गढ़वाली पहेलियाँ – Garhwali Riddles

 गढ़वाली पहेलियाँ - गढ़वाल की अनोखी सोच

गढ़वाली भाषा और संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा हैं पहेलियाँ। इन पहेलियों में न केवल बुद्धि की परीक्षा होती है बल्कि यह गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती हैं। आइए कुछ अनोखी गढ़वाली पहेलियों को समझें और उनके पीछे छिपे अर्थ को जानें।

1. बूण जांद त घार मुख, घार आंद ते बूण मुख।

  • उत्तर: कुल्हाड़ी
बूण जांद त घार मुख, घार आंद ते बूण मुख।

2. भीदडू बामण की सुना की टोपी।

  • उत्तर: हिसालु (हिस्रा)
भीदडू बामण की सुना की टोपी।

3. काली छौं, कलचुंडी छौ। काला डण्डा रैंदु छौ। लाल पाणी पेंदु छौ।

  • उत्तर: जू

4. घैणा जंगलम स्वाणु बाटू

  • उत्तर: स्यून्द या मांग

 गढ़वाली पहेलियाँ 

5. छुटि छोरी को लम्बू फंदा

  • उत्तर: सुई धागा
 गढ़वाली पहेलियाँ 

6. चम्म चमकी मोती का दाणा। फट हर्चि गीन कैल नी पाणा।

  • उत्तर: ओला

7. फट फूटी घेड़ी, निकलू कालू पाणी। इन्नी मिठू होंद पैली नि जाणी।

  • उत्तर: किन्गोड़

8. उनकि ऊनि छू। ऊनि ले नी देखि। जानी ले नि देखि।

  • उत्तर: नींद

9. एक मनिख का तीन खुट।

  • उत्तर: जैंती, जातीं

10. लस्स खुटी, लस्स पौ। तीन मुंड दस पौ।

  • उत्तर: हल लगाता हुआ किसान

11. हथु -हथु में रैंदु सदनी, पर नीच हाड मांस। ऊँचा डंडा जौंदु छौ जख छौ झक्क घास।

  • उत्तर: कंघी

12. मुंड मा मेरु छारु छौ। इन ना बोल्या जोगी छौ। कमर मेरी पतली छौ, इन ना बुल्या टुटदु छौ। पुटगु मेरु गड़गड़ कनु छौ। इन ना बोल्या रुग्णया छौ।

  • उत्तर: हुक्का चिलम

13. गैरी बबरी, तीतरी बास। गजे सिंह जवँगा मलास।

  • उत्तर: छाछ मथने की आवाज

14. एक सिंग्या खाडू दर दर हगन।

  • उत्तर: जंदरु

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