स्कंदमाता की पूजा: स्तोत्र पाठ और आरती - Worship of Skandamata: Stotra Recitation and Aarti

स्कंदमाता की पूजा: स्तोत्र पाठ और आरती

नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा विशेष महत्व रखती है। स्कंदमाता, महादेवी के नवदुर्गा रूपों में से पांचवीं हैं और इनकी पूजा से भक्तों को असीम लाभ प्राप्त होता है। मां स्कंदमाता की उपासना से जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए कौन-कौन से स्तोत्र और आरती का पाठ करना चाहिए, और कैसे इनकी पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं।

स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए स्तोत्र पाठ

स्त्रोत:

नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्।
समग्रतत्वसागररमपारपार गहराम्॥
शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्।
ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रीन्तिभास्कराम्॥
महेन्द्रकश्यपार्चिता सनंतकुमाररसस्तुताम्।
सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलादभुताम्॥
अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्।
मुमुक्षुभिर्विचिन्तता विशेषतत्वमुचिताम्॥
नानालंकार भूषितां मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्।
सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेन्दमारभुषताम्॥
सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्रकौरिघातिनीम्।
शुभां पुष्पमालिनी सुकर्णकल्पशाखिनीम्॥
तमोन्धकारयामिनी शिवस्वभाव कामिनीम्।
सहस्त्र्सूर्यराजिका धनज्ज्योगकारिकाम्॥
सुशुध्द काल कन्दला सुभडवृन्दमजुल्लाम्।
प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरं सतीम्॥
स्वकर्मकारिणी गति हरिप्रयाच पार्वतीम्।
अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥
पुनःपुनर्जगद्वितां नमाम्यहं सुरार्चिताम्।
जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवीपाहिमाम्॥
ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मघरापरा।
हृदयं पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥
श्री हीं हुं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।
सर्वांग में सदा पातु स्कन्धमाता पुत्रप्रदा॥
वाणंवपणमृते हुं फ्ट बीज समन्विता।
उत्तरस्या तथाग्नेव वारुणे नैॠतेअवतु॥
इन्द्राणां भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।
सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥

मां स्कंदमाता की आरती

आरती:

जय तेरी हो स्कन्दमाता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई

स्कंदमाता की पूजा के लाभ

मां स्कंदमाता की पूजा से जीवन में निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • सफलता और समृद्धि: मां स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और समृद्धि का मार्ग खुलता है।

  • मोक्ष की प्राप्ति: भक्त मां की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं, जो जीवन के सभी बंधनों से मुक्ति दिलाता है।

  • संकटों से मुक्ति: मां की पूजा से हर प्रकार के संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

  • पुत्र प्राप्ति: विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की उपासना अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।

नवरात्रि के इस विशेष अवसर पर, मां स्कंदमाता की उपासना करके आप उनके आशीर्वाद से जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं। इस पूजा को विधिपूर्वक करके मां की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।

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