गरीब दास मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश (Garib Das Mandir Una, Himachal Pradesh)

 गरीब दास मंदिर ऊना, हिमाचल प्रदेश (Garib Das Mandir Una, Himachal Pradesh)


गरीब दास मंदिर का इतिहास

बाबा गरीब नाथ मंदिर हिमाचल का इतिहास लगभग 500 वर्ष पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि जब ऋषि व्यास के पुत्र शुकदेव का जन्म हुआ, उसी समय 84 सिद्धों ने भी अलग-अलग स्थानों पर जन्म लिया। उनमें से एक हैं सिद्ध गरीब नाथ जी, जो दत्तात्रेय के शिष्य थे। बाबा गरीब नाथ ने यहां 40 वर्षों तक तपस्या की। इसे बाबा गरीब नाथ की तपोस्थली भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में बाबा गरीब नाथ की प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही मंदिर में स्थापित भगवान शिव की लगभग 31 फीट की मूर्ति मंदिर की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है।
 गरीब दास मंदिर
प्राचीन काल से ही हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यदि हम कहें कि हिमाचल देवी-देवताओं का निवास स्थान है तो बिलकुल भी गलत नहीं होगा। इसलिए ऐसी पावन धरती पर जन्म लेना और यहां जीने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। ऐसा ही हिमाचल में एक मंदिर है बाबा गरीब नाथ का मंदिर। 
 गरीब दास मंदिर
जिला ऊना में गांव रायपुर के पास पड़ता है बाबा गरीब नाथ का मंदिर। ये मंदिर गोबिंद सागर झील में पड़ता है और चारों तरफ  से पहाडि़यों से घिरा हुआ है। ये मंदिर साल के लगभग चार महीने पानी के बीच रहता है। उस समय का दृश्य बहुत ही मनमोहक और रोमांचक  होता है। वैसे इस मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन जो इसे सोशल मीडिया पर एक बार देख लेता है वो वहां जाने की इच्छा अपने मन में करने लगता है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार हर बार बरसात के मौसम में बाबा गरीब नाथ मंदिर चारों तरफ  से झील के पानी में घिरने पर कश्ती के सहारे मंदिर पहुंचना पड़ता है। 2-3 महीने तक मंदिर की एक मंजिल झील के पानी में डूब जाती है, इसके बावजूद लोग मंदिर में कश्ती के सहारे माथा टेकने पहुंचते हैं। वहीं बरसात के दिनों में चारों तरफ  से मंदिर को पानी में घिरा देखकर दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं।
 गरीब दास मंदिर
 जनश्रुतियों के अनुसार मंदिर का इतिहास करीब 500 साल पुराना है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण कई साल पहले एक संत ने करवाया था। उस संत के पास जादू की एक छड़ी थी। ऊना जिले से लगभग तीस किमी.दूर रायपुर के पास सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी का ये प्रसिद्ध मंदिर है, जो कि औगड़ गांव में गोबिंदसागर झील के भीतर बना हुआ है तथा मंदिर में जाने के लिए नाव द्वारा जाना पड़ता है। यहां पर शिवजी की भी एक बहुत ही सुंदर प्रतिमा है। जनश्रुतियों के अनुसार जब ऋषि व्यास के पुत्र शुकदेव का जन्म हुआ, तो उसी समय 84 सिद्धों ने भी विभिन्न स्थानों पर जन्म लिया।
 गरीब दास मंदिर
 इनमें से एक सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी भी हैं, जो दत्तात्रेय के शिष्य थे। सिद्धबाबा गरीब नाथ जी विभिन्न राज्यों में विभिन्न नामों से जाने जाते हैं। मान्यता के अनुसार 500 वर्ष पूर्व यहां के स्थानीय निवासियों को झडि़यों में एक ज्योति जलती दिखी, जब लोगों ने यहां आकर देखा तो अमरताश पेड़ के नीचे सिद्ध बाबा गरीब नाथ भक्ति में लीन थे। उन्होंने लोगों को बताया कि मैं बाबा गरीब नाथ हूं और जो यहां भक्ति और तपस्या करेंगे, उन्हें फल मिलेगा। स्थानीय निवासी बाबा नसीब सिंह जी इस मंदिर के प्रसिद्ध सेवादार थे। साल 1978 में जब वे बीमार हुए थे, उनके बचने की उम्मीद कम थी। बाबा नसीब को अचानक रात को सपना आया और सपने में सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी ने उन्हें दर्शन दिए। बाबा ने नसीब सिंह को मंदिर के अखंड धूने से भभूती ग्रहण करने को कहा। नसीब सिंह ने भभूती खाई और वो पूरी तरह स्वस्थ हो गए। इस तरह से सारे इलाके में ये खबर फैल गई, जिससे सिद्ध बाबा गरीब नाथ के प्रति लोगों की आस्था बढ़ गई।  मंदिर में  लगभग 31 फुट की शिव भगवान की प्रतिमा है, जो इसकी शोभा को चार चांद लगाती है।

कैसे पहुंचे बाबा गरीब नाथ मंदिर हिमाचल

 गरीब दास मंदिर
हवाई मार्ग- बाबा गरीब नाथ मंदिर हिमाचल से निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ हवाई अड्डा है। यहां से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सी का उपयोग करके इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा- बाबा गरीब नाथ मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन ऊना रेलवे स्टेशन है। यहां से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सी का उपयोग करके इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग- इस मंदिर की सड़कें देश के अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं इसलिए आप देश के किसी भी हिस्से से अपने वाहन या किसी सार्वजनिक बस या टैक्सी द्वारा इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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