20 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) 20 + Kumaoni proverbs (Pahari proverbs)

 कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) 20 + Kumaoni proverbs (Pahari proverbs) 25


कुमाऊनी कहावतें कहां कहां प्रचलित है पहाड़ी कहावतें संक्षिप्त विवेचन के लिए संपूणं कृमाउंनी लोकसाहित्य को सात प्रकार का मान सकते टै ---(१) लोकगीत, (२) कथागीत, (३) लोकगाथाएं, (४) कथाएं, (५) लोकोक्तियां, (६) पहेलियां, (७) अन्य रचनाएँ । पहाड़ी कहावतें
  1. विधांता कि लेखा
  2. गोरख्यौल है रे।
  3. स्याप को पोथो, स्यापै जसो।
  4. फना मनकि करना
  5. रावण को जसो घमण्ड।
  6. अत्ती उमलिनाथो घौल जांछ।
  7. कुकुरका घरा लै बासि रोटा।
  8. नपून्याले पायो चबै-चबै खायो।
  9. कौवा धत्यायो चील फड़ फड़ायो।
  10.  गुनो अफनो पुछड़ नानूं देखंछा
  11. जेठज्यू मरिग्या, कुकरम करिम्या।
  12. गी का लछिन ग्वैठा बटे।
  13. बाग में ढूंट पड्‌यो।
  14. गरीब का दीन ग्या सौकारा का दीन आया।
  15. चैन का चुपड़ा गुलप्या का ड्योड़ा।
  16. तात्वे खूं जलि मरूंच
  17. ले बाग मेरि खुट्टी।
  18. छपड़ा को जसो रङ बदलना
  19. जैकि खाप चलि बीकि नी हल बल्द चलि।
  20. जो काका कि खूल सोचूं उ बाबा कि लै नै खै सकनो।
  21. लगनकि बखतको हगन।
  22. ढूंड खोजना को दपायता मिलि पड्‌यो।
  23. तल्ला पेट को पानि जन हलकै।
  24. पेट पैठि बेर खुटा तानन।
  25. नाई दगड़ा सल्लाग में दाडि भिजे बैठन।
  26. न पट्योक गोपिया बामणा
  27. नौल गोरु का नौ पुला घासा
  28. बाटै ल्वार बाटै आफरा
  29. खै बेर जाड़ो नै बेर न्या।
  30. नै पुजे अलम्बाड़ा, नै लाग्या गजमोड़ा।
  31. सानन थे पधान हो कयो राते में टेडी टेडी आयो।
  32. आसमानका फला
  33. अभागि मंगलुवा कौतिक ग्यो कौतिकै नि भ्यो।
  34. हात पड़िनाको छाड़ि दियो हात सान करि बोलयो।
  35. एक दुसरा को थोल चाटना
  36. हाजिरकि सोद नै गैर हांजरकि तलास।
  37. दालभात छोड़ि दिनान दगड़ो नै छोड़ना।
  38. सब हैं हल्को पराल वी है हल्को सोराला
  39. कानो घालि हुनो पाजि।
  40. मुसाकि चेलि मुसाका गै।
  41. जो जसो करुंछ दुसरा के लै उसै समजंछ।
  42. जसो बोयो उसो काट्‌यो।
  43. नाक बाल काटि बेर भेजन्।
  44. जैक बिसा नै वै कि ठुलि नालिा
  45. बिना भेद जाण्यां स्यापका डुला हात हात हालन।
  46. डज्या घरको कुच्चै सही।
  47. ठुसराक ख्वार लै खोरो पोसिबेट नैं कि चोपड़ो हुंछ।
  48. कुलो टुक्यो गाड़, चेलि रिसै मैत्।
  49. स्थानी पुख्र्यालि बाकर वटारो।
  50. नचनि खेलनि मुखै थे ऊंछी।
  51. कलूं खोजन लगाप क्वासा खान्वे घर आयो।
  52. भैंसाका सीङ भैसा लै मारि नैं कि हुनाना
  53. घर पिणांलू, बन पिणांलू मांमा का वां गयो द्वी हात लम्भा पिणांलू।
  54. गैन बाच्छी नीने अच्छी, ज्वान चेलो सांसै सेलो।

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