सिद्धिदात्री माता की आरती: नवरात्रि के नौवें दिन की पूजा विधि और मंत्र - Aarti of Siddhidatri Mata: Worship method and mantras for the ninth day of Navratri.

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सिद्धिदात्री माता की आरती: नवरात्रि के नौवें दिन की पूजा विधि और मंत्र

सिद्धिदात्री माता का महत्व

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री माता की उपासना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सिद्धिदात्री माता की पूजा करने से भक्तों के सभी शोक, भय और रोग का नाश हो जाता है। साथ ही, जीवन में होने वाली अनहोनी से भी माता रक्षा करती हैं और मोक्ष का मार्ग प्रदान करती हैं।

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि सरल है, लेकिन इसका महत्व असीम है। यहां हम उनके पूजन की विधि और आरती से लेकर मंत्रों तक की जानकारी देंगे, जो आपकी नवरात्रि पूजा को पूर्ण बनाती है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि:

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल तैयार करें और मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. फल-फूल, प्रसाद आदि अर्पित करें और ज्योति प्रज्वलित करें।
  4. मां की आराधना करते हुए उनके लिए भोग लगाएं।
  5. सिद्धिदात्री माता की आरती करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

मां सिद्धिदात्री का भोग:

मां को चना, पूरी, खीर, नारियल, मौसमी फल और हलवा अतिप्रिय है। इनका भोग लगाने से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं।

मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।  
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।  

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।  
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।  

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।  
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।  

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।  
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।  

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।  
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।  

तू सब काज उसके करती है पूरे।  
कभी काम उसके रहे ना अधूरे।  

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।  
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।  

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।  
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।  

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।  
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।  

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।  
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली देवी हैं। उनका वाहन सिंह है और वे कमल पुष्प पर आसीन होती हैं। उनके दाहिने हाथ में कमल पुष्प और अन्य हाथों में शक्ति के प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को अष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं और उनका आशीर्वाद सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।  
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।  
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्री की कृपा से मिलने वाली सिद्धियां

मां सिद्धिदात्री की आराधना से भगवान शिव ने आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं। जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां की पूजा करते हैं, उन्हें भी इन सिद्धियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मां सिद्धिदात्री का ध्यान मंत्र

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।  
मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

मां सिद्धिदात्री के अन्य महत्वपूर्ण मंत्र

  • सफलता के लिए मंत्र:
    ॐ हुं फट्

  • धन प्राप्ति के लिए मंत्र:
    ॐ श्रीं श्रियै नम

  • नवग्रह शांति मंत्र:
    ॐ नमो भास्कराय मम् सर्वग्रहाणां पीड़ा नाशनं कुरु कुरु स्वाहा।

  • रोग से मुक्ति के लिए मंत्र:
    ॐ परात्मन परब्रह्म मम् शरीरं, पाहि-पाहि कुरु-कुरु स्वाहा

  • भय नाशक मंत्र:
    ॐ हं हनुमते नम:

  • परिवार की रक्षा के लिए मंत्र:
    ह्रीं ह्रीं ह्रीं

  • मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु मंत्र:
    ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:

  • बौद्धिक शक्ति प्राप्ति हेतु मंत्र:
    ॐ गं गणपतये नम:


नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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