25 + प्रसिद्ध गढवाली कहावतें( पहाड़ी कहावतें)
25 कहावतें गढवाली में /पुरानी गढवाली कहावतें / गढवाली मजेदार कहावतें
कुछ अपणी गढ़वाली/लोकोक्तियां कहावतें / गढ़वाली कहावतें ( पहाड़ी कहावतें ) कुछ गढ़वाली औखाण (मुहावरों) का मजा आप भी लीजिये
- दान आदिम की बात और आँमला कु स्वाद, बाद मा आन्दु ।
- बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
- मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू, तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
- भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
- नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
- ब्वारी बुबा लाई बल अर ब्वारी बुबन खाई
- उछलि उछलि मारि फालि, कर्म पर द्वी नाली।
- अकल का टप्पु, सरमा बोझा घोड़ा मां अफु।
- सौण मरि सासू, भादो आयां आंसू।
- जु नि धोलो अफड़ो मुख, उक्या देलो हैका तैं सुख।
- पढ़ाई लिखाई बल जाट, अर 16 दुनी आठ ।
- बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
- अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
- साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
- कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
- कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल ।
- सारी ढेबरी मुंडी माँडी , अर पुछ्ड़ी दाँ न्याउँ (म्याउँ) ।
- दान आदिम की बात और आँमला कु स्वाद, बाद मा आन्दु ।
- बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
- मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू,तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
- भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
- कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
- अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
- बाग गिजी बाखरी बिटि, चोर गिजी काखड़ी बिटि ।
- म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पता ख़ूब सकुदु ।
- धुये धुये की ग्वरा, अर लगै लगै की स्वरा नि होन्दा ।
- कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
- अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
- बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का
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