गढ़वाल और कुमाउनी मंगल गीत : हल्दी बान

गढ़वाल और कुमाउनी मंगल गीत : "हल्दी बान"

Garhwal and Kumaoni Mangal Song: "Haldi Baan"

 हल्दी बान

      आज के ब्लॉग में हम जिस गीत के बोल देखने वाले हैं, वह है "हल्दी बान"| यह गीत किसी परिचय का मोहताज़ नहीं, इसके बिना हर विवाह-समारोह फ़ीका सा लगता है| शादी की शुरुआत हल्दी के कार्यक्रम से होती है। हल्दी को दूर्वा(घास) से वर-वधु के शरीर पर लगाया जाता हैं, यह हिन्दू धर्म में शुद्ध मानी गयी है| पौराणिक मान्यता के अनुसार दूर्वा घास गणेश जी को प्रिय है और इस दूर्वा घास के ऊपर से हाथी भी गुजर जाये तो इसे कुछ नुकसान नहीं होता| इसका आशय मानव के व्यक्तित्व से भी है कि व्यक्ति को कठिन परिस्थितियोँ में घबराना नहीं चाहिए|  


       इसके पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह है कि शादी में कई मेहमान आते हैं, उनमें से कईयों को इंफेक्शन हो सकते हैं। वर-वधु को संक्रमण से प्रभावित ना हों इसलिए उन्हें हल्दी और उबटन लगाया जाता है। हल्दी ऐंटी- बॉयटिक का काम करता है।
        इस मांगल-गीत के बोल इस प्रकार हैं -

   

दे द्यावा दे द्यावा मेरा बरमा जी...

दे द्यावा हलदी का बाना हे...

जियां रैयां जियां मेरा बरमा जी...

जौंन दीनी हलदी का बाना हे...

दे द्यावा दे द्यावा मेरी माँजी हे...

दे द्यावा हलदी का बाना है...

जियां रैयां जियां मेरा बड़ी जी...

जौंन दीनी दें-दूध का बाना हे...

दे द्यावा दे द्यावा मेरी चाची जी...

दे द्यावा घ्यू-तेल का बाना है...

जियां रैयां जियां मेरी पुफू जी...

जौंन दीनी चंदन का बाना हे...

दे द्यावा दे द्यावा मेरी भाभीजी...

दे द्यावा समोया का बाना है...

दे द्यावा दे द्यावा मेरी दीदी जी...

"दे द्यावा खजूर का बाना है..."-३


 "दे द्यावा हल्दी का बाना है..."-२

 

क्यान होई क्यान होई कुंड को जाग

"क्यान होई होलो सूरिज धूमैलो"-२

उबदेशूँ उबदेशूँ गौरा जी न्ह्येणी

तब होए तब होए कुंड को जाग

क्यान आई क्यान आई सिंधू छलार

क्यान होई होलो सूरिज धूमैलो

नाहेंण लागी लक्षमी की लाडी

तब आई तब आई सिंधू छलार

तब होई होलो सूरिज धुमैलो

 

क्यान होई क्यान होई धौली पिंगली

क्यान होई होलो सूरिज धूमैलो

नाहैण लागी सीता जी सरूपा

तब होई तब होई धौली पिंगली

"तब होई होलो सूरिज धुमैलो"-२

       इन गीतों को समय-समय पर कईं कलाकारों ने अपने-अपने तरीके से गाया है और साथ ही इन गीतों को पुनः बेहतरीन गायकी और लय से शुशोभित किया गया है| यदि यह गीत आपने नहीं सुना है या आपको ध्यान में नहीं है तो कृपया जरूर सुनियेगा|

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