ध्यूंसर महादेव मंदिर- ऊना हिमाचल प्रदेश (Dhyunsar Mahadev Temple- Una Himachal Pradesh)

 ध्यूंसर महादेव मंदिर- ऊना हिमाचल प्रदेश (Dhyunsar Mahadev Temple- Una Himachal Pradesh)

ध्यूंसर महादेव मंदिर, ऊनाऊना (हिमाचल प्रदेश) के बही गांव में स्थित, ध्युनसर महादेव मंदिर एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर है जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाले पर्यटकों द्वारा आमतौर पर सदा शिव मंदिर/शिव टीला के रूप में जाना जाता है। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहां से हर तरफ शानदार नजारा दिखता है। इस मंदिर में शिव लिंगम माँ पार्वती और भगवान शिव का रूप है। मंदिर के चारों ओर शांति और सुखदायक वातावरण इस स्थान को देखने लायक बनाता है। आप ऊपर से ऊना और आसपास के अन्य स्थानों के दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
 ध्यूंसर महादेव मंदिर

ध्यूंसर महादेव मंदिर इतिहास

पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने 'अज्ञात वास' में किया था। द्वापर युग में श्री धौम्य ऋषि विचरण करते हुए ध्युनसर पर्वत के पार आये और उन्होंने इस पहाड़ी की चोटी पर तपस्या की और तब शिव जी ने उन्हें दर्शन दिये। तब से लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
 ध्यूंसर महादेव मंदिर

ध्यूंसर महादेव मंदिर मेला एवं उत्सव

शिवरात्रि के दौरान, यहां एक मेला आयोजित किया जाता है जब विशाल भीड़ की उपस्थिति में "ओम नमः शिवाय" का जाप करते हुए शिव लिंग पर दूध और छाछ की वर्षा की जाती है।

ध्यूंसर महादेव मंदिर वास्तुकला और त्यौहार

 ध्यूंसर महादेव मंदिर
यह मंदिर ध्यान के लिए बहुत अच्छा है। ध्यानसर महादेव मंदिर प्राचीन भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। यह मंदिर पत्थर से बनाया गया है और इसकी दीवारों और खंभों पर जटिल नक्काशी और डिजाइन हैं। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में एक शिव लिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतिनिधित्व माना जाता है। ध्यानसर महादेव मंदिर अपने जीवंत त्योहारों और उत्सवों के लिए जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। इसे स्थानीय लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि सच्चे मन से जो भी मांगा जाता है वह यहां जरूर मिलता है। मंदिर में नवरात्रि, दिवाली और होली बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।

शिवलिंग को ध्यूंसर महादेव, सदाशिव के नाम से भी जाना जाता है– प्राचीन कथाओं के अनुसार लगभग 5600 वर्ष पूर्व महाभारत काल में पांडवों के पुरोहित श्री धौम्य ऋषि ने तीर्थ यात्रा करते हुए इसी ध्यूंसर नामक पर्वत पर शिव जी की तपस्या की थी। शिव जी ने प्रसन्न होकर दर्शन देते हुए वर मांगने को कहा, इस पर ऋषि ने वर मांगा कि जो कोई भी इस पुण्य क्षेत्र में आकर मेरे द्वारा स्थापित इस धौमेश्वर शिवलिंग की पूजा करेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाए। शिव जी तथास्तु कह कर अंतर्ध्यान हो गए। इसीलिए प्राचीन काल से अब तक इस मंदिर में धौमेश्वर नामक शिवलिंग ध्यूंसर सदाशिव नाम से प्रसिद्ध है और जिसे शिवां नाम से भी जाना जाता है।

सावन माह में यहां भक्तों की उमड़ती है काफी भीड़- प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 1948 में पहली बार जिला के इस सबसे ऊंचे स्थल पर मौजूद पवित्र शिवलिंग के स्थान पर शिवरात्रि का आयोजन किया गया था। ऊना जिला के सबसे खूबसूरत स्थलों में शिवालिक पहाडि़यों व श्रृंखलाओं में बसे तलमेहड़ा नामक स्थान में ऊंचे पहाड़ पर स्थित सदाशिव मंदिर ध्यूंसर महादेव से ऊना जिला का आलौकिक नजारा देखने को मिलता है। यूं तो वर्षभर हिमाचल ही नहीं अपितु बाहर से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन श्रावण माह में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। अनेक श्रद्धालु यहां भंडारे का आयोजन करते हैं, तो वहीं श्रावण मास में प्रत्येक रविवार रात्रि को यहां विशाल जागरण आयोजित किए जाते हैं, जिसमें असंख्य श्रद्धालु भगवान शिव का गुणगान सुनते हैं। सचमुच  यहां का आलौकिक दृश्य और शांत वातावरण हर किसी को यहां आने के लिए विवश कर देता है।

मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हैं विशेष सुविधाएं- मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए मंदिर ट्रस्ट ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं। यहां हजारों लोगों की क्षमता के लंगरहाल के साथ-साथ जगह-जगह श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था का प्रबंध किया गया है। रात्रि ठहराव के लिए सराएं के इंतजाम के साथ 24 घंटे लंगर की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा मंदिर ट्रस्ट द्वारा समाज के गरीब असहाय एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों की मदद के लिए सहायता राशि एवं गरीब परिवार की लड़कियों की शादी के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाती है। आने वाले समय में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को मध्य नजर रखते हुए विभिन्न प्रकार के नए प्रोजेक्टों को भी शुरू किया गया है। हाल ही में राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज के कर कमलों द्वारा बुजुर्गों व दिव्यांगों की सुविधा के लिए मंदिर में लिफ्ट का भी शुभारंभ किया गया है।

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