भूमिया बाबा मंदिरआस्था का प्रतीक जहाँ निरंतर अखंड ज्योति प्रज्वलित रहती है मासी अल्मोड़ा
1 भूमिया_बाबा_मंदिर मंदिर के अध्यक्ष श्री राम_स्वरूप_मासीवाल जी के द्वारा बताया गया कि 16वीं शताब्दी के समय यहाँ भारत में तान्त्रिक परम्परा का जोर था उत्तराखंड में भी उस समय दो तान्त्रिक गुटों में वाक युद्ध होता रहता था
2 ऐसे में एक बड़े गुट ने मासी में मासीवाल परिवार को संरक्षण देते हुए उन्हें वहाँ निर्विघ्न बसने का आमंत्रण ऐवं आश्वासन दिया और उन्हें यहाँ बसाया। वहीं भूमिया बाबा मंदिर निर्मित किया गया।
3 उन्होंने कहा कि जहां भूमियाँ बाबा मंदिर है वहाँ एक ज्योति स्वयं प्रस्फुटित हुई। तभी वहाँ दुर्गा देवी मंदिर बना और अखंड ज्योति की परम्परा शुरू हुई। उसके बाद क्रमशः भव्य शिव मंदिर, गणेश मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर रामदरबार मंदिर गायत्री मंदिर आदि अनेक भव्य मंदिरों का निर्माण किया गया है।
4 जहां देश विदेश से श्रद्धालुओं का दर्शनार्थ आना जाना लगा रहता है । यहां भक्तों के रहने और खाने हेतु व्यवस्था भी है मंदिर कमेटी और अध्यक्ष सदैव मंदिर के विकास कार्य के लिए प्रस्तुत रहते हैं। मंदिर के दूसरी तरफ नदी है बीच में एक खूबसूरत तालाब का निर्माण कार्य भी चल रहा है।
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