भगवती माँ काली की आरती और मंत्र - Aarti and mantra of Goddess Kali

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भगवती माँ काली की आरती और मंत्र

भगवती माँ काली शक्ति और करुणा की देवी मानी जाती हैं। उनका रूप क्रोध और शांति दोनों का समन्वय है। माँ काली की पूजा भक्तों के जीवन में सुरक्षा, शांति, और समृद्धि लाती है। इस लेख में हम माँ काली की आरती और उनके प्रभावशाली मंत्रों के बारे में जानेंगे, जो विभिन्न प्रकार की समस्याओं और कष्टों को दूर करने में सहायक होते हैं।

माँ काली की आरती

ओ अंबे, तू है जगदंबे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥

तेरे जगत के भक्त जनों पर पीर पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी।
सौ-सौ सिंहों-सी तू बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारंती, औ मैया...॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता।
सब पर करुणा दर्शाने वाली, सबको हरशाने वाली,
नैया भंवर से उबारती, ओ मैया...॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना,
हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा-सा कोना।
सब पर अमृत बरसाने वाली, विपदां मिटाने वाली,
सतियों के सत को संवारती, ओ मैया...॥

आदि शक्ति भगवती भवानी, हो जग की हितकारी,
जिसने याद किया आई माँ, करके सिंह सवारी।
मैया करती कृपा किरपाली, रखती जन की रखवाली,
दुष्टों को पल में माता मारती, ओ मैया...॥

भक्त तुम्हारे निशदिन मैया, तेरे ही गुण गावैं,
मनवांछित वर दे दे इनको, तुझसे ही ध्यान लगावें।
मैया तू ही वर देने वाली, जाय न कोई खाली,
दर पै तुम्हारे माता मांगती, ओ मैया...॥

चरण-शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली,
वरदहस्त सर पर रख दो, माँ संकट हरने वाली।
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती, ओ मैया...॥

मंत्र-प्रकरण

1. सामूहिक कल्याण के लिए मंत्र

माँ काली का यह मंत्र समस्त जीवों के कल्याण के लिए है। इसका जप प्रतिदिन 21 माला चैत्र या आश्विन मास की शुक्ल सप्तमी से कृष्ण सप्तमी तक किया जाता है।

मंत्र:
देव्या यया तदमिदं जगदात्मशक्त्या
निश्शेष देवगण शक्तिसमूह मूर्त्या।
तामम्बिकामाखिल-देव महर्षि पूज्यां
भक्त्या नताःस्म विदधातु शुभानि सा नः॥

2. रोगनाशक मंत्र

यह मंत्र रोगियों के कष्टों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका जप प्रतिदिन 11 माला होना चाहिए।

मंत्र:
रोगानशेषान पहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

3. पितृदोष निवारण मंत्र

पितृ दोष से घर में शांति नष्ट हो जाने पर इस मंत्र का जप किया जाता है। यह मंत्र परिवार में सुख और शांति लाता है।

मंत्र:
"ॐ श्रीं सर्वपितृ निवारणाय क्लेश दन दन सुख शांति देहि देहि फट्स्वाहा।"

4. गृह कलह मुक्ति मंत्र

इस मंत्र का प्रयोग रुद्राक्ष की माला से नवरात्र के सातवें दिन 108 बार करना चाहिए।

मंत्र:
धां धीं धूर्जटेः पत्नी वां वीं दूं वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रू कालिका देव शां शीं शू में शुभं कुरु॥

5. सम्मोहन मंत्र

सम्मोहन के लिए इस मंत्र का जप हकीक की माला से 21 माला किया जा सकता है, लेकिन इसे केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए ही प्रयोग करना चाहिए।

मंत्र:
समोहिनी महाविद्ये जंभय स्तम्भय मोहय आकर्षणं पालय महा सम्मोहिनीं ठः।

कालरात्रि (काली) के वाहन का रहस्य

कालरात्रि या माँ काली का वाहन गजराज ऐरावत है, जो हस्तेन्द्रिय का प्रतीक है। इन्द्र की तड़ित शक्ति को ऐन्द्री कहा जाता है, और यह शक्ति माँ काली के भीतर समाहित है। उनका वाहन ऐरावत भी इस ऊर्जा का प्रतीक है।


माँ काली की भक्ति और उनके मंत्रों का साधना जीवन में शांति, सुरक्षा और सकारात्मकता लाता है। कठिनाइयों का सामना करते समय माँ काली की पूजा और आराधना से असंभव भी संभव हो जाता है।

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