घुघुती( Ghughuti, a bird of Uttrakhand)

 घुघुती( Ghughuti, a bird of Uttrakhand):-

घुघुती उत्तराखंड में पाए जाने वाला एक अद्भुत, बहुत ही प्यारा, सीधा साधा पक्षी है और इसकी सुरीली आवाज भी उतनी ही सुहावनी लगती है। घुघूती की आवाज सुनने के लिए लोग तरस जाते हैं, जो एक बार की घुघुती के सुरीली घुरून( आवाज) सुन ले, वो कभी भी घुघुती को भूल नहीं सकता है और इसकी उस सुरीली आवाज को सुनने के लिए बार बार जी करता है।
घुघुती( Ghughuti, a bird of Uttrakhand)


      घुघुती अधिकतर उत्तराखंड की पहाडियों में पायी जाती है, इसकी सुरीली आवाज केवल चैत के महीने से सुननी शुरु हो जाती है, प्रसिद्ध कुमाऊँनी लोकगायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने अपनी सुरीली आवाज में घुघूती पर एक गीत गया है:- 

"घुघुती ना बासा, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा, तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा
स्वामी मेरो परदेसा, बर्फीलो लदाखा, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।"

घुघुती ना बासा, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा

घुघुती एक चिड‌िया का नाम है जो आम के पेड‌़ में बैठ के गीत गाती है, ये गीत एक स्त्री द्धारा अपने पति की विरह की भावनाओं को व्यक्त करता है, जिसका पति लदाख में तैनात है। गीत के बोल पढ़ कर समझिये और फिर गाने का मजा लीजिये।
घुघुती( Ghughuti, a bird of Uttrakhand)



घुघुती ना बासा, आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।
तेर घुरु घुरू सुनी मै लागू उदासा
स्वामी मेरो परदेसा, बर्फीलो लदाखा, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।
रीतू आगी घनी घनी, गर्मी चैते की
याद मुकू भोत ऐगे अपुना पति की, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।
तेर जैस मै ले हुनो, उड़ी बेर ज्यूनो
स्वामी की मुखडी के मैं जी भरी देखुनो, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।
उड‌ी जा ओ घुघुती, नेह जा लदाखा
हल मेर बते दिये, मेरा स्वामी पासा, घुघुती ना बासा
घुघुती ना बासा , आमे कि डाई मा घुघुती ना बासा।

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