150+ गढ़वाली कहावतें/लोकोक्तियां / गढवाली कहावतें( पहाड़ी कहावतें) garhwali kahaavaten/lokoktiyaan /Garhwal kahaavaten( pahadi kahaavaten)

150+ गढ़वाली कहावतें/लोकोक्तियां / गढवाली कहावतें ( पहाड़ी कहावतें )

गढ़वाली कहावतें/लोकोक्तियां / गढवाली कहावतें( पहाड़ी कहावतें)/  कहावतें गढवाली में /ग्रामीण कहावतें / पुरानी गढवाली कहावतें / गढवाली मजेदार कहावतें / 

कुछ अपणी गढ़वाली/लोकोक्तियां कहावतें / गढ़वाली कहावतें  ( पहाड़ी कहावतें ) कुछ अपणी गढ़वाली/लोकोक्तियां कहावतें / गढ़वाली कहावतें  ( पहाड़ी कहावतें ) कुछ गढ़वाली औखाण (मुहावरों) का मजा आप भी लीजियेकुछ गढ़वाली औखाण (मुहावरों) का मजा आप भी लीजिये
  1. नौल गोरू नौ पू घासक ! नए कार्य पर  जोश के साथ काम करना।
  2. पिनौक पातक पाणी ! इधर की बात उधर करने वाला इंसान।
  3. घर पिनाऊ बण पिनाऊ ! हर जगह एक ही चीज सुनाई देना।
  4. नौ रत्ती तीन त्वाल ! अनुमान लगाना।
  5. राती बयाणक भाल भाल स्वैण ! आलस्य के बहाने ढूढ़ना !
  6. तात्ते खु जई मरू ! जल्दबाजी करना !
  7. कभी स्याप टयोड, कभी लाकड़ ! परिस्थितियां अनुकूल ना होना।
  8. अक्ले उमरेक कभी भेंट नई होनी ! अक्ल और उम्र की कभी मुलाकात नहीं होती। जब शरीर में ताकत रहती है तब अक्ल नहीं आती , और जब अक्ल आती है ,तब शरीर कमजोर पड़  जाता है।
  9. गुणी आपुण पुछोड  नान देखूं ! अपने दोषों को कम बताना।
  10. गऊ बल्द अमुसी दिन ठाड़ ! आलसी इंसान जब कार्य ख़त्म हो जाता है ,तब  उपलब्ध होता है।
  11. का राजेकी रानी , का भगतविकि काणी ! धरती आसमान का अंतर होना।
  12. कब होली थोरी , कब खाली खोरी ! आशावान रहना।
  13. आफी  नैक ऑफि पैक ! सब कुछ खुद ही करना।
  14. बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
  15. अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
  16. साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
  17. कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  18.  लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
  19. जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
  20.  जाणदु नि च बिछी कु मंत्र, साँपे दुली डाल्दु हाथ ।
  21.  तू ठगानी कु ठग, मी जाति कु ठग।
  22.  ठुलो गोरू लोण बुकाओ , छोटु गोरू थोबड़ु चाटु।
  23.  लूण त्येरी व्वेन नी धोली , आंखा मीकु तकणा।
  24.  भुंड न बास, अर शरील उदास ।
  25. भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै ।
  26. अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
  27. बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  28.  पैली खयाली खारु, फ़िर भाडा पोछणी ।
  29.  ब्वारी खति ना…, सासु मिठौण लग्युं… ।
  30.  खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा । (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  31.  खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  32. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गोर कटै।
  33.  भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
  34.  नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ
  35.  जैं बौ पर जादा सारू छौं, वे भैजी भैजी बुन्नी
  36.  बाघ गिजी बाखरी बिटि, चोर गिजी काखड़ी बिटि ।
  37.  म्यारू नौनु दोण नि सकुदु , २० पथा ख़ूब सकुदु ।
  38.  धुये धुये की ग्वरा, अर घुसे घुसे की स्वरा नि होन्दा ।
  39.  कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी।
  40.  अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  41.  बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
  42.  अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
  43.  साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
