ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश /Brahmoti Temple, Temple Una, Himachal Pradesh

 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश /Brahmoti Temple, Temple Una, Himachal Pradesh

 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना
प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां देवी-देवताओं के कई प्रसिद्द मंदिर और तीर्थ स्थल मौजूद हैं। हिमाचल प्रदेश में ऊना का प्रसिद्द और चमत्कारिक ब्रह्मोती मंदिर (Brahmoti Temple Una) पंजाब बार्डर पर शिवालिक पर्वत की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस पवित्र स्थल को मिनी हरिद्वार के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि देश में भगवान ब्रह्मा के केवल दो ही मंदिर हैं, जिनमें एक राजस्थान के पुष्कर में और दूसरा हिमाचल प्रदेश के ऊना में ब्रह्मोती मंदिर है।
 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना
ब्रह्मोती मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पर पांडवों ने अपने सौ पुत्रों के उद्धार के लिए सभी देवी-देवताओं के साथ आहुतियां डाली थी। मंदिर के साथ ही सतलुज नदी बहती है। सतलुज नदी को पौराणिक समय में ब्रह्म-गंगा नदी के नाम से जाना जाता था। मंदिर के पास में ही एक कुंड भी है, जिसे ब्रह्म-कुंड के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि ब्रह्म कुंड में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। वैशाखी के मौके पर यहां स्नान करने के लिए विशेष तौर पर श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा भक्तों का यह भी मानना है कि ब्रह्म कुंड में स्नान करके सच्चे मन से मन्नत मांगने पर जरूर पूरी होती हैं।
 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना
ब्रह्मोती मंदिर का इतिहास महाभारतकाल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपना काफी समय शिवालिक की इन्हीं पहाड़ियों के बीच बिताया था। इस दौरान पांडवों ने स्वर्ग में जाने के लिए रात में यहां पर पांच सीढ़ियां बनानी शुरू की थीं, लेकिन ढाई सीढ़ियां ही बनीं थी कि सुबह हो गई और एक बूढ़ी औरत चक्की चलाने के लिए जाग गई। ऐसे में पहचाने जाने के डर से पांडव सीढ़ियों का निर्माण बीच में ही छोड़कर चले गए। कहा जाता है की यह ढाई सीढ़ियां आज भी ब्रह्म गंगा नदी के ब्रह्म कुंड में मौजूद हैं।

ब्रह्मोती मंदिर ऊना में स्थित है। बहुत अच्छी तरह से सड़क मार्ग द्वारा अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। होशियारपुर, जालंधर और अमृतसर सहित कई प्रमुख शहरों से ऊना के लिए सीधी बसें चलती हैं। ऊना में एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है, जो देश के अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। ऊना से नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 80 किलोमीटर दूर जालंधर में है। जालंधर में स्थित हवाई अड्डा एक इंटरनैशनल हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देश-विदेश के हवाई अड्डों से नियमित रूप से जुड़ा है। दिल्ली से ऊना की दूरी लगभग 350 किलोमीटर दूर है।
 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना

पुष्कर के अलावा एक और ब्रह्मा जी का मंदिर.. ब्रह्मोती (हिमाचल प्रदेश)


 मुख्य मंदिर में ब्रह्मा जी,  शिव जी और गंगा माता जी प्रतिष्ठित हैं....इस के अलावा मंदिर प्रांगण में श्री कृष्ण-राधा मंदिर, महापुरुषों की समाधियां  और एक अखंड धूना भी है। इस स्थान के घाट  को गंगा नदी के समान माना जाता हैं, इसलिए यहां अस्थि विसर्जन भी होता हैं और वैशाखी पर यहां घाट पर नहाना शुभ माना जाता है।
 ब्रह्मोती मंदिर, मंदिर ऊना
 राजर्षि विश्वामित्र जी,  वशिष्ठ मुनि जी की ब्रह्मर्षि होने की उपाधि के कारण द्वेष भावना रखते थे,  इसी द्वेष या रंजिश के कारण विश्वामित्र जी ने वशिष्ठ मुनि जी के सौ पुत्रों का वध इसी स्थान पर ही कर दिया था........विश्वामित्र जी को ब्रह्म हत्या का दोष लगा,  पश्चाताप और ब्रह्म दोष के निवारण हेतू विश्वामित्र जी ने ब्रह्मा जी की तपस्या कर उन्हें प्रसन्न कर, साक्षात प्रकट किया और ब्रह्म हत्या दोष निवारण हेतू वर मांगने पर.... ब्रह्मा जी ने विश्वामित्र जी से कहा, राजन यहां पर आप यज्ञ का अनुष्ठान कराओ, मेरी तपस्थली होने के कारण मैं भी और देवताओ सहित यज्ञ में आहुतियां डाल कर तुम्हारे द्वारा वध किए अपने सौ पौत्रो का उद्घार करूंगा और मेरे स्वयं द्वारा आहुतियां डालने के कारण यह तीर्थ ब्रह्मोती के नाम से विख्यात होगा।

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