गढ़वाली भाषा एवं इसकी उपबोलियाँ
गढ़वाली भाषा उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र की प्रमुख भाषा है। इसके विविध स्वरूप और उपबोलियाँ इस भाषा की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। यहाँ हम गढ़वाली भाषा और इसकी उपबोलियों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. 1455 ई. में जगतपालदेव के देवप्रयाग के ताम्रपत्र से किस बोली की पुष्टि होती है?
- (a) कुमाऊँनी
- (b) जौनसारी
- (c) गढ़वाली
- (d) चौदांसी
उत्तर: (c) गढ़वाली
व्याख्या: 1455 ई. में जगतपालदेव के देवप्रयाग के ताम्रपत्र से गढ़वाली भाषा की पुष्टि होती है, जो उस समय की गढ़वाली समाज की भाषा का प्रमाण है।
2. गढ़वाली भाषा की उत्पत्ति मानी जाती है
- (a) संस्कृत अपभ्रंश से
- (b) शौरसेनी अपभ्रंश से
- (c) हिन्दी अपभ्रंश से
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (b) शौरसेनी अपभ्रंश से
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की उत्पत्ति शौरसेनी अपभ्रंश से मानी जाती है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन मध्यकाल में प्रचलित एक अपभ्रंश भाषा थी।
3. निम्न में से किसने अपनी पुस्तक 'साइंस ऑफ लैंग्वेज' में गढ़वाली को भाषा का एक रूप माना है?
- (a) विलियम जोन्स ने
- (b) फ्रैंक ने
- (c) मैक्समूलर ने
- (d) मैकाइवर एवं पेज ने
उत्तर: (c) मैक्समूलर ने
व्याख्या: प्रसिद्ध भाषाशास्त्री मैक्समूलर ने अपनी पुस्तक 'साइंस ऑफ लैंग्वेज' में गढ़वाली को भाषा का एक रूप माना है, जो गढ़वाली भाषा की वैज्ञानिक पहचान को दर्शाता है।
4. सलाणी, राठी, नागपुरिया आदि बोलियाँ किस भाषा के अन्तर्गत आती हैं?
- (a) कुमाऊँनी
- (b) जनजातीय
- (c) गढ़वाली
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c) गढ़वाली
व्याख्या: सलाणी, राठी, नागपुरिया आदि बोलियाँ गढ़वाली भाषा के अन्तर्गत आती हैं, जो गढ़वाली क्षेत्र के विभिन्न भागों में बोली जाती हैं।
5. निम्नलिखित किस भाषा को कुमाऊँनी एवं गढ़वाली का मिला-जुला रूप कहा जाता है?
- (a) सीराली
- (b) मांझ कुमैया
- (c) बावरी
- (d) जौहारी
उत्तर: (b) मांझ कुमैया
व्याख्या: मांझ कुमैया भाषा को कुमाऊँनी और गढ़वाली का मिला-जुला रूप कहा जाता है, जो इन दोनों भाषाओं के मिश्रित प्रभाव को दर्शाता है।
6. गढ़वाली भाषा की उपबोली ‘राठी' किन क्षेत्रों में बोली जाती है?
- (a) बिनसर
- (b) थलीसैण
- (c) देवलगढ़
- (d) ये सभी
उत्तर: (d) ये सभी
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की उपबोली ‘राठी' बिनसर, थलीसैण, और देवलगढ़ जैसे क्षेत्रों में बोली जाती है, जो इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है।
7. उत्तराखण्ड के किस क्षेत्र में हरियाणवी खड़ी बोली का प्रयोग नहीं होता है?
- (a) हरिद्वार
- (b) कोटद्वार
- (c) रुड़की
- (d) देहरादून
उत्तर: (b) कोटद्वार
व्याख्या: कोटद्वार उत्तराखंड का वह क्षेत्र है जहाँ हरियाणवी खड़ी बोली का प्रयोग नहीं होता है। यह गढ़वाली भाषा का प्रमुख क्षेत्र है।
8. गढ़वाल क्षेत्र के ऊँचाई वाले स्थानों पर कौन-सी 'बोली' बोली जाती है?
- (a) राठी
- (b) गगपरिया
- (c) लोहब्या
- (d) जौनसारी
उत्तर: (d) जौनसारी
व्याख्या: गढ़वाल क्षेत्र के ऊँचाई वाले स्थानों पर जौनसारी बोली जाती है। यह क्षेत्र की पारंपरिक और सांस्कृतिक बोली है।
9. चमोली तथा पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में कौन-सी बोली का प्रयोग होता है?