  44.  कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  45. जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु ।
  46.  ना गोरी भली ना स्वाली ।
  47. राजौं का घौर मोतियुं कु अकाल ।
  48. जख मिली घलकी, उखी ढलकी ।
  49.  भैंसा का घिच्चा फ्योली कु फूल ।
  50.  सब दिन चंगु, त्योहार कु दिन नंगु ।
  51.  त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
  52.  कुक्कूर मु कपास औरज बांदर मु नरियूल ।
  53.  तिमला कु तिमला बि खत्या,अर् नंगी बि दिख्या ।
  54.  सारी ढेबरी मुंडी माँडी , अर पुछ्ड़ी दाँ लराट किराट ।
  55. कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल ।
  56. सारी ढेबरी मुंडी माँडी , अर पुछ्ड़ी दाँ न्याउँ (म्याउँ) ।
  57. दान आदिम की बात और आँमला कु स्वाद, बाद मा आन्दु ।
  58. बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  59. मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू,तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
  60. भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  61. सारी ढेबरी मुंडी माँडी , अर पुछ्ड़ी दाँ न्याउँ (म्याउँ) ।
  62. दान आदिम की बात और आँमला कु स्वाद, बाद मा आन्दु ।
  63. बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  64. मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू,तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
  65. भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  66.  बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  67. पैली खयाली खारु, फ़िर भाडा पोछणी ।
  68. ब्वारी खति ना... , सासु मिठौण लग्युं... ।
  69. खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा । (कामों दाँ
  70. आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  71. खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  72. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै।
  73. भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
  74. नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ
  75. जै बौ पर जादा सारू छौ वे भैजी भैजी बुन्नी
  76. दान आदिम की बात और आँमला कु स्वाद, बाद मा आन्दु ।
  77.  बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  78.  मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू, तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
  79. भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  80. नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
  81.  ब्वारी बुबा लाई बल अर ब्वारी बुबन खाई
  82. उछलि उछलि मारि फालि, कर्म पर द्वी नाली।
  83. अकल का टप्पु, सरमा बोझा घोड़ा मां अफु।
  84. सौण मरि सासू, भादो आयां आंसू।
  85. जु नि धोलो अफड़ो मुख, उक्या देलो हैका तैं सुख।
  86.  पढ़ाई लिखाई बल जाट, अर 16 दुनी आठ ।
  87. बिरालु मरयूं सबुन देखी, दूध खत्युँ कैन नि देखी ।
  88.  भिंडि बिराल्युं मा मुसा नि मरियेंदन।
  89. जै गौ जाण ही नी, वे गौं कु बाठु क्या पूछण ।
  90. मैं राणी, तू राणी, कु कुटलु, चीणा दाणी ।
  91. पठालु फ़ुटु पर ठकुराण नी उठु
  92. जख कुखड़ा नि होन्दा, तख रात नि खुल्दी
  93. बिगर अफ़ु मरयां, स्वर्ग नि जयेन्दु ।
  94. पैंसा नि पल्ला, दुई ब्यो कल्ला ।
  95. एक कुंडी माछा, नौ कुंडी झोल ।
  96. गोणी तैं अपड़ु पुछ छोटु ही दिख्येन्दु ।
  97. सासु बोल्दी बेटी कू , सुणान्दी ब्वारी कू ।
  98. अपडू मुंड, अफ़ु नि मुंड्येन्द ।
  99. लुखु की साटि बिसैंई, म्यारा चौंल बिसैंई ।
  100. हाथा की त्येरी, तवा की म्यरी ।
  101. कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
  102. जन मेरी गौड़ी रमाण च, तन दुधार भी होन्दी ।
  103. स्याल, कुखड़ों सी हौल लगदु त बल्द भुखा नि मरदा क्या ?
  104. मेंढकुं सी जु हौल लगदु त लोग बल्द किलै पाल्दा ?
