ब्रह्मकमल उत्तराखण्ड का राजकीय पुष्प है !
एक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु का जन्म ब्रह्मकमल से हुआ था !यह ब्रह्मकमल देवभूमि उत्तराखण्ड के शिखरों पर आज भी उगता है !
अप्रतिम सौन्दर्य से सुशोभित इस पुष्प का पौराणिक महत्व सर्वविदित है !
आप भी निहारिये इस अलौकिक पुष्प की अलौकिक सुषमा
पूरा जंगल नन्दन कानन बन गया है !
जिन पहाड़ियों ने बसन्त में पहाड. के जंगल नहीं देखे उन्हें अवश्य ही इस ऋतु में अपने गाव जाना चाहिये !
मेरा बाल्यकाल इस सुन्दरता को देख देख का बडा हुआ है !
अब जब सम्पूर्ण वन प्रान्त ही पुष्प बाटिका सा निखर जाता है तब देखने वाला किन कल्पनाओं में खोजाता है यह शब्दों से बयाँ नहीं होसकता है !
बस इस अद्वितीय, अकल्पनीय, अलौकिक सौन्दर्य को आँखें अपलक निहारना चाहती हैं !
मेरे गाँव के वन में बुरुँश के फूल खिल गये है
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