- (a) भोटिया
- (b) दसौल्या
- (c) बधाणी
- (d) ये सभी
उत्तर: (a) भोटिया
व्याख्या: चमोली और पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में भोटिया बोली का प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट जनजातीय भाषा है।
10. गढ़वाली की कौन-सी उपबोली देहरादून क्षेत्र में प्रचलित है?
- (a) सलाणी
- (b) जौनसारी
- (c) थलीसैणी
- (d) राठी
उत्तर: (b) जौनसारी
व्याख्या: देहरादून क्षेत्र में जौनसारी उपबोली प्रचलित है, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का हिस्सा है।
11. कौन-सी उपबोली पौड़ी गढ़वाल के थलीसैण क्षेत्र में बोली जाती है?
- (a) नागपुरिया
- (b) सलाणी
- (c) लोहब्या
- (d) बधाणी
उत्तर: (a) नागपुरिया
व्याख्या: पौड़ी गढ़वाल के थलीसैण क्षेत्र में नागपुरिया उपबोली बोली जाती है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
12. गढ़वाली भाषा की कौन-सी उपबोली तिब्बत से सटे क्षेत्रों में बोली जाती है?
- (a) भोटिया
- (b) चौंदकोटी
- (c) जौनसारी
- (d) सलाणी
उत्तर: (a) भोटिया
व्याख्या: तिब्बत से सटे क्षेत्रों में भोटिया उपबोली बोली जाती है, जो इन क्षेत्रों के भौगोलिक और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाती है।
13. निम्नलिखित में से कौन-सी उपबोली गढ़वाल के नागपुर क्षेत्र में प्रचलित है?
- (a) बधाणी
- (b) सलाणी
- (c) चौंदकोटी
- (d) नागपुरिया
उत्तर: (d) नागपुरिया
व्याख्या: गढ़वाल के नागपुर क्षेत्र में नागपुरिया उपबोली प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा है।
14. उत्तराखंड के चमोली जिले में मुख्यतः कौन-सी बोली बोली जाती है?
- (a) सलाणी
- (b) नागपुरिया
- (c) भोटिया
- (d) चौंदकोटी
उत्तर: (c) भोटिया
व्याख्या: चमोली जिले में मुख्यतः भोटिया बोली जाती है, जो यहाँ के जनजातीय समाज की प्रमुख भाषा है।
15. 'सीराली' भाषा की उपस्थिति उत्तराखंड के किन क्षेत्रों में देखी जाती है?
- (a) अल्मोड़ा
- (b) चमोली
- (c) टिहरी गढ़वाल
- (d) नैनीताल
उत्तर: (c) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: 'सीराली' भाषा टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में प्रमुख रूप से बोली जाती है, जो गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करती है।
16. गढ़वाली की किस उपबोली को 'मालसी' भी कहा जाता है?
- (a) सलाणी
- (b) नागपुरिया
- (c) जौनसारी
- (d) राठी
उत्तर: (d) राठी
व्याख्या: गढ़वाली की राठी उपबोली को 'मालसी' भी कहा जाता है। यह विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
17. निम्न में से किसने गढ़वाली भाषा के 'व्याकरण' का पहला लेख लिखा?
- (a) पं. गोविन्द शास्त्री
- (b) डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी
- (c) डॉ. शम्भू प्रसाद थपलियाल
- (d) डॉ. भवानन्द सिंह
उत्तर: (b) डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी
व्याख्या: डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी ने गढ़वाली भाषा के 'व्याकरण' का पहला लेख लिखा, जो भाषा की संरचना और नियमों को दर्शाता है।
18. कौन-सी गढ़वाली उपबोली 'जौनपुर' क्षेत्र में बोली जाती है?
- (a) जौनसारी
- (b) सलाणी
- (c) राठी
- (d) थलीसैणी
उत्तर: (a) जौनसारी
व्याख्या: जौनपुर क्षेत्र में जौनसारी उपबोली बोली जाती है, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का हिस्सा है।
19. गढ़वाली भाषा की 'सलाणी' उपबोली का प्रयोग किस क्षेत्र में होता है?
- (a) चमोली
- (b) पौड़ी गढ़वाल
- (c) अल्मोड़ा
- (d) नैनीताल
उत्तर: (b) पौड़ी गढ़वाल
व्याख्या: पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में गढ़वाली भाषा की सलाणी उपबोली का प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
20. गढ़वाली भाषा की 'दसौली' उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है?