  105. पैली छै बुड गितार, अब त नाती द ह्वेगी ।
  106. हैंका लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
  107. बाखुरी कु ज्यू भी नि जाऊ, बाग भी भुकु नि राऊ ।
  108.  लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
  109. जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
  110.  जाणदु नि च बिछी कु मंत्र, साँपे दुली डाल्दु हाथ ।
  111.  तू ठगानी कु ठग, मी जाति कु ठग।
  112.  ठुलो गोरू लोण बुकाओ , छोटु गोरू थोबड़ु चाटु।
  113.  लूण त्येरी व्वेन नी धोली , आंखा मीकु तकणा।
  114.  भुंड न बास, अर शरील उदास ।
  115. भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै ।
  116. अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
  117. बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  118.  पैली खयाली खारु, फ़िर भाडा पोछणी ।
  119.  ब्वारी खति ना… , सासु मिठौण लग्युं… ।
  120.  खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा । (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  121.  खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  122. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गोर कटै।
  123.  भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
  124.  नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ
  125.  जैं बौ पर जादा सारू छौं, वे भैजी भैजी बुन्नी
  126.  बाघ गिजी बाखरी बिटि, चोर गिजी काखड़ी बिटि ।
  127.  म्यारू नौनु दोण नि सकुदु , २० पथा ख़ूब सकुदु ।
  128.  धुये धुये की ग्वरा, अर घुसे घुसे की स्वरा नि होन्दा ।
  129.  कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी।
  130.  अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  131.  बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
  132.  अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
  133.  साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
  134.  कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  135. जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु ।
  136.  ना गोरी भली ना स्वाली ।
  137. राजौं का घौर मोतियुं कु अकाल ।
  138. जख मिली घलकी, उखी ढलकी ।
  139.  भैंसा का घिच्चा फ्योली कु फूल ।
  140.  सब दिन चंगु, त्योहार कु दिन नंगु ।
  141.  त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
  142.  कुक्कूर मु कपास औरज बांदर मु नरियूल ।
  143.  तिमला कु तिमला बि खत्या,अर् नंगी बि दिख्या ।
  144.  सारी ढेबरी मुंडी माँडी , अर पुछ्ड़ी दाँ लराट किराट 
  145. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै।
  146. भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
  147. नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ
  148. जै बौ पर जादा सारू छौ वे भैजी भैजी बुन्नी
  149. बाग गिजी बाखरी बिटि, चोर गिजी काखड़ी बिटि ।
  150. म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पता ख़ूब सकुदु ।
  151. धुये धुये की ग्वरा, अर लगै लगै की स्वरा नि होन्दा ।
  152. कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
  153. अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  154. बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का
  155. भी चार भांडा ।
  156. अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
  157. तितुर खाण मन काव बताय । मन मे कुछ और मुह पर कुछ और।
  158. कोय चेली ते , सुणाय बुवारी कु। बोला बेटी को और सुनाया बहु को।
  159. च्यल हेबे सकर नाती प्यार । बेटे से ज्यादा पोता प्यारा होता है।
  160. ना सौण कम ना भदोव कम। कोई भी किसी से कम नही है। दोनों प्रतियोगी बराबर क्षमता के।
  161. नी खानी बौड़ी,चुल पन दौड़ि !  नखरे वाली बहु, सबसे ज्यादा खाती है।
  162. द्वि दिनाक पूण तिसार दिन निपटूण ! आदर सत्कार अधिक दिन तक नहीं होता।
  163. शिशुणक पात उल्ट ले लागू सुल्ट ले ! धूर्त आदमी से हर तरफ से नुकसान
  164. अघैन बामणि भैसक खीर ! संतुष्ट ना होने पर मना करने का झूठा बहाना करना
  165. जो घडी द्यो ,ऊ  घडी पाणी ! कई तरीको से एक साथ व्यवस्था होना।
  166. भौल जै  जोगी हुनो , हरिद्वार रून ! अच्छाई  हमेशा अपने मौलिक रूप में रहती है।

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