल्द्वानी में ही रह रहा है। मनीष पांडे ने क्रिकेट खेलना तब शुरू किया था, जबकि वह तीसरी क्लास में पढ़ते थे। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई नासिक के देवलाली स्थित केंद्रीय विद्यालय में की थी। इसके बाद जम्मू यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
जूनियर क्रिकेट में मनीष का प्रदर्शन
मनीष पांडे ने जूनियर स्तर पर अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत कर्नाटक के राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में मैसूर की टीम के लिए खेलकर की थी। इस टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन की बदौलत उनका चयन 2008 में मलेशिया में आयोजित हो रहे Under-19 World Cup में हिस्सा लेने जा रही भारतीय टीम कर लिया गया। भारतीय टीम ने इस ट्राफी को जीता था। अंडर 19 वर्लड कप में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मनीष को आईपीएल नीलामी में रायल चैलेंजर्स बंगलुरु की टीम ने खरीद लिया।
आईपीएल का पहला शतक बनाने वाले खिलाड़ी बने
मनीष पांडे पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 2009 के आईपीएल में रायल चैलेंजर्स बंगलुरु की ओर से खेलते हुए नाबाद शतक ठोंक दिया। मनीष के 73 गेंदों में 114 रन की बदौलत ही रायल चैलेंजर्स बंगलुरु की टीम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब हो सकी। आईपीएल के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज की ओर से बनाया गया यह पहला शतक था।
इसी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भी मनीष पांडे का बल्ला खूब चला और 35 गेंदों में 48 रन बनाकर उन्होंने अपनी टीम रायल चैंलेंजर्स बंगलुरु को फाइनल में पहुंचने में मदद की। इस शतक ने मनीष पांडे को रातो रात सुर्खियों में ला दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि वे अपने पिता की तरह सेना में न जाकर क्रिकेट की दुनिया में ही अपना भविष्य आजमाएंगे।
कोलकाता को दूसरी बार आईपीएल जिताने में रही अहम भूमिका
वर्ष 2014 में उनकेा कोलकाता नाइटराइडर्स ने खरीद लिया। कोलकाता नाइटराइडर्स ही 2014 के आईपीएल टूर्नामेंट की विजेता भी बनी। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के 55 गेंदों पर 115 रन और मनन वोरा के 52 गेंदों पर 67 रन की मदद से 199 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया था, लेकिन मनीष पांडे के 50 गेंदों पर 94 रन उन पर भारी पड़े और 3 विकेट की जीत के साथ ट्राफी कोलकाता की झोली में आ गिरी।
ये मैच मनीष ने पूरी तरह से अपने दम पर जिताया था, क्योंकि कोलकाता की तरह से दूसरा कोई भी खिलाड़ी अर्धशतक तक नहीं बना पाया था। अपने इस मैचविजेता प्रदर्शन की बदौलत मनीष पांडे मैन आफ द मैच भी चुने गए। Kolkata Knight Riders ने यह टूर्नामेंट दूसरी बार जीतकर चेन्नई सुपर किंग्स के बाद दूसरी ऐसी टीम बनने का रिकॉर्ड कायम किया था।
जब मनीष पांडे ने 1 बॉल में बनाए 11 रन
दिसंबर 2017 में श्री लंका के खिलाफ कटक में खेले गए टवेंटी-20 मैच में मनीष पांडे ने 18 बॉल में 2 चौके और 2 छक्के सहित 32 रन बनाए और भारतीय टीम को 93रन से मैच जीतने में मदद की। इस मैच में श्रीलंका के नुवान प्रदीन की ओर से फेंके गए 19वें ओवर की आखिरी बॉल पर मनीष पांडे ने छक्का जड़ दिया। उधर अंपायर ने इस बॉल को नोबाल करार दे दिया। इस तरह अगली बाल मनीष को फ्री हिट के रूप में मिली, जिसमें उन्होंने चौका जड़ दिया। इस तरह एक लीगल बॉल में छक्का, चौका और नो बाल के 1 रन को मिलाकर कुल 11 रन बने।
राहुल द्रविड़ को मानते हैं अपना आदर्श
मनीष पांडे भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को अपना आदर्श
मानते हैं। हालांकि उनके खेल में राहुल द्रविड़ की अपेक्षा कहीं ज्यादा आक्रामकता दिखती है, लेकिन अपनी मजबूत बल्लेबाजी तकनीक के लिए वे राहुल सर को ही श्रेय देते हैंं।
एक जगह इंटरव्यू देते हुए मनीष ने बताया कि जब मैं बहुत छोटा था, तभी से राहुल द्रविड़ मेरे आदर्श रहे हैं। मैने उन्हें कर्नाटक के लिए और टीम इंडिया के लिए खेलते देखा है। उन्होंने न सिर्फ दुनिया भर के मैदानों में रनों की झड़ी लगाई है, बल्कि मैदान में उनका व्यवहार भी उत्कृष्ट उदाहरण रहा है। और उनकी तकनीक और टेंपरामेंट तो गजब की है ही। अपने खेल में भी मैं इन चीजों को शामिल करने की कोशिश करता रहा हूं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मनीष पांडे के प्रमुख प्रदर्शन
मनीष पांडे ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 14 जुलाई 2015 को जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे मैच खेलकर की। पांडे ने इस मैच में शानदार 71 रन बनाए और केदार जाधव के साथ मिलकर 144 रन की साझेदारी की। मनीष जिस समय क्रीज पर आए थे, उस समय भारत की टीम 82 रन पर चार विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी।
2016 में उन्हें आस्ट्रेलिया जा रही भारतीय वनडे टीम में शामिल किया गया। इस दौरे में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए फाइनल में मनीष ने 104 रन की मैच विजेता पारी खेली। इस दौरे का यह एकमात्र मैच था, जिसे भारतीय टीम जीतने में कामयाब रही।
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