भूतनाथ मंदिर मंडी bhootanaath mandir mandee
भूतनाथ मंदिर मंडी (Bhootnath Mandir Mandi) |
हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं। जो अपनी कलात्मकता और ऐतिहासिक महत्व के कारण बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय स्थान है। ऐसा ही एक मंदिर मंडी जिले में भूतनाथ स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह धार्मिक स्थल हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंडी में भूतनाथ के साथ-साथ पंचवक्तर (भगवान शिव का नाम), अर्धनारीश्वर के मंदिर भी हैं। जो यह सिद्ध करते हैं कि यहां शैव धर्म का प्रचलन था। मंडी में शिवरात्रि का त्यौहार भी इस समय बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
भूतनाथ मंदिर मंडी (Bhootnath Mandir Mandi) |
मंडी में शिव विवाह यानि महाशिवरात्रि एक सप्ताह या दस दिन तक चलती है। इस अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें आसपास के देवता भी अपने भक्तों के साथ यहां मौजूद रहते हैं।
शिवलिंग की प्राप्ति
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, अजबर सेन ने एक जंगल में एक गोवंश द्वारा व्यक्तिगत रूप से एक विशिष्ट पत्थर का दूध निकालने का वर्णन किया है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने उन्हें राजा की कल्पना में दिखाया था। और उन्होंने अजबर सेन को उस स्थान पर स्थित शिव लिंग को खाली करने के लिए कहा। उसके बाद जब राजा ने उस स्थान पर खुदाई की तो खुदाई के दौरान उन्हें शिवलिंग मिला, उसी दौरान राजा ने इस स्थान पर एक मंदिर की स्थापना की। तब से, हर साल, शिवरात्रि पर, हम बड़ी धूमधाम से भगवान शिव की पूजा करते हैं। आप साल के किसी भी समय इस धार्मिक स्थल के दर्शन कर सकते हैं। यह स्थान मंडी जिले से मात्र 17 किमी दूर है।
वेदों व पुराणों में हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान शिव के कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे पड़े हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक बाबा भूतनाथ मंदिर (Baba Bhootnath Temple) है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में है, जिसे छोटा काशी भी कहा जाता है। भूतनाथ मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। मंदिर का निर्माण 1527 में राजा अजवेर सेन ने करवाया था। मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, जो प्राचीन काल से ही क्षेत्र की आस्था का केंद्र है। खासकर शिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
भूतनाथ मंदिर मंडी (Bhootnath Mandir Mandi) |
मान्यता है कि प्राचीन समय में पुरानी मंडी के एक ग्वाले की गाय हर दिन नदी पार करके जंगल में घास चरने आती थी और शाम को वापस घर लौटती थी। यह गाय भूतनाथ मंदिर के पास खड़ी हो जाती थी। उसके थनों से अपने आप ही दूध की धारा निकलने लगती थी। धीरे-धीरे यह खबर लोगों के बीच आग की तरह फैल गई। इस दौरान राजा अजवेर सेन को सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए और बताया कि जिस स्थान पर गाय के थनों से दूध बहता है, वहां एक शिवलिंग है। भगवान शिव ने सपने में राजा अजवेर सेन से उस स्थान पर मंदिर बनाकर उसे भूतनाथ का नाम देने के लिए कहा। इसके बाद राजा अजवेर सेन ने जाकर देखा तो वहां सचमुच एक शिवलिंग स्थापित मिला। इसके बाद राजा अजवेर सेन ने इस स्थान पर शिखारा शैली से मंदिर का निर्माण करवाया। बता दें कि बाबा भूतनाथ मंदिर में हर वर्ष शिवरात्रि का त्यौहार पूरे एक सप्ताह तक हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्दालु पहुंचते हैं। प्राचीन समय से ही मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर शिवरात्रि से एक माह पहले से ही मक्खन चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। इस दौरान हर रोज अलग-अलग रूपों का श्रृंगार किया जाता है। इस एक महीने में भगवान शिव पर एक क्विंटल से ज्यादा मक्खन चढ़ाया जाता है। इस एक महीने में शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है। शिवरात्रि के अलावा सावन महीने में भी बाबा भूतनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है।
भूतनाथ मंदिर मंडी (Bhootnath Mandir Mandi) |
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