माँगल गीत : सगुन बोल सगुन न्यूतो
माँगल गीत : सगुन बोल सगुन न्यूतो
Garhwal/kumauni Mangal Song : Sagun Bol Sagun Nuto
(गढ़वाली)
औ बैठ कागा… हरिया बिरिछ…
औ बैठ कागा… हरिया बिरिछ…
बोल बोल कागा… चौदिसि सगुन…
बिचारा बरमा जी तै कागा की बोली…
बेदमुखी बरमा जी… बेद पढ़ला…
सगुनी कागा.. सगुन बोललो…
सगुनी कागा.. सगुन बोललो…
पिञ्जरी का सूवा.. अटारि का सूवा…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
सोना पंखी सूवा तू.. लाल ठोन्ट सूवा…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
जण्दो नि छों मैं.. पछण्दो नि छों मैं…
कै घर.. कै देबि.. न्युतिकि औलो ?
कै घर.. कै देबि.. न्युतिकि औलो ?
बरमा जी क घर होली.. साबित्री देबि..
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
बिस्णु जी क घर होली.. लछमि देबि…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
सिवजी जी क घर होली.. पारबती देबि…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
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(हिंदी)
आ बैठ कागा… हरे वृक्ष पर…
आ बैठ कागा… हरे वृक्ष पर…
बोल बोल
कागा.. चारों दिशाओं का शुभ समाचार…
हे ब्राह्मण
जी ! कागा कि बोली को समझे विचार करें…
वेदमुखी
ब्रह्मा स्वरुप ब्राह्मण… वेद पढ़ेंगे…
शगुनी कागा..
शगुन बोलेगा…
शगुनी कागा..
शगुन बोलेगा…
हे पिंजरे के
तोते हे.. अटारी के तोते…
जा विवाह के शुभ
कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
सोने की पंखों
वाले.. लाल चोंच वाले तोते…
जा विवाह के
शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जा विवाह के
शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जानती नहीं
हूँ.. पहचानती नहीं हूँ…
किस घर.. किस
देवी.. को न्योता देकर बुलाऊँ ?
किस घर.. किस
देवी.. को न्योता देकर बुलाऊँ ?
ब्रह्माजी के
घर.. सावित्री देवी होंगी…
उस घर से.. उस
देवी को.. न्योता देकर आना…
विष्णुजी के
घर.. लक्ष्मी जी होंगी…
उस घर से.. उस
देवी को.. न्योता देकर आना…
शिवजी के घर..
पार्वती देवी होंगी…
उस घर से.. उस
देवी को.. न्योता देकर आना…
उस घर से.. उस
देवी को.. न्योता देकर आना…
जा विवाह के
शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जा विवाह के
शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
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