- (a) हरिद्वार
- (b) उत्तरकाशी
- (c) देहरादून
- (d) टिहरी गढ़वाल
उत्तर: (d) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में गढ़वाली भाषा की दसौली उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक भाषा है।
21. गढ़वाली भाषा की कौन-सी उपबोली 'पुंछ' क्षेत्र में बोली जाती है?
- (a) भोटिया
- (b) सलाणी
- (c) नागपुरिया
- (d) जौनसारी
उत्तर: (b) सलाणी
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की सलाणी उपबोली 'पुंछ' क्षेत्र में बोली जाती है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का हिस्सा है।
22. गढ़वाली भाषा की कौन-सी उपबोली 'बधाणी' क्षेत्र में प्रचलित है?
- (a) थलीसैणी
- (b) लोहब्या
- (c) नागपुरिया
- (d) सलाणी
उत्तर: (c) नागपुरिया
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की नागपुरिया उपबोली 'बधाणी' क्षेत्र में प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
23. गढ़वाली भाषा की 'गंगापरियाली' उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है?
- (a) रुद्रप्रयाग
- (b) चमोली
- (c) टिहरी गढ़वाल
- (d) पौड़ी गढ़वाल
उत्तर: (a) रुद्रप्रयाग
व्याख्या: रुद्रप्रयाग क्षेत्र में गढ़वाली भाषा की गंगापरियाली उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक भाषा है।
24. 'चौंदकोटी' बोली किन क्षेत्रों में प्रचलित है?
- (a) नैनीताल
- (b) हरिद्वार
- (c) उत्तरकाशी
- (d) देहरादून
उत्तर: (c) उत्तरकाशी
व्याख्या: 'चौंदकोटी' बोली उत्तरकाशी क्षेत्रों में प्रचलित है, जो यहाँ की भाषा और सांस्कृतिक विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
25. गढ़वाली भाषा की उपबोलियाँ 'मालसी', 'लोहब्या', और 'बधाणी' किस क्षेत्र में बोली जाती हैं?
- (a) चमोली
- (b) टिहरी गढ़वाल
- (c) देहरादून
- (d) पौड़ी गढ़वाल
उत्तर: (b) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की उपबोलियाँ 'मालसी', 'लोहब्या', और 'बधाणी' टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में बोली जाती हैं, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषाई पहचान है।
26. गढ़वाली भाषा के किस विद्वान ने 'गढ़वाली भाषा और साहित्य' पर पहली पुस्तक लिखी?
- (a) डॉ. गोविन्द शास्त्री
- (b) पं. गोविन्द शास्त्री
- (c) डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी
- (d) डॉ. शम्भू प्रसाद थपलियाल
उत्तर: (c) डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी
व्याख्या: डॉ. गंगा प्रसाद रतूड़ी ने 'गढ़वाली भाषा और साहित्य' पर पहली पुस्तक लिखी, जो गढ़वाली भाषा के इतिहास और साहित्य को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
27. गढ़वाली भाषा की कौन-सी उपबोली 'बांध' क्षेत्र में प्रचलित है?
- (a) राठी
- (b) सलाणी
- (c) नागपुरिया
- (d) लोहब्या
उत्तर: (d) लोहब्या
व्याख्या: गढ़वाली भाषा की लोहब्या उपबोली 'बांध' क्षेत्र में प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
28. 'बधाणी' भाषा का प्रयोग मुख्यतः किस क्षेत्र में होता है?
- (a) हरिद्वार
- (b) देहरादून
- (c) टिहरी गढ़वाल
- (d) पौड़ी गढ़वाल
उत्तर: (d) पौड़ी गढ़वाल
व्याख्या: पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में 'बधाणी' भाषा का प्रयोग मुख्यतः होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक भाषा है।
29. गढ़वाली की कौन-सी उपबोली को 'गगपरिया' भी कहा जाता है?
- (a) राठी
- (b) लोहब्या
- (c) सलाणी
- (d) नागपुरिया
उत्तर: (b) लोहब्या
व्याख्या: गढ़वाली की लोहब्या उपबोली को 'गगपरिया' भी कहा जाता है। यह विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
30. 'पिथौरागढ़' जिले में मुख्य रूप से कौन-सी उपबोली बोली जाती है?
