माँ कूष्माण्डा की महिमा पर सर्वश्रेष्ठ कविता - Best poem on the glory of Maa Kushmanda

माँ कूष्माण्डा की महिमा पर सर्वश्रेष्ठ कविता

"माँ कूष्माण्डा की महिमा अपरम्पार"

माँ कूष्माण्डा की महिमा अपरम्पार,
जिनके बिना अधूरा है ये संसार।
सूरज से भी उज्जवल उनका तेज,
उनकी ममता से मिलता सबको अवलंबन और स्नेह।

हंसते हुए किया सृष्टि का सृजन,
उनकी हंसी में बसा सारा जीवन।
चौथे नवरात्र की पावन ये बेला,
माँ की पूजा से दूर हो हर पीड़ा की धारा।

सूर्यमंडल के मध्य विराजतीं हैं माँ,
उनकी कृपा से मिलता है जीवन का रास्ता।
हर भक्त के मन में उमंग जगातीं,
दुखों के सागर से पार लगातीं।

उनकी शक्ति से हर अंधकार हो जाए दूर,
उनके चरणों में है हर समस्या का नाश ज़रूर।
माँ कूष्माण्डा की भक्ति से मिलती है शक्ति,
उनके आशीर्वाद से जीवन में आती है युक्ति।

हे माँ, तेरी महिमा का कोई ओर नहीं,
तेरी कृपा से मिलती है जीवन की डोर सही।
तेरे चरणों में झुके हर भक्त का शीश,
तेरी भक्ति से जीवन में बरसता है प्रेम और प्रकाश।

जय माँ कूष्माण्डा, हर दिल में हो तेरा वास,
तेरे आशीर्वाद से हर जीवन में हो उल्लास।
संकटों का हर द्वार तू बंद कर दे,
अपने भक्तों को सदा तू आनंद दे!


नवरात्रि की शुभकामनाएं

नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा से जीवन में नई रोशनी का संचार करें। माँ की महिमा से हर संकट का अंत होता है, और जीवन में खुशियों का उदय होता है। माँ कूष्माण्डा के चरणों में समर्पित होकर उनके आशीर्वाद से सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त करें।


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