लिंगुड़ की सब्जी: पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर पहाड़ी जड़ी-बूटी - Lingud Ki Sabzi: A Nutritious and Medicinal Mountain Herb
Lingud ke Poshan aur Aushdhiya Gun (लिंगुड़ के पोषण और औषधीय गुण)
लिंगुड़ की सब्जी: पौष्टिकता और औषधीय गुणों से भरपूर एक जंगली पहाड़ी सब्जी
परिचय:
लिंगुड़ एक फर्न (Fern) है, जो समुद्र तल से लेकर 1500 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है, और कहीं-कहीं इसे 2300 मीटर की ऊंचाई पर भी देखा गया है। अधिकतर लिंगुड़ के पौधे लगभग 80 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं। लिंगुड़ का मूल जन्म स्थल दक्षिण-पूर्वी एशिया है, जो भारतीय उपमहाद्वीप को भी इसके मूल स्थान के रूप में दर्शाता है।
आयुर्वेदिक ग्रंथ जैसे चरक संहिता में भी फर्न के विभिन्न प्रकारों के उपयोग का उल्लेख मिलता है। लिंगुड़ भारत, चीन, तिब्बत, मलेशिया, कम्बोडिया, लाओस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, कोरिया आदि देशों में पाया जाता है। भारत में हिमालय की पहाड़ियों में लिंगुड़ का उपयोग सब्जी और औषधि के रूप में किया जाता है।
लिंगुड़ की पौष्टिकता:
100 ग्राम लिंगुड़ की पत्तियों में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:
- पानी: 90 मिलीग्राम
- प्रोटीन: 3.1 ग्राम
- फाइबर: 1.2 ग्राम
- राख: 1.2 ग्राम
- पोटैशियम: 115 मिलीग्राम
- कैल्शियम: 22 मिलीग्राम
- लौह: 1.2 मिलीग्राम
यह पौष्टिक तत्व लिंगुड़ को एक महत्वपूर्ण आहार बनाते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह प्राकृतिक रूप से उगता है और इसे स्थानीय व्यंजनों में शामिल किया जाता है।
लिंगुड़ के औषधीय गुण:
लिंगुड़ का उपयोग दस्त, कब्ज आदि के इलाज में औषधि के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, माताओं को बच्चा पैदा होने के बाद इसे टॉनिक के रूप में दिया जाता है। रुधिर रोकने में भी कुछ देशों में लिंगुड़ का उपयोग किया जाता है। वैज्ञानिकों अमित सेमवाल और ममता सिंह के अनुसार, गढ़वाल-कुमाऊं में लिंगुड़ के कई लोक औषधीय उपयोग हैं जैसे - दस्त दूर करने, टॉनिक, जुकाम, खांसी, पेट के दर्द, पेट की कृमियों को दूर करने, कीड़े-मकोड़ों को दूर करने आदि।अमित सेमवाल ने सिद्ध किया है कि लिंगुड़ में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। वहीं, वैज्ञानिक ध्यानी ने भी अपने एक लेख में लिखा है कि लिंगुड़ गढ़वाल में आयुर्वेदिक औषधि में अष्टवर्ग पौधों में से एक महत्वपूर्ण पौधा है।
लिंगुड़ की सब्जी:
लिंगुड़ दो प्रकार के होते हैं: एक खाने योग्य और दूसरे विषैले या ना खाने योग्य। सब्जी बनाने के लिए केवल मुड़ी हुई कच्ची उम्र की लाल-भूरी रंग की कोपल/डंठल का ही उपयोग किया जाता है।
- सफाई: सबसे पहले लिंगुड़ की डंठलों को कपड़े से साफ किया जाता है, जिससे डंठल से रेसे निकल जाएं।
- उबालना: फिर लिंगुड़ को राई जैसे काटकर या सीधा उबालते हैं, और उबाले डंठलों को काटा जाता है।
- पानी निथारना: उबली कटी डंठलों के पानी को निथार कर इन्हें थाली में रख दिया जाता है।
- तड़का: कढ़ाई में कड़वा तेल गर्म किया जाता है और उसमें जख्या/जीरा/धनिया या भांग का तड़का छौंका डाला जाता है।
- पकाना: फिर उबले-कटे लिंगुड़ डालकर भूना जाता है और साथ में मसाले, नमक, टमाटर डालकर पांच-सात मिनट तक पकने दिया जाता है।
गर्मियों के मौसम में पहाड़ों में प्याज की पत्तियों के साथ लिंगुड़ की मिश्रित सब्जी भी बनाई जाती है। इसके अलावा, लिंगुड़ का सुक्सा (सूखा) और अचार भी बनाया जाता है।
लिंगुड़ की जंगली सब्जी:
लिंगुड़ को पहाड़ों में 'लिंगड़', 'लिंगुड़ा', 'लुंगड़ू' और 'कसरोड' जैसे नामों से जाना जाता है। यह जंगली सब्जी बरसात के मौसम में पहाड़ों पर प्राकृतिक रूप से उगती है और गाड़-गधेरों के पास नमी वाली जगहों में अधिक पाई जाती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में यह बहुत लोकप्रिय है और इसे स्थानीय मंडियों में भी बेचा जाता है।
वेब एमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, लिंगुड़ की सब्जी को प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन समेत कई पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। लगभग एक कटोरी लिंगुड़ की सब्जी में 6 ग्राम प्रोटीन, 3 ग्राम फाइबर, 2 मिलीग्राम आयरन, 31 मिलीग्राम विटामिन सी, 8 ग्राम कार्ब्स और 1 ग्राम फैट पाया जाता है। इस सब्जी में कई पावरफुल फैटी एसिड और भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
लिंगुड़ के अन्य उपयोग:
लिंगुड़ का उपयोग केवल सब्जी बनाने में ही नहीं होता, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण इसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है। जैसे कि, लिंगुड़ का उपयोग दस्त, कब्ज, पेट के कीड़े, और जुकाम आदि के इलाज में किया जाता है। इसके अलावा, यह महिलाओं को प्रसव के बाद टॉनिक के रूप में भी दिया जाता है।
लिंगुड़ का उपयोग जापान और मलेशिया में सलाद और अचार के रूप में भी किया जाता है। इन देशों में इसे तलकर पोल्ट्री उत्पादों के साथ मिलाकर व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जिससे इन उत्पादों में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होने वाली बीमारियों का अंदेशा कम हो जाता है।
समापन:
लिंगुड़, एक साधारण सी जंगली सब्जी होने के बावजूद, अपने अंदर अनगिनत पोषक और औषधीय गुण समेटे हुए है। यह ना केवल एक स्वादिष्ट सब्जी है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। पहाड़ों में इसे पारंपरिक रूप से विभिन्न व्यंजनों में शामिल किया जाता है, और आजकल यह बाजारों में भी अपनी पहचान बना चुका है। इसलिए, इसे अपनी डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्वास्थ्य और स्वाद दोनों को प्राथमिकता देते हैं।
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