- (a) भोटिया
- (b) सलाणी
- (c) नागपुरिया
- (d) लोहब्या
उत्तर: (a) भोटिया
व्याख्या: पिथौरागढ़ जिले में मुख्य रूप से भोटिया उपबोली बोली जाती है, जो यहाँ के जनजातीय समाज की प्रमुख भाषा है।
31. गढ़वाली की कौन-सी उपबोली 'रुद्रप्रयाग' में प्रचलित है?
- (a) राठी
- (b) सलाणी
- (c) नागपुरिया
- (d) गगपरिया
उत्तर: (d) गगपरिया
व्याख्या: रुद्रप्रयाग में गढ़वाली की गगपरिया उपबोली प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
32. गढ़वाली भाषा की 'नागपुरिया' उपबोली का प्रयोग मुख्यतः कहाँ होता है?
- (a) देहरादून
- (b) अल्मोड़ा
- (c) पौड़ी गढ़वाल
- (d) चमोली
उत्तर: (c) पौड़ी गढ़वाल
व्याख्या: पौड़ी गढ़वाल में गढ़वाली भाषा की नागपुरिया उपबोली का प्रयोग मुख्यतः होता है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक भाषा का हिस्सा है।
33. 'लोहब्या' बोली किस क्षेत्र में प्रमुखता से बोली जाती है?
- (a) टिहरी गढ़वाल
- (b) देहरादून
- (c) चमोली
- (d) हरिद्वार
उत्तर: (a) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: टिहरी गढ़वाल में 'लोहब्या' बोली प्रमुखता से बोली जाती है, जो यहाँ की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का हिस्सा है।
34. गढ़वाली भाषा की 'सलाणी' उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है?
- (a) हरिद्वार
- (b) टिहरी गढ़वाल
- (c) देहरादून
- (d) अल्मोड़ा
उत्तर: (b) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: टिहरी गढ़वाल में गढ़वाली भाषा की सलाणी उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट सांस्कृतिक भाषा है।
35. गढ़वाली की कौन-सी उपबोली 'पंवाड़ा' में प्रचलित है?
- (a) राठी
- (b) नागपुरिया
- (c) सलाणी
- (d) गगपरिया
उत्तर: (c) सलाणी
व्याख्या: 'पंवाड़ा' क्षेत्र में गढ़वाली की सलाणी उपबोली प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
36. 'बांध' क्षेत्र में किस उपबोली का प्रयोग होता है?
- (a) लोहब्या
- (b) राठी
- (c) नागपुरिया
- (d) सलाणी
उत्तर: (a) लोहब्या
व्याख्या: 'बांध' क्षेत्र में लोहब्या उपबोली का प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
37. 'पौड़ी गढ़वाल' क्षेत्र में मुख्यतः कौन-सी उपबोली बोली जाती है?
- (a) नागपुरिया
- (b) सलाणी
- (c) गगपरिया
- (d) राठी
उत्तर: (a) नागपुरिया
व्याख्या: 'पौड़ी गढ़वाल' क्षेत्र में मुख्यतः नागपुरिया उपबोली बोली जाती है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
38. गढ़वाली भाषा की 'लोहब्या' उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग कहाँ होता है?
- (a) टिहरी गढ़वाल
- (b) अल्मोड़ा
- (c) देहरादून
- (d) चमोली
उत्तर: (a) टिहरी गढ़वाल
व्याख्या: टिहरी गढ़वाल में गढ़वाली भाषा की लोहब्या उपबोली का मुख्य रूप से प्रयोग होता है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक भाषा का हिस्सा है।
39. 'चौंदकोटी' बोली किन क्षेत्रों में प्रचलित है?
- (a) नैनीताल
- (b) हरिद्वार
- (c) उत्तरकाशी
- (d) देहरादून
उत्तर: (c) उत्तरकाशी
व्याख्या: 'चौंदकोटी' बोली उत्तरकाशी क्षेत्रों में प्रचलित है, जो यहाँ की भाषा और सांस्कृतिक विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
40. गढ़वाली की कौन-सी उपबोली 'बधाणी' में प्रचलित है?
- (a) राठी
- (b) सलाणी
- (c) नागपुरिया
- (d) गगपरिया
उत्तर: (c) नागपुरिया
व्याख्या: 'बधाणी' क्षेत्र में गढ़वाली की नागपुरिया उपबोली प्रचलित है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट भाषा का प्रतिनिधित्व करती है।
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