प्रमुख मुहावरे और कहावतें - अर्थ और उदाहरण - Major Idioms and Proverbs - Meaning and Examples

प्रमुख मुहावरे और कहावतें - अर्थ और उदाहरण

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए, मुहावरे और कहावतें भाषा के महत्वपूर्ण और रोचक हिस्से होते हैं। वे न केवल भाषा की सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि हमारी बातों में गहराई और प्रभाव भी जोड़ते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ प्रमुख और महत्वपूर्ण मुहावरों और कहावतों पर चर्चा करेंगे, जो अक्सर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

मुहावरा क्या है?

मुहावरा शब्दों का एक समूह होता है, जो अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करता है। यह व्याकरणिक रूप से पूर्ण नहीं होता है और इसे वाक्य में ही प्रयोग किया जाता है। इसके बिना वाक्य का पूर्ण अर्थ प्रकट नहीं हो सकता। उदाहरण के लिए:

  • थाली का बैंगन होना – इसका अर्थ है सिद्धांतहीन व्यक्ति। ऐसा व्यक्ति जो किसी भी ओर झुक सकता है, जैसे बैंगन को थाली में घुमाया जाए तो वह हर ओर लुढ़कता है।

लोकोक्ति या कहावत क्या है?

लोकोक्ति या कहावतें एक स्वतंत्र वाक्य होते हैं, जो अपने आप में पूरा अर्थ प्रकट करती हैं। इन्हें वाक्य में प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं होती। कहावतें समाज की समझ, मान्यताओं और अनुभवों का सारांश होती हैं। उदाहरण के लिए:

  • दाम लगाना – इसका अर्थ है मूल्य आँकना। किसी वस्तु या सेवा की कीमत का निर्धारण करना।

कुछ प्रमुख मुहावरे और उनके अर्थ

  1. कौड़ी को न पूछना – निकम्मा समझना।
    उदाहरण: उन्होंने उसके काम को कौड़ी को न पूछा, क्योंकि वह बेहद लापरवाह था।

  2. अंधेर नगरी – अन्याय की जगह।
    उदाहरण: इस शहर की हालत ऐसी हो गई है जैसे अंधेर नगरी, यहाँ कोई नियम-कानून नहीं है।

  3. समुद्र मंथन करना – कठोर परिश्रम करना।
    उदाहरण: इस परियोजना को सफल बनाने के लिए हमें समुद्र मंथन जैसा परिश्रम करना होगा।

  4. मुँह की खाना – बुरी तरह हारना।
    उदाहरण: उसने बिना तैयारी के प्रतियोगिता में भाग लिया और मुँह की खानी पड़ी।

  5. अगर-मगर करना – बहाने बनाना।
    उदाहरण: जब भी काम की बात आती है, वह अगर-मगर करने लगता है।

  6. दिन को दिन और रात को रात न समझना – किसी बड़े काम के लिए कठिन परिश्रम करना।
    उदाहरण: उसने अपनी परीक्षा की तैयारी में दिन को दिन और रात को रात न समझा।

  7. चादर के बाहर पैर पसारना – क्षमता से अधिक व्यय करना।
    उदाहरण: उसे अपने खर्चों पर ध्यान देना चाहिए, चादर के बाहर पैर पसारने से नुकसान हो सकता है।

  8. अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ पूर्ति करना।
    उदाहरण: वह हमेशा दूसरों का सहारा लेकर अपना उल्लू सीधा करता है।

  9. गागर में सागर भरना – थोड़े शब्दों में अधिक कहना।
    उदाहरण: शिक्षक ने अपने भाषण में गागर में सागर भर दिया।

  10. घाट-घाट का पानी पीना – बहुत अनुभवी होना।
    उदाहरण: उनके अनुभव से साफ है कि उन्होंने घाट-घाट का पानी पी रखा है।

कुछ प्रमुख कहावतें और उनके अर्थ

  1. चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना।
    उदाहरण: कितनी भी गलती हो जाए, वह कुछ कहने पर भी टस से मस नहीं होता, मानो चिकना घड़ा हो।

  2. अग्नि परीक्षा देना – कठिन परिस्थिति में पड़ना।
    उदाहरण: अपने फैसले को सही साबित करने के लिए उसे अग्नि परीक्षा देनी पड़ी।

  3. तेली का बैल होना – बुरी तरह काम में लगे रहना।
    उदाहरण: वह तेली का बैल बनकर दिन-रात मेहनत करता है, लेकिन परिणाम नहीं दिख रहा।

  4. कान फूँकना – दीक्षित करना।
    उदाहरण: गुरुजी ने उसे कान फूँककर अपने शिष्य के रूप में स्वीकार किया।

  5. डींग हाँकना – शेखी बघारना।
    उदाहरण: वह हमेशा अपनी ताकत की डींग हाँकता रहता है।

  6. लुटिया डूब जाना – हार जाना।
    उदाहरण: इस गलती की वजह से उसकी पूरी लुटिया डूब गई।

  7. घर में दिया जलाकर मस्जिद में जलाना – दूसरों को सुधारने से पहले खुद को सुधारना।
    उदाहरण: दूसरों को नसीहत देने से पहले घर में दिया जलाकर मस्जिद में जलाना सीखो।

  8. नक्कारखाने में तूती की आवाज – सुनवाई न होना।
    उदाहरण: इस सभा में मेरी बात की अहमियत नक्कारखाने में तूती की आवाज के समान है।

  9. लेना-देना साढ़े बाईस का – सिर्फ मोल-तोल करना।
    उदाहरण: वह हर चीज में लेना-देना साढ़े बाईस का करने लगता है।

  10. द्रोपदी का चीर – कभी समाप्त न होना।
    उदाहरण: इस विवाद का अंत द्रोपदी के चीर जैसा लग रहा है, जो खत्म ही नहीं हो रहा।

  11. अंडे का शहजादा – अनुभवहीन व्यक्ति।
    उदाहरण: इस जिम्मेदारी को अंडे के शहजादे को मत दो, इसे किसी अनुभवी को सौंपो।

  12. पेट में दाढ़ी होना – छोटी उम्र में ही बुद्धिमान होना।
    उदाहरण: उसकी बातें सुनकर लगता है कि उसके पेट में ही दाढ़ी है, इतनी छोटी उम्र में इतनी समझदारी!

निष्कर्ष

मुहावरे और कहावतें हमारी भाषा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो विचारों को संक्षेप में और प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में मदद करते हैं। वे न केवल भाषा की सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि हमारे संप्रेषण को भी गहराई और प्रभावशाली बनाते हैं। ऊपर दिए गए मुहावरे और कहावतें प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं और इनके सही प्रयोग से आप अपनी भाषा को और भी निखार सकते हैं।

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