यह पर रावण ने भगवान शिव शंकर कि आराधना की है

 यह पर रावण ने भगवान शिव शंकर कि आराधना की है (On this Ravana worshiped Lord Shiva Shankar) 

बैरासकुंड महादेव ( विकास नगर घाट चमोली ) 

रावण की तपो भूमि बैरासकुंड महादेव का मन्दिर विकास नगर घाट के #बारों के समीप स्थित है ।

यह मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है । यहाँ महादेव शिव का प्राचीन मन्दिर है, जिसकी पूजा अर्चना सदियों से होती चली आ रही है। कथाओं के अनुसार #त्रेतायुग में शिव के परम भक्त रावण नें महादेव शिव की अखण्ड तपस्या की थी ।

 रावण संहिता व केदारखण्ड़ शास्त्र आदि धार्मिक ग्रंथों में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है। इस मन्दिर का उल्लेख त्रेतायुग से ही आरम्भ हो गया था। आज भी महादेव शिव के दर्शनों के लिए भक्तों की संख्या कतार में लगी रहती है।यहां मन्दिर के आगे एक कुण्ड भी है, जिसमें पानी की मात्रा काफी अधिक है।

यह पर रावण ने भगवान शिव शंकर कि आराधना की है (On this Ravana worshiped Lord Shiva Shankar )
नया कुण्ड बनाया गया है
 कथाओं के अनुसार जब रावण के घनघोर तप करने के बाद भी महादेव शिव ने रावण को दर्शन नहीं दिये तो रावण ने इसी स्थान पर #शिवतांडव (जटा - टवी - गला-ज्वल ) स्त्रोत्र जाप कर शिव की आराधना की और अपने दस सिर शिव को चढ़ा कर उन्हें प्रसन्न किया। इस स्थान पर जहाँ - जहाँ पर दस स्थानों पर रावण ने अपने सर रखे उन स्थानों को दसमोली कहा जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार #महर्षि__वशिष्ठ ने भी इस स्थान पर शिव की पूजा व तपस्या कर उनको प्रसन्न किया था।

यह पर रावण ने भगवान शिव शंकर कि आराधना की है (On this Ravana worshiped Lord Shiva Shankar )
पूराना कुण्ड

बैरासकुंड महादेव मन्दिर के चारों ओर के आवरण में आज भी कई प्राचीन धरोहरें पाई जाती हैं..

इस दिव्य मंदिर के बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें.........


बैरासकुण्ड महादेव :- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यहाँ पर भोलेनाथ जी की पूजा अर्चना की जाती है।

          ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर रावण ने तप किया था रावण की भक्ति देखकर भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो गये और रावण को दर्शन दिया। तब से यह मंदिर शिव की भूमि के रूप में जानने लगा।आज भी इस भूमि में रावण द्वारा किये गये तप के कुछ अंश दिखाई देता है

रावण के हाथों के निशान वाला पत्थर शिला।

तप कुण्ड :- इस कुण्ड का पानी कभी नहीं सुखता है।

 दिव्य शिव मंदिर:- जहाँ पर शिव जी का मंदिर बना है वहाँ पर भगवान शिव जी ने रावण को दर्शन दिया था।तब से रावण द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी।

बैरासकुण्ड महादेव मंदिर के चारों ओर सुंदर प्रकृति के नजारे देखने को मिलेंगे। तथा इसके पास में एक विशाल मैदान भी है।

मुख्य आकर्षण का केन्द्र है बैरासकुण्ड महादेव मेला

 महाशिवरात्रि के दिन 2 दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेले को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। यह मेला पूरे जिले में प्रसिद्ध है।

||कैसे आएं बैरासकुण्ड मंदिर दर्शन के लिए||

यह मंदिर चमोली जिले के नन्दा नगर घाट बैरासकुण्ड नामक गाँव में स्थित है। ©उत्तराखण्ड देव दर्शन

 बैरासकुण्ड महादेव मंदिर की यात्रा के लिए, आप बद्रीनाथ के लिए मार्ग लेते हैं। मार्ग नंदप्रयाग से निकलता है। नंदप्रयाग के लिए बसें और टैक्सी से आप काण्डई पुल तक और फिर बैरास्कुंड महादेव मंदिर तक आपको यहाँ की टैक्सियों के माध्यम से इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

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