उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान | All National Parks of Uttarakhand
- इस ब्लॉग में हम उत्तराखंड के सभी 6 राष्ट्रीय उद्यानों और उनसे जुड़े हुए महत्त्वपूर्ण तथ्यो के बारे में जानेंगे।
- उत्तराखंड में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्य जीव विहार व 1 जैव आरक्षित क्षेत्र है।
- राज्य का पहला वन्य जीव संरक्षण केन्द्र मोतीचूर वन्य जीव संरक्षण केन्द्र था। जिसकी स्थापना 1935 में हुयी
- थी। जिसे 1983 में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दिया गया।
- उत्तराखंड में सर्वाधिक संख्या में पाया जाने वाला वन्य जीव चीतल (53730) व जंगली सूअर (34914) है। सबसे कम संख्या में पाया जाने वाला वन्य जीव भूरा भालू ( 14 ) व बारहसिंगा (100) है।
- उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान(All National parks of Uttarakhand)
- राष्ट्रीय उद्यान (National Park) ऐसा उद्यान होता है जिसे किसी राष्ट्र की प्रशासन प्रणाली द्वारा औपचारिक रूप से संरक्षित करा गया हो।
- राष्ट्रीय उद्यान ऐसे क्षेत्र हैं जिनका उद्देश्य प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना है। वे सार्वजनिक मनोरंजन और आनंद की गतिविधियों में भी शामिल होते हैं। एक राष्ट्रीय उद्यान में, परिदृश्य और उसके वनस्पति और जीव अपनी प्राकृतिक अवस्था में मौजूद होते हैं।
- वर्तमान समय में पूरे भारत में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं
- सबसे पहला राष्ट्रीय उद्यान-कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान
- सबसे नवीनतम राष्ट्रीय उद्यान- देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान(असम 106वा)
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Corbett National park)
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जिम कार्बेट |
- स्थापना - 1936
- क्षेत्रफल- 520.82 वर्ग किमी, (पौढ़ी-312.76 वर्ग किमी व नैनीताल-208.8 वर्ग किमी)
- स्थिति- पौढी, नैनीताल
- मुख्यालय- कालाढुंगी
- संस्थापक- हेली
- यह देश में बना पहला नेशनल पार्क है ।
- इस पार्क की स्थापना तत्कालीन गवर्नर सर हेली के नाम पर हेली नेशनल पार्क के नाम से की गयी।
- इसकी स्थापना बंगाल टाइगर की रक्षा करने के लिये की गयी।
- 1952 में इसका नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
- सन् 1957 ई में महान प्रकृति प्रेमी जिम कार्बेट के नाम पर इसका नाम बदलकर कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं। इसके बाद राजाजी व फूलों की घाटी में सर्वाधिक पर्यटक आते हैं।
- यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे पहला राष्ट्रीय पार्क है।
- इस उद्यान का प्रवेश द्वार ढिकाला रामनगर में स्थित है।
- 1 नवंबर 1973 ई को विश्व वन्य जंतु कोष (W.W.F.) द्वारा भारत का पहला बाघ संरक्षण घोषित किया गया।
- यहां से प्रोजेक्ट टाइगर योजना शुरू की गयी ।
- बाघ के साथ यहां घड़ियाल के संरक्षण की विशेष व्यवस्था की गयी है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के मध्य पाटलीदून स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के मध्य पश्चिमी रामगंगा नदी बहती है।
- अप्रैल 2012 में पार्क के चारों ओर 500 मी के क्षेत्र को साइलेन्स जोन घोषित किया गया है।
- 2013 में बाघों की रक्षा के लिये यहां केन्द्र की सहायता से 118 सदस्यीय स्पेशल टाइगर प्रोटक्शन फोर का गठन किया गया।
- जिम कार्बेट म्युजियम कालाढुंगी में स्थित है।
- इस पार्क वर्तमान में 250 बाघ है।
- यह नेशनल पार्क चार जोन्स में बंटा है- बिजरानी रेंज, ढिकाला रेंज, झिरना रेंज, दुर्गादेवी रेंज।
- नोट- जिम कार्बेट का पूरा नाम जेम्स एडवर्ड कार्बेट था।
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जिम कार्बेट |
गोबिंद राष्ट्रीय उद्यान (Govind National Park)
- स्थापना-1980 ई
- स्थिति- उत्तरकाशी
- क्षेत्रफल- 472 वर्ग किमी
- मुख्यालय - देहरादून
- इसका नाम प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोबिंद बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है।
- इस पार्क के मध्य टौंस नदी बहती है।
- इसके मध्य हर की दून स्थित है।
- रूइसियारा झील इसी पार्क के मध्य स्थित है।
- यहां पर हिम तेंदुआ का संरक्षण किया जाता है।
- यह नेशनल पार्क दाढी वाले गिद्धों के शेष हिमालयी गढ़ों में से एक है।
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान(Nanda Devi National Park)
- स्थापना- 1982 ई
- स्थिति - चमोली
- क्षेत्रफल - 624 वर्ग किमी
- मुख्यालय- जोशीमठ
- यह उद्यान सर्वाधिक ऊंचाई (5431 मी) पर स्थित है।
- यह दो भागों में बंटा है - भीतरी व बाहरी ।
- भीतरी में नंदा देवी पर्वत, रमनी ग्लेशियर व ऋषि ग्लेशियर भी है।
- यहां से ऋषिगंगा नदी बहती है।
- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचने का सर्वप्रथम श्रेय एरिक शिपटन तथा टिलमैन को जाता है। जिन्होंने 1936 में नंदा देवी का सफल आरोहण किया था ।
- 1988 ई में यूनेस्कों ने इसे विश्व विरासत में शामिल किया है।
फूलों की घाटी(Velly of Flower National Park)
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- स्थापना - 1982 ई
- स्थिति - चमोली
- क्षेत्रफल - 87.5 वर्ग किमी
- मुख्यालय- जोशीमठ
- यह उत्तराखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
- इसकी खोज 1931 में फ्रैंक स्माइथ व उनके मित्र होल्डसवर्थ द्वारा की गयी।
- वैली ऑफ फलावर का प्रकाशन 1938 में हुआ।
- यह राष्ट्रीय उद्यान समुद्रतल से 3600 मी की ऊंचाई पर नर व गंधमादन पर्वत के बीच में है।
- इस उद्यान के मध्य में पुष्पावती नदी बहती है। जो कामेट पर्वत के पुष्पतोया ताल से निकलती है।
- इस उद्यान के मध्य लिंगाताल या आंछरी ताल स्थित है।
- यहां सर्वाधिक जैव विविधता पायी जाती है।
- यहां लगभग 500 प्रकार के फूल खिलते हैं।
- फूलों की घाटी के मध्य मैडम जॉन मारग्रेट लेग्स की समाधि है जो एक पुष्प वैज्ञानिक थी। लेग्स 1939 में यह आयी थी।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सबसे ज्यादा कस्तूरी मृग पाये जाते हैं।
- फूलों की घाटी में फूल जुलाई के प्रथम सप्ताह से अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक खिलते हैं।
- अमेला व नटग्रास (पॉलीगोनम) घास फूलों की घाटी के लिये खतरा पैदा कर रही हैं।
- स्कंदपुराण में इसे नंदकानन कहा गया है।
- कालिदास ने मेघदूत में इसे अलका कहा है।
- स्थानीय भाषा में इसे द्वारीखर्क कहा गया है।
- स्वर्ग में इन्द्र का उपवन फूलों की घाटी को कहा गया है।
- फूलों की घाटी के अन्य नाम गंधमादन, भ्यूंडार, पुष्पावती, पुष्परसा, फेंक स्माइथ घाटी व गंगापार्क हैं।
- 14 जुलाई 2005 को यूनेस्को ने फूलों की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया।
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फूलों की घाटी |
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान(Rajaji National Park)
- स्थापना-1983
- स्थिति- देहरादून, हरिद्वार, पौढी
- क्षेत्रफल-820 वर्ग किमी
- मुख्यालय-देहरादून
- यह मोतीचूर (1935 ई), राजाजी वन विहार (1948ई) व चीला (1977 ई) से मिलकर बना ।
- यहां सर्वाधिक संख्या में हाथी व बारहसिंगा पाये जाते हैं।
- 2015 में इसे राज्य का दूसरा बाघ संरक्षण केन्द्र घोषित किया गया। इसके साथ कुद्रेमुख कर्नाटक को बाघ संरक्षण केन्द्र घोषित किया गया ।
- इसका नाम चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया है।
- इस पार्क के मध्य गंगा नदी 24 किमी बहती है।
- यह पर्यटकों के लिये 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है।
गंगोत्री नेशनल पार्क(Gangotri National Park)
- स्थापना- 1989
- स्थिति- उत्तरकाशी
- क्षेत्रफल- 2390 वर्गकिमी
- मुख्यालय -देहरादून
- यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
- इसके मध्य भागीरथी नदी बहती है।
- यह हिमालयन भालू व कस्तूरी मृग के लिये प्रसिद्ध है।
FAQ
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
सफ़ारी वाला ऐतिहासिक वन्य जीव अभयारण्य
- फूलों की घाटी
रंगीन फूलों वाला वन्य जीवन से भरा पार्क
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
वन्यजीव संरक्षण वाले इलाके में कॉटेज
- नंदा देवी नेशनल पार्क
फूलों के लिए मशहूर हिमालय घाटी
- गंगोत्री नेशनल पार्क
प्राकृतिक जगहों वाला विशाल इलाका
- द गोविंद पाशु विहार नेशनल पार्क - उत्तराखंड, इंडिया
हिमालयी वन्य जीवन और बर्फ़ से ढकी
- उत्तराखंड में कुल कितने राष्ट्रीय उद्यान है?
उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय ...
उत्तराखंड में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्य जीव विहार व 1 जैव आरक्षित क्षेत्र है। थी। जिसे 1983 में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दिया गया।
- उत्तराखंड का सबसे बड़ा पार्क कौन सा है?
सही उत्तर गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान है। 1989 में स्थापित गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है जिसका कुल क्षेत्रफल 2390.02 वर्ग किलोमीटर है।
- उत्तराखंड का सबसे बड़ा वन्य जीव विहार कौन सा है?
उत्तराखंड का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य केदारनाथ वन्यजीव विहार है। यह चमोली में स्थित है और अपनी उत्तम पुष्प प्रजातियों के लिए जाना जाता है। इसका नामकरण केदारनाथ मंदिर के नाम पर किया गया है। यह लुप्तप्राय कस्तूरी मृग के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है, और इस प्रकार इसे केदारनाथ कस्तूरी मृग विहार कहा जाता है।
- उत्तराखंड में सबसे ज्यादा क्या उगाया जाता है?
उत्तराखण्ड में रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलों में गेहूं सर्वाधिक महत्वपूर्ण फसल है। ।
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