गढ़वाली पहेलियाँ: बुद्धि और मनोरंजन की परंपरा - Fortified Puzzles: A Tradition of Wit and Entertainment

गढ़वाली पहेलियाँ: बुद्धि और मनोरंजन की परंपरा

गढ़वाली भाषा में पहेलियाँ (आणा) एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर हैं, जो न केवल मनोरंजन का साधन होती हैं बल्कि बुद्धि की परीक्षा का भी माध्यम हैं। श्री रामनरेश त्रिपाठी के अनुसार, पहेलियों का प्रचलन भारत में वैदिक काल से है, और गढ़वाल में भी इस परंपरा की गहरी जड़ें हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ रोचक गढ़वाली पहेलियाँ और उनके उत्तर:


गढ़वाली आणा (पहेलियाँ) और उनके उत्तर

  1. रात वचि जाँद, दिन मरि जाँद।

    • उत्तर: जानवरों की बाँधने की रस्सी
  2. पट्ट पकड़ा चट्ट मारा।

    • उत्तर: खटमल
  3. घर औंदु वण मुख, वण जादुँ घर मुख।

    • उत्तर: कुल्हाड़ी
  4. सिल्ल-सिल्लकी पाताल विल्लकी।

    • उत्तर: वन्दूक
  5. हाड़ न मास गलगलू गात।

    • उत्तर: जोंक
  6. गजभर कपड़ा, वार पाट तौमि, लगेन तीन सौ साठ।

    • उत्तर: एक वर्ष
  7. छोटी छोयो मिठु कल्यो।

    • उत्तर: मधुमक्खी
  8. धार माँ तिल खत्याँ।

    • उत्तर: तारे
  9. हरी छौं भरी दयौं, मोत्यून जड़ी दौं, पुगड़ा माँ खड़ी घौं।

    • उत्तर: मकई का भुट्टा
  10. वत्तीस में कुट्टारा अर एक नौनी स्वेरदारी।

    • उत्तर: दाँत और जीभ
  11. काली खुंडकि धम्कि आग, मरण बचणु अपणु भाग।

    • उत्तर: बन्दुक
  12. धार मा अधा रोटि।

    • उत्तर: चाँद
  13. छोटि धोयों लम्बु धीपेलो।

    • उत्तर: सुई-धागा
  14. चाँधू बटवा सोनै डोर, चल मेरा बटवा दिल्ली पोर।

    • उत्तर: सूर्य
  15. छोटि छोरि वड़बड़ो रुवोदि।

    • उत्तर: मिर्